गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2018 से सितंबर 2020 तक उत्तर प्रदेश में बंदूक के लाइसेंस का सबसे अधिक नवीकरण किया गया. इस मामले में जम्मू कश्मीर दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2018 से बंदूकों के अखिल भारतीय मंजूरी वाले 22,804 लाइसेंस जारी किए और उनमें से 17,905 लाइसेंस जम्मू कश्मीर के लोगों को जारी किए गए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी 2018 से 15 सितंबर 2020 के बीच अखिल भारतीय वैधता वाले कुल 94,400 शस्त्र लाइसेंस का नवीकरण किया गया, जिनमें से 19,238 उत्तर प्रदेश से थे जिसके बाद जम्मू कश्मीर से 14,172 और हरियाणा से 12,230 लाइसेंस थे.
देश भर में एक जनवरी 2018 से इस साल 15 सितंबर तक जारी 22,805 नए शस्त्र लाइसेंसों में से 17,905 जम्मू कश्मीर में जारी किए गए, जबकि दूसरे स्थान पर रहे उत्तर प्रदेश में बस 952 ही नए लाइसेंस जारी किए गए.
इस अवधि में मध्य प्रदेश में 666 नए शस्त्र लाइसेंस जारी हुए तो हिमाचल प्रदेश के लिए 623 और पंजाब के लिए इनकी संख्या 314 थी.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया कि एक जनवरी 2018 से 15 सितंबर 2020 के बीच रद्द किए गए कुल 2,435 शस्त्र लाइसेंस में से अधिकतम उत्तर प्रदेश (1911) से थे, जबकि अन्य राज्यों में रद्द किये गए शस्त्र लाइसेंस की संख्या दहाई में थी.
शस्त्र लाइसेंस शस्त्र अधिनियम, 1959 और शस्त्र नियम 2016 के तहत दिए, नवीकृत और रद्द किए जाते हैं.
प्रतिबंधित श्रेणी के हथियारों के लिए अखिल भारतीय वैधता वाले लाइसेंस जहां गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं, वहीं मंजूर श्रेणियों के हथियारों के लिए लाइसेंस राज्य सरकारें या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन जारी करते हैं.
इससे पहले कश्मीर लाइफ की मार्च 2017 की एक रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से बताया गया था कि जम्मू कश्मीर में पिछले 15 सालों (2017 से पहले) के दौरान 369,191 हथियारों के लाइसेंस बांटे गए हैं. राज्य की 1.25 करोड़ की जनसंख्या के लिहाज़ से ये आंकड़ा बताता है कि यहां हर 33वें शख़्स के पास लाइसेंसी हथियार है. यानी यहां की पूरी जनसंख्या के 2.94 प्रतिशत लोगों के पास हथियार है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस उत्तर प्रदेश में बांटे गए हैं. 19 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस प्रदेश में 0.63 लोगों को हथियार लाइसेंस जारी किए गए, वहीं जम्मू कश्मीर में यह आंकड़ा आबादी के लिहाज से 2.94 प्रतिशत है.
बीते अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले और लाइसेंस प्राप्त करने वाले राज्य के सभी ब्राह्मणों की संख्या का ब्योरा मांगा था.
विधानसभा में भाजपा के एक विधायक द्वारा राज्य में ब्राह्मणों की हत्या और बंदूकों के लाइसेंस से जुड़े आंकड़ों को लेकर एक सवाल पूछा था. इसके जवाब में यूपी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)