ड्यूटी के समय कोविड संक्रमित या मरने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का आंकड़ा तैयार नहीं किया: सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि मृत स्वास्थ्य कर्मियों के परिजनों को मुआवजा या नौकरी के लिए कोविड-19 के संदर्भ में कोई विशेष योजना प्रस्तावित नहीं की गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने या अपनी जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों से जुड़े सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि मृत स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को मुआवज़ा या नौकरी के लिए कोविड-19 के संदर्भ में कोई विशेष योजना प्रस्तावित नहीं की गई है.

A health worker in personal protective equipment reacts as she and the rest of the team walk through an alley during a check up campaign for the coronavirus disease (COVID-19) at a slum area in Mumbai. Credit: Reuters.
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने या अपनी जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या का आंकड़ा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा केंद्रीय स्तर पर तैयार नहीं किया गया है.

हालांकि स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्निनी चौबे ने एक लिखित जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण बीमा पैकेज के तहत राहत पाने की इच्छा रखने वाले वाले व्यक्तियों की संख्या का विवरण राष्ट्रीय स्तर पर बनाए रखा गया है. योजना के विवरण के अनुसार, 11 सितंबर 2020 तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 64 डॉक्टरों सहित कुल 155 स्वास्थ्य कर्मचारियों की मृत्यु हुई है.

मुआवजा या नौकरी दिए जाने के सवाल पर चौबे ने कहा कि ऐसे मृतक डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को मुआवजा या नौकरी के लिए कोविड-19 के संदर्भ में कोई विशेष योजना प्रस्तावित नहीं की गई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कोविड-19 ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने और मरने वाले सरकारी और निजी अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य आधिकारिक कर्मचारियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, कोविड-19 से संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या या कोविड ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले ऐसे व्यक्तियों की संख्या केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार नहीं की गई है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (पीएमजीके) पैकेज के तहत बीमा प्रावधान किया गया है, जो कि एक केंद्रीय योजना है.

चौबे ने कहा, यह योजना सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है, जिन्हें कोविड-19 रोगियों के सीधे संपर्क और देखभाल में रहना पड़ सकता है और जिनसे प्रभावित होने का खतरा हो सकता है.

मंत्री ने कहा कि इसमें कोविड-19 के कारण दुर्घटनावश मृत्यु भी शामिल होगी.

बता दें कि इससे पहले बीते 16 सितंबर को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने तब नाराजगी जाहिर की थी, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने संसद में काम के दौरान कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले डॉक्टरों का जिक्र नहीं किया था और चौबे ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, इसलिए केंद्र के पास इस बारे में कोई डेटा नहीं है.

आईएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि 16 सितंबर को आईएमए कोविड-19 डेटा के अनुसार, इस बीमारी से अब तक 2,238 चिकित्सक संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 382 की मौत हो चुकी है. आईएमए ने इन 382 चिकित्सकों की सूची प्रकाशित करते हुए उन्हें ‘शहीद’ का दर्जा दिए जाने की मांग की है.