लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि केंद्र नहीं बल्कि राज्य अपने संसाधनों से अपनी स्वयं की आवश्यकता के अनुसार कृषि ऋण माफ़ी योजनाओं की घोषणा करते हैं.
नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि भारत सरकार ने पिछले छह वर्ष के दौरान किसी भी कृषि ऋण माफी की घोषणा नहीं की है.
बीते 20 सितंबर को लोकसभा में एन. रेडेप्पा के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राज्य अपने संसाधनों से अपनी स्वयं की आवश्यकता के अनुसार अपनी कृषि ऋण माफी योजनाओं की घोषणा करते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले छह वर्ष के दौरान किसी भी कृषि ऋण माफी की घोषणा नहीं की है.
लोकसभा में एन. रेडप्पा ने सवाल किया था कि क्या सरकार के पास पिछले छह वर्षों के दौरान लाभार्थियों को घोषित और जारी किए गए सभी कृषि ऋण माफी का रिकॉर्ड है?
ऐसा ही सवाल लोकसभा सदस्य ओमप्रकाश राजेनिम्बालकर ने भी किया था. उन्होंने 2014 से अब तक विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य के संदर्भ में उन किसानों की संख्या की जानकारी मांगी थी, जिनका ऋण माफ किया गया था.
इसके जवाब में नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से वही जवाब दोहराया गया था कि भारत सरकार ने 2014 से यानी पिछले छह वर्षों के दौरान महाराष्ट्र राज्य सहित पूरे देश में किसानों के लिए किसी भी कृषि ऋण माफी की घोषणा नहीं की है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि भारत सरकार किसानों की आय पीएम किसान योजना, एमएसपी में वृद्धि जैसे माध्यमों से बढ़ा रही है. केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जा रहा है.
इसी प्रकार एक अन्य सदस्य विजय कुमार ने उन राज्यों का विवरण मांगा था, जिन्होंने किसानों के ऋण की माफी की घोषणा की है.
इसके जवाब में नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से कहा गया कि राज्यों की ओर कृषि ऋण माफी की घोषणा के संबंध में भारत सरकार कोई रिकॉर्ड नहीं रखती. राज्य सरकारें अपने संसाधनों और अपने निर्णयों के आधार पर कृषि ऋण माफी की घोषणा करती हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकारों द्वारा कृषि ऋण माफी की भरपाई भारत सरकार नहीं करती है. राज्य सरकारें ये खर्च अपने संसाधनों से करती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)