पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच युवकों को चीन की सेना द्वारा कथित तौर अपहृत करने का मामला सामने आया था. सेना ने कहा है एक साल में यह तीसरी घटना है और सभी को वापस लाया गया है.
नई दिल्ली: बीते एक सितंबर से अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा से लापता हुए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत को सौंप दिया है. सेना ने इसकी जानकारी दी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह चीनी क्षेत्र में युवकों को वापस सौंपा गया, जिसके बाद वे भारतीय क्षेत्र की ओर आए और फिर दोपहर तक किबीतू सीमा से होते हुए अरुणाचल प्रदेश में दाखिल हुए.
सेना ने एक बयान में कहा, ‘युवकों को अब कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा और उसके बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा.’
Indian Army took over all five individuals at Kibitu on 12 Sep 2020 after completing all the formalities. Individuals will now be quarantined for 14 days as per COVID-19 protocol and will thereafter be handed over to their family members.@adgpi @ProAssam
— 𝐏𝐚𝐥𝐚𝐤 𝐒𝐡𝐚𝐫𝐦𝐚 (@Palaksharmanews) September 12, 2020
उनकी पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिगलिंग, दोंगतू इबिया, तनू बाकर और नागरु दिरी के तौर पर की गई है और पांचों तागिन समुदाय के हैं.
बीते पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि चीन-भारत सीमा पर स्थित अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले के जंगल में शिकार करने गए पांच लोगों को चीन की पीएलए द्वारा कथित तौर पर अपहृत किए जाने की खबर आने के बाद राज्य पुलिस जांच शुरू कर दी है.
युवकों के परिवारों ने बताया था कि यह घटना शुक्रवार को जिले के नाचो इलाके में हुई. लापता लोगों के साथ गए दो लोग किसी तरह बचकर आने में कामयाब हुए और उन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी.
बहरहाल युवकों की वापसी पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट कर कहा कि वह यह जानकर खुश हैं कि पांचों लोगों को (चीन द्वारा) सौंप दिया गया है. उन्होंने सरकार और सेना को धन्यवाद दिया.
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने ट्वीट कर कहा था, ‘चीनी पीएलए ने भारतीय सेना को अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को हमारे पक्ष में सौंपने की पुष्टि की है. सौंपने की संभावना कल यानी 12 सितंबर 2020 को किसी भी समय निर्धारित स्थान पर होने की संभावना है.’
सेना ने एक बयान में कहा था कि एक सितंबर से गायब पांचों युवक शिकारी थे. हालांकि, उनके परिवारों का कहना था कि ये युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे.
सेना ने अपने बयान में कहा था, ‘भारतीय सेना के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप ऊपरी सुबनसिरी में एलएसी के भारतीय पक्ष से लापता पांच युवकों का पता लगाया गया, जो अनजाने में चीन की सीमा में प्रवेश कर गए थे. चीनी सेना ने 8 सितंबर को हॉटलाइन पर जवाब दिया और इस बात की पुष्टि की थी.’
सेना ने कहा कि इसे लेकर इस तरह की तीन घटनाएं इस साल अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी और पश्चिम सियांग जिलों में हो चुकी हैं और सभी को घर वापस लाया गया है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मार्च में 21 वर्षीय युवक तोगली सिनकम को पीएलए ने मैकमहोन रेखा के नजदीक असापिला सेक्टर में पकड़ लिया था, जबकि उसके दो दोस्त बचकर भागने में कामयाब हुए थे. पीएलएल ने करीब 19 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद युवक को रिहा किया था.
बता दें कि सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) स्थानीय लोगों का इस्तेमाल लंबी दूरी की गश्त के दौरान कुली, गाइड और स्काउट के रूप में करती है. उन्हें भारत और चीन के बीच प्रभावी सीमा मैकमहोन रेखा के साथ सभी सामरिक बिंदुओं पर आपूर्ति करने के लिए पोर्टर्स से मदद की आवश्यकता होती है.