उत्तर प्रदेशः नए विशेष सुरक्षा बल का गठन, होगा बिना वारंट तलाशी-गिरफ़्तारी का अधिकार

योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में एक नए विशेष सुरक्षा बल का गठन करने जा रही है, जिसकी शक्तियां सीआईएसएफ के समान ही होगी. बताया गया है कि बल का कोई भी सदस्य मजिस्ट्रेट के किसी आदेश और वारंट के बिना किसी को गिरफ़्तार कर सकता है, साथ ही इसे बिना वारंट तलाशी लेने का अधिकार भी होगा.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में एक नए विशेष सुरक्षा बल का गठन करने जा रही है, जिसकी शक्तियां  सीआईएसएफ के समान ही होगी. बताया गया है कि बल का कोई भी सदस्य मजिस्ट्रेट के किसी आदेश और वारंट के बिना किसी को गिरफ़्तार कर सकता है, साथ ही इसे बिना वारंट तलाशी लेने का अधिकार भी होगा.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में एक नए विशेष सुरक्षा बल का गठन करने जा रही है. इस बल की शक्तियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) के समान ही होगी.

राज्य सरकार ने रविवार को बताया कि इस सुरक्षाबल के पास बिना वारंट के किसी की भी तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार का अधिकार होगा.

इस नए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षाबल (यूपीएसएसएफ) का काम अदालतों, हवाईअड्डों, प्रशासनिक अदालतों, मेट्रो, बैंक और अन्य सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा करना होगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार रात सिलसिलेवार ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

https://twitter.com/UPGovt/status/1305198861820915712

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी के हवाले से इन ट्वीट में कहा गया, ‘राज्य में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 को लागू किया गया है. यह फोर्स उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट, जिला अदालतों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर, तीर्थ स्थल, मेट्रो, हवाईअड्डों, बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगा.’

ट्वीट में कहा गया, ‘इस बटालियन के गठन पर कुल 1747.06 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च होगा जिसमें वेतन भत्ते एवं अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं. ‘

ट्वीट में कहा गया, ‘महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु मौजूदा समय में 9,919 कर्मी कार्यरत होंगे. विशेष सुरक्षाबल के रूप में प्रथम चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है. इन बटालियन के गठन हेतु कुल 1,913 नए पदों का सृजन किया जाएगा.’

ट्वीट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के हवाले से बताया गया है कि बल का कोई भी सदस्य मजिस्ट्रेट के किसी भी आदेश और वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. इसके साथ ही वारंट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी.

हालांकि, सरकार के इस कदम को लेकर कई तरह के सवाल उठाए हैं. कई आलोचकों का कहना है कि तलाशी लेने और गिरफ्तार करने के अधिकार का दुरुपयोग किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षाबल के नाम से गठित इस नए सुरक्षाबल का मुख्यालय लखनऊ में होगा और इसका नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा.

बता दें कि 26 जून को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए योगी कैबिनेट ने इस सुरक्षाबल के गठन की मंजूरी दी थी.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि विशेष सुरक्षा बल गठित करने का आदेश जारी हो गया है. अधिनियम सदन में पारित हुआ था और अब प्रभावी हो गया.

इसके साथ यह भी कहा गया उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षाबल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट होगा.