ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर को विदेशी चंदा लेने पर रोक लगा दी गई थी. सचखंड श्री हरमंदिर साहेब श्री दरबार साहेब पंजाब एसोसिएशन को विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम तहत पंजीकरण दिया गया है. संगठन को मिला एफसीआरए पंजीकरण पांच वर्ष के लिए वैध रहेगा.
नई दिल्ली: साल 1984 के बाद पहली बार स्वर्ण मंदिर को केंद्र सरकार से विदेशी चंदा लेने की मंजूरी मिल गई है. ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर को विदेशी चंदा इकट्ठा करने पर रोक लगा दी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमृतसर स्थित एक संगठन को स्वर्ण मंदिर के श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए बुधवार को विदेशी फंड लेने की अनुमति दे दी.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि सचखंड श्री हरमंदिर साहेब श्री दरबार साहेब पंजाब एसोसिएशन को विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम, 2010 तहत पंजीकरण दिया गया है. संगठन को मिला एफसीआरए पंजीकरण पांच वर्ष के लिए वैध रहेगा.
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को श्री हरमंदिर साहब के नाम से भी जाना जाता है. स्वर्ण मंदिर में लंगर सेवा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा प्रदान की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, सचखंड श्री हरमंदिर साहेब श्री दरबार साहेब पंजाब एसोसिएशन ने 27 मई को पंजीकरण के लिए आवेदन किया था. यह संगठन पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के श्रद्धालुओं की सेवा में लंगर चला रहा है.
साल 1925 में स्थापित किया गया यह संगठन अब तक देश के भीतर ही दान ले रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एफसीआरएफ पंजीकरण प्रदान किए जाने के बाद अब संगठन विदेशी सहयोग भी ले सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, स्वर्ण मंदिर एक सामुदायिक रसोई चलाने पर सालाना 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है, जो सभी के लिए मुफ्त है. स्वर्ण मंदिर को मिलने वाला दान उसकी आय का मुख्य स्रोत है, जिससे करीब 12 हजार कर्मचारियों के साथ उसकी गतिविधियां संचालित होती हैं. पिछले साल उसे 250 करोड़ रुपये से अधिक दान मिला था.
स्वर्ण मंदिर के लिए एफसीआरए पंजीकरण अग्रणी कदम: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमृसतर के स्वर्ण मंदिर को विदेशी चंदा प्राप्त करने की अनुमति देने का सरकार का फैसला एक अग्रणी कदम है और यह एक बार फिर सिख समुदाय की असाधारण सेवा भावना को प्रदर्शित करेगा.
शाह ने ट्वीट किया, ‘श्री हरमंदिर साहब के लिए एफसीआरए पर फैसला पथप्रवर्तक है जो एक बार फिर हमारे सिख भाई-बहनों की असाधारण सेवा भावना को प्रदर्शित करेगा.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्य हैं कि ‘वाहे गुरु जी’ ने उनसे ‘सेवा’ ली है.
शाह ने कहा, ‘श्री दरबार साहिब की दिव्यता हमें शक्ति देती है. दशकों तक विश्व भर की संगत वहां सेवा करने में असमर्थ थी. श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए की अनुमति देने का मोदी सरकार का फैसला श्री दरबार साहिब और दुनिया भर के संगत के बीच सेवा के जुड़ाव को और गहरा करता है. एक धन्य पल है.’
Sri Darbar Sahib’s divinity gives strength to us. For decades, the Sangat worldwide was unable to serve there. Modi Government’s decision to allow FCRA to the Sri Harmandir Sahib deepens the connect of Seva between the Sangat globally and the Sri Darbar Sahib. A blessed moment!
— Amit Shah (@AmitShah) September 10, 2020
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री एवं अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने स्वर्ण मंदिर को एफसीआरए पंजीकरण देने के लिए शाह का धन्यवाद किया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि गृह मंत्रालय ने श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए के तहत मंजूरी दी है. यह मंदिर को पूरे विश्व से ‘सेवा’ प्राप्त करने में समर्थ बनेगा और गुरु साहेब के ‘सरबत दा भला’ दर्शन के प्रचार में प्रभावी होगा. इसे संभव बनाने के लिए मैं अमित शाह जी की शुक्रगुजार हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)