सीबीआई ने देश के पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा के अलावा पूर्व एयर वाइस मार्शल जसबीर सिंह पनेसर, पूर्व डिप्टी चीफ टेस्ट पायलट एसए कुंटे, सेवानिवृत्त विंग कमांडर थॉमस मैथ्यू और (रिटा.) ग्रुप कैप्टन एन. संतोष के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी है.
बता दें कि शशिकांत शर्मा ने बाद में महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक (कैग) का पद भी संभाला था.
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में कथित भ्रष्टाचार मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल करने के लिए तैयार है.
जांचकर्ताओं को शर्मा और भारतीय वायुसेना के चार पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिसके बाद उन्होंने इनके खिलाफ केस चलाने के लिए मंजूरी मांगी है.
सीबीआई के मुताबिक, इस सौदे के लिए तकनीकी जरूरतों को बदल दिया गया था ताकि अगस्ता वेस्टलैंड को इससे फायदा पहुंच सके. इस सौदे के कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल और कार्लो गेरोसा और गाइडो हैस्चे थे.
गेरोसा और हास्चे कथित तौर पर पूर्व आईएएस प्रमुख एसपी त्यागी के परिवार को संभाल रहे थे जबकि मिशेल रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस सौदे पर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 2013 में संप्रग सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला सामने आया था. इसमें कई भारतीय राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों पर अगस्ता वेस्टलैंड से मोटी घूस लेने का आरोप है.
भारत ने इतावली कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था. यह सौदा 2010 में 3,600 करोड़ रुपये में हुआ था.
ऐसे आरोप हैं कि इस सौदे के लिए टेंडर के मापदंड में बदलाव किए गए थे, जैसे कि हेलीकॉप्टर की ऊंचाई को 6,000 मीटर से कम कर 4,500 मीटर करने का फैसला किया गया था ताकि अगस्ता वेस्टलैंड इस सौदे के लिए बोली लगाने के योग्य हो जाए, जिसके लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने कथित तौर पर भुगतान किया था.
सीबीआई ने शुरुआती जांच के बाद 14 मार्च 2013 में एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एसपी त्यागी और 12 अन्य को आरोपी बनाया गया था. इसके साथ ही चार कंपनियां भी आरोपित थी.
आरोपियों में त्यागी के परिवार के तीन सदस्य और तीन बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल, कार्लो गेरोसा और गाइडो हैस्चे भी शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जांच शुरू की थी.