भारत को स्वास्थ्य ढांचे में लंबे समय तक निवेश जारी रखना चाहिए: विश्व आर्थिक मंच अध्यक्ष

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत को कोविड-19 संकट के बीच खर्च को सावधानीपूर्वक समायोजित करने और औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है.

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत को कोविड-19 संकट के बीच खर्च को सावधानीपूर्वक समायोजित करने और औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है.

A patient suffering from diabetes lies on a hospital bed as his family look after him in the emergency ward. The healthcare system in Bhagalpur, like many other parts of Bihar, is on the verge of collapse, he says. Interviews with dozens of staff, patients and relatives at the hospital paint a picture of conditions that might shock those accustomed to images of hermetically sealed ICUs during the pandemic, with relatives not even allowed to touch their dying loved ones. REUTERS/Danish Siddiqui (Thursday, August 13, 2020)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे ने शनिवार को कहा कि भारत को स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में दीर्घकालिक निवेश जारी रखना चाहिए और कोरोना वायरस संकट के बावजूद नियमित स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करनी चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को कोविड-19 संकट के बीच खर्च को सावधानीपूर्वक समायोजित करने और औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने की आवश्यकता है.

प्रियदर्शनी अकादमी द्वारा मुंबई में आयोजित 36वें वार्षिक पुरस्कार समारोह में डब्ल्यूईएफ अध्यक्ष ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक संकट एक गंभीर आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण वाला है, इसमें सबक और अवसर भी हैं. लंबी अवधि में भारत को स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करनी चाहिए, इसे सावधानीपूर्वक खर्चों को समायोजित करना होगा और औद्योगिक निवेश आकर्षित करना चाहिए.’

कार्यक्रम में अकादमी की ओर से ब्रेंडे के साथ विश्व आर्थिक मंच के आर्थिक सहयोग विकास महासचिव जोस एंजेल गुरिया और हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड के अध्यक्ष तथा प्रबंधन निदेशक संजीव मेहता को सम्मानित किया गया.

इस दौरान वैज्ञानिक रघुनाथ माशेलकर ने कहा कि जब महामारी ने न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर जीवन और आजीविका को नष्ट कर दिया है और लोगों को गरीबी से अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया गया है, ऐसे कठिन समय में प्रेरणा की जरूरत है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)