आरटीआई में ईवीएम गड़बड़ी का खुलासा: निर्दलीय प्रत्याशी का बटन दबाने पर जा रहा था भाजपा को वोट

महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िला परिषद के चुनाव में ईवीएम की इस गड़बड़ी को कलेक्टर ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िला परिषद के चुनाव में ईवीएम की इस गड़बड़ी को कलेक्टर ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है.

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प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स

चुनाव आयोग लगातार  ईवीएम से छेड़छाड़ और उसमे गड़बड़ी की संभावना को नकारता रहा है पर महाराष्ट्र में हुए एक ज़िला परिषद चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी का मामला सामने आया है.

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा में ज़िला परिषद चुनाव में लोनार के सुल्तानपुर गांव के एक पोलिंग स्टेशन पर ईवीएम में गड़बड़ी सामने आई है.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आईएएनएस को बताया, ‘हर बार जब मतदाता ‘नारियल’ चुनाव चिह्न के सामने का बटन दबा रहे थे, तब कमल के फूल के निशान (भाजपा) के सामने की लाइट जल रही थी. इस बात को निर्वाचन अधिकारी ने ज़िला कलेक्टर को बताया. यह बात आरटीआई के जवाब में उनके द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में बताई गई है.’

गलगली के अनुसार उन्होंने एक निर्दलीय मतदाता आशा अरुण जोरे की ईवीएम गड़बड़ी की शिकायत के बाद 16 फरवरी को हुए इस चुनाव के बारे में निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट जानने के लिए जून महीने में एक आरटीआई दाखिल की थी.

गलगली ने बताया कि इस आरटीआई के जवाब में बताया गया है, ‘बुलढ़ाणा इलेक्शन डिपार्टमेंट की ओर से जवाब दिया गया कि लोनार शहर के सुल्तानपुर में 56 नंबर पोलिंग स्टेशन में जब मतदाता प्रत्याशी नंबर 1 के सामने नारियल चिह्न का बटन दबा रहे थे तब  प्रत्याशी संख्या 4 के कमल के फूल के निशान वाले बटन की लाइट जल रही थी, जिसका अर्थ था कि वोट 1 नंबर वाले की बजाय 4 नंबर वाले प्रत्याशी को गया है.’

हालांकि इस मसले को उस दिन सुबह दस बजे ही रिपोर्ट किया गया पर इस पर चुनाव अधिकारी द्वारा संज्ञान दोपहर में लिया गया. पर तब तक काफी संख्या में वोटिंग हो चुकी थी.

जानकारी लोनार क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी तक पहुंचने के बाद उन्होंने ख़ुद जाकर इस मशीन की जांच की और पाया कि पहला बटन दबाने पर चौथे बटन के सामने की लाइट जल रही है.

ज़िला कलेक्टर के पास कई और शिकायतें पहुंचने के बाद पोलिंग स्टेशन को बंद कर दिया गया और ख़राब ईवीएम मशीन की जगह दूसरी ईवीएम मशीन लगाई गई. आरटीआई में यह भी बताया गया है कि विभिन्न दलों की दोबारा चुनाव करवाने की मांग के चलते यह चुनाव रद्द कर दिया गया और 5 दिन बाद दोबारा चुनाव हुआ.

गलगली कहते हैं, ‘यह मामला साफ दिखाता है कि ईवीएम फ्रॉड हो सकता है. यह बात पहले मतदाताओं ने बताई, बाद में जिसकी पुष्टि निर्वाचन अधिकारी सहित कई अन्य अधिकारियों ने भी की और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी.’

गौरतलब है कि चुनाव आयोग लगातार ईवीएम मशीन में किसी भी तरह से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार करता रहा है. यहां तक कि आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करके दिखाने की चुनौती भी दी जा चुकी है.

इस पर गलगली चुनाव आयोग को सलाह देते हुए कहते हैं, ‘भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए चुनाव आयोग को ईवीएम के ऐसे विकल्प के बारे में सोचना चाहिए, जिससे छेड़छाड़ की कोई संभावना न हो.’