मांग के आधार पर कोविड-19 जांच की आईसीएमआर ने अनुमति दी

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अपनी कोविड-19 जांच रणनीति की समीक्षा कर नया परामर्श जारी किया है. परिषद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोविड जांच नहीं होने के आधार पर आपात सेवा में देरी नहीं की जानी चाहिए और गर्भवती महिला को जांच की सुविधा नहीं होने के आधार पर रेफर नहीं किया जाना चाहिए.

(फोटो: रॉयटर्स)

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अपनी कोविड-19 जांच रणनीति की समीक्षा कर नया परामर्श जारी किया है. परिषद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोविड जांच नहीं होने के आधार पर आपात सेवा में देरी नहीं की जानी चाहिए और गर्भवती महिला को जांच की सुविधा नहीं होने के आधार पर रेफर नहीं किया जाना चाहिए.

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(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी कोविड-19 जांच रणनीति की समीक्षा कर नया परामर्श जारी किया है, जिसमें व्यक्ति की मांग पर संक्रमण की जांच करने की अनुमति दी गई है. हालांकि, राज्यों को अपने विवेकाधिकार के आधार पर इसमें संशोधन करने की अनुमति भी दी गई है.

आईसीएमआर ने देशों या भारतीय राज्यों में प्रवेश के दौरान कोविड-19 जांच रिपोर्ट का निगेटिव होना अनिवार्य किए जाने के मद्देनजर सभी व्यक्तियों को मांग के आधार पर जांच कराने का सुझाव दिया है.

आईसीएमआर ने शुक्रवार को ‘भारत में कोविड-19 जांच रणनीति परामर्श’ (चौथा संस्करण) जारी किया. इसमें कहा गया है कि राज्य मांग के अनुरूप जांच और नियम कायदों में बदलाव कर सकते हैं.

इसमें यह भी सलाह दी गई है कि निषिद्ध क्षेत्र में रह रहे 100 प्रतिशत लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की जानी चाहिए, खासतौर पर उन शहरों में जहां बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है.

आईसीएमआर ने जोर दिया कि कोविड जांच नहीं होने के आधार पर आपात सेवा में देरी नहीं की जानी चाहिए और गर्भवती महिला को जांच की सुविधा नहीं होने के आधार पर रेफर नहीं किया जाना चाहिए.

परामर्श में कोविड-19 जांच की मौजूदा सिफारिशों का विस्तार किया गया है और चार भागों- निषिद्ध क्षेत्र में नियमित निगरानी, प्रवेश बिंदु पर जांच, गैर निषिद्ध क्षेत्र में नियमित निगरानी, अस्पतालों की स्थापना और मांग पर जांच- में बांटा गया है और प्राथमिकता के आधार पर जांच के प्रकार (आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट या सीबनैट और रैपिड एंटीजन जांच) को सूचीबद्ध करने को कहा गया है.

आईसीएमआर ने कहा कि आरटी-पीसीआर/ट्रूनेट/सीबीनैट की एक ही जांच संक्रमण की पुष्टि के लिए होनी चाहिए, कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र और अस्पताल से छुट्टी दिए जाने बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं है.

आईसीएमआर के मुताबिक रैपिड एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण सामने आते हैं तो दोबारा रैपिड एंटीजन जांच या आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए.

बता दें कि इस वक्त भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद कोरोना वायरस से तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है.

देश में बीते 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 86,432 नए मामले सामने आए, जिससे कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 40,23,179 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटे में 1,089 मरीजों की मौत हुई है, जिन्हें मिलाकर अब तक देश में कुल 69,561 संक्रमितों की मौत हो चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)