आरटीआई के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि भारतीय स्टेट बैंक में संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया धोखाधड़ी से सबसे अधिक प्रभावित रहा.
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 19,964 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 2,867 मामले सामने आए. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है.
आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई के तहत आरबीआई से इस संबंध में जानकारी मांगी थी.
देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए. वहीं मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) धोखाधड़ी से सबसे अधिक प्रभावित रहा.
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून, 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंको में से सबसे अधिक एसबीआई में धोखाधड़ी के 2,050 मामले सामने आए. इन मामलों से जुड़ी राशि 2,325.88 करोड़ रुपये है.
मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया धोखाधड़ी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ. इस दौरान बैंक ऑफ इंडिया में 5,124.87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 47 मामलों का पता चला.
इसके अलावा केनरा बैंक में 3,885.26 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 33 मामले, बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,842.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 60 मामले, इंडियन बैंक में 1,469.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 45 मामले, इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,207.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 37 मामले और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1,140.37 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के नौ मामले सामने आए हैं.
इस दौरान दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 270.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए. हालांकि, बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 240 रही.
अन्य बैंकों की बात की जाए तो यूको बैंक में 831.35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 130 मामले, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 655.84 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 149 मामले, पंजाब एंड सिंध बैंक में 163.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 18 मामले और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 46.52 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 49 मामलों का पता चला.
आरबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि बैंकों की ओर से दिए गए ये शुरुआती आंकड़े हैं. इनमें बदलाव या सुधार हो सकता है. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी से जुड़ी राशि का मतलब बैंक को इतने ही राशि के नुकसान से नहीं है.