केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि 29 जून 2018 से चार अगस्त 2019 के बीच 402 दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 455 घटनाएं हुई थीं, जबकि पांच अगस्त 2019 से नौ सितंबर 2020 के बीच 402 दिनों में ऐसी 211 घटनाएं हुईं.
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में कोई भी नजरबंद नहीं है और वर्तमान में 223 लोग हिरासत में हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर से पिछले साल अगस्त महीने में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद वहां शांति बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए गए. इनमें कुछ व्यक्तियों को ऐहतियात के तौर पर हिरासत में भी लिया गया.
रेड्डी ने कहा, ‘11 सितंबर, 2020 तक 223 व्यक्ति हिरासत में हैं. कोई भी व्यक्ति नजरबंद नहीं है.’
हालांकि, जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के नेताओं के नजरबंद न होने और उनके कहीं भी जाने पर पाबंदी न होने के सरकार के दावों के उलट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के एक वरिष्ठ नेता ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उन्हें पार्टी की एक बैठक रद्द करनी पड़ी, क्योंकि पुलिस ने उनके नेताओं को घर से बाहर जाने नहीं दिया गया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्य मुख्यधारा के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया था.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई लोगों को अब रिहा किया जा चुका है. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एक साल बाद अभी भी हिरासत में हैं.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पांच अगस्त 2019 को तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद यहां आतंकवाद की घटनाओं में काफी कमी आई है.
उन्होंने बताया कि 29 जून 2018 से चार अगस्त 2019 के बीच 402 दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की 455 घटनाएं हुई थीं जबकि पांच अगस्त 2019 से नौ सितंबर 2020 के बीच 402 दिनों में ऐसी 211 घटनाएं हुईं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)