सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि लोक संपर्क और संचार ब्यूरो (बीओसी) सोशल मीडिया मंचों सहित विभिन्न मीडिया मंचों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाती है. पांच साल में सिर्फ केवल एक अभियान चलाया, जिस पर 21.66 लाख रुपये ख़र्च हुआ.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पिछले पांच सालों में सोशल मीडिया पर विज्ञापन के जरिये सिर्फ एक ही जागरूकता अभियान चलाया है और इस पर कुल 21.66 लाख रुपये खर्च हुए हैं.
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि लोक संपर्क और संचार ब्यूरो (बीओसी) सोशल मीडिया मंचों सहित विभिन्न मीडिया मंचों के माध्यम से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में प्रसार करने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है.
उन्होंने बताया, ‘बीओसी ने वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक विगत पांच वर्षों के दौरान जून, 2015 में सोशल मीडिया पर केवल एक अभियान चलाया, जिसमें 21.66 लाख रुपये का कुल व्यय किया गया.’
बीओसी द्वारा चलाए जाने वाले जागरूकता अभियानों को संबंधित मंत्रालयों द्वारा आवश्यकताओं और बजट उपलब्धता को ध्यान में रखकर अंतिम रूप दिया जाता है.
राज्यसभा में इस संबंध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से सवाल पूछा गया था.
उन्होंने जानकारी मांगी थी कि क्या सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रम के लिए विज्ञापन दे रही हैं? पिछले पांच साल में सोशल मीडिया पर सरकार ने विज्ञापनों पर कुल कितना व्यय किया है?
सरकार की ओर से पिछले तीन वर्षों में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीओसी द्वारा किए गए अभियानों पर खर्च का ब्योरा भी दिया गया है.
इसके अनुसार, प्रिंट मीडिया के अभियानों पर साल 2017-18 में 422.22 करोड़ रुपये, साल 2018-19 में 301.03 करोड़ रुपये और साल 2019-20 में 129.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
इसी तरह से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अभियानों पर साल 2017-18 में 109.87 करोड़ रुपये, साल 2018-19 में 123.11 करोड़ रुपये और साल 2019-20 में 25.68 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)