यूपीए सरकार गिराने के लिए भाजपा-संघ समर्थित था ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलनः प्रशांत भूषण

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कोर सदस्य थे, जिन्हें साल 2015 में कथित तौर पर संगठन विरोधी गतिविधियों की वजह से योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से बाहर कर दिया गया था.

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New Delhi: Activist-lawyer Prashant Bhushan addreses a press conference, after Supreme Court imposed a token fine of one rupee as punishment in a contempt case against him, in New Delhi, Monday, Aug. 31, 2020. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI31-08-2020_000105B)

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कोर सदस्य थे, जिन्हें साल 2015 में कथित तौर पर संगठन विरोधी गतिविधियों की वजह से योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से बाहर कर दिया गया था.

New Delhi: Activist-lawyer Prashant Bhushan addreses a press conference, after Supreme Court imposed a token fine of one rupee as punishment in a contempt case against him, in New Delhi, Monday, Aug. 31, 2020. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI31-08-2020_000105B)
प्रशांत भूषण. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) आंदोलन भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित था, ताकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को गिराया जा सके.

भूषण आईएसी के कोर सदस्य थे, जिन्हें साल 2015 में कथित तौर पर संगठन विरोधी गतिविधियों की वजह से योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से बाहर कर दिया गया था. बाद में योगेंद्र यादव ने स्वराज अभियान नाम के संगठन की स्थापना की.

आगे चलकर यह आंदोलन (आईएसी) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले आम आदमी पार्टी का प्रणेता बना.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भूषण ने एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे दो बातों का खेद है. पहला, मैं यह नहीं देख पाया कि यह आंदोलन काफी हद तक भाजपा-संघ के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कांग्रेस की सरकार गिराने और उन्हें सत्ता में लाने के लिए उनके द्वारा समर्थित था.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे आज इस (आरएसएस-भाजपा की भूमिका) पर कोई संदेह नहीं है. वह (अन्ना हजारे) शायद इस बारे में नहीं जानते होंगे. अरविंद इससे वाकिफ थे. मुझे इस पर बेहद कम संदेह है. दूसरा, अफसोस यह है कि मुझे अरविंद (केजरीवाल) का चरित्र पहले बहुत समझ में नहीं आया. मुझे यह देर से समझ में आया और तब तक हमने एक और राक्षस पैदा कर दिया था.’

मालूम हो कि अरविंद केजरीवाल के संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन और समाजसेवी अन्ना हजारे ने साथ मिलकर पांच अप्रैल 2011 को जंतर-मंतर से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की शुरुआत की थी.

इसकी कोर कमेटी में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, किरण बेदी, संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास जैसे नाम शामिल थे.