बीते 21 सितंबर को महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भिवंडी इलाके में एक तीन मंज़िला इमारत ढह गई थी. मृतकों में दो से पंद्रह साल के 18 बच्चे भी शामिल हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित निकायों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है.
ठाणे/मुंबई/लातूर: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी में तीन मंजिला इमारत ढहने में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. इनमें लगभग 18 बच्चे शामिल हैं.
इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे एक बेहद गंभीर घटना बताया.
समाचार एजेंसी एनएनआई के मुताबिक, पिछले तीन दिनों से जारी बचाव अभियान बीते गुरुवार को दिन में करीब 12 बजे रोक दिया गया. बचाव अभियान में लगी एनडीआरएफ की टीम ने बताया कि इमारत के मलबे से अब तक 41 लोगों के शव मिले हैं और 25 लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है.
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार को एक ही रात में 14 शव मिलने के बाद पुलिस ने बताया था कि इमारत हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है. हालांकि गुरुवार सुबह दो और शव मिलने के बाद मृतक संख्या 41 हो गई.
मृतकों में दो से 15 साल तक के 18 बच्चे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 25 लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है. इन लोगों को भिवंडी और ठाणे के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
उन्होंने बताया कि मलबे से निकाले गए शव क्षत विक्षत हैं, क्योंकि वे 50 घंटे से अधिक समय से दबे थे.
अधिकारी ने बताया कि 43 वर्ष पुरानी ‘जिलानी बिल्डिंग’ बीते 21 सितंबर को तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर ढह गई थी. इमारत में 40 फ्लैट थे और करीब 150 लोग यहां रहते थे.
भिवंडी, ठाणे से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है.
उन्होंने बताया कि इमारत गिरने के मामले में नगर निकाय के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है और इमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
धमनकर नाका के पास नारपोली में ‘पटेल कम्पाउंड’ स्थित इमारत जब ढही, उस समय उसमें रहने वाले लोग सो रहे थे.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ) के कर्मचारी तलाश अभियान में लगे हुए थे.
अधिकारी ने बताया कि यह इमारत भिवंडी-निजामपुर नगर निगम की जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची में शामिल नहीं थी.
भिवंडी में इमारत ढहने की घटना को अदालत ने ‘बेहद गंभीर’ बताया
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी उपनगर में इमारत ढहने का बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे एक बेहद गंभीर घटना बताया.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाराष्ट्र राज्य, बृहन्मुंबई महानगर पालिका तथा भिवंडी-निजामपुर, कल्याण-डोम्बिवली, ठाणे और नवी मुंबई की निकाय संस्थाओं को मामले में प्रतिवादी बनाया है.
अदालत, कल्याण-डोम्बिवली में निर्माण के एक अन्य मामले की सुनवाई कर रही थी जब मुख्य न्यायाधीश दत्त ने कहा कि भिवंडी में की घटना में 41 लोग मारे गए थे और यह बेहद गंभीर मसला है.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘भिवंडी में एक इमारत ढह गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई. हमें बताया गया है कि मुंबई में भी स्थिति गंभीर है.’
उन्होंने कहा, ‘हम राज्य और सभी निकाय संस्थाओं को प्रतिवादी बना रहे हैं और नोटिस जारी कर रहे हैं.’
इसके साथ ही जस्टिस दत्त ने महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि राज्य और निकाय संस्थाओं द्वारा जवाब दाखिल किया जाए.
अदालत ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल हो जाना चाहिए.
एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत के बाद हल्ली गांव में छाया मातम
महाराष्ट्र के भिवंडी में तीन मंजिला इमारत के ढहने से हुए हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत के बाद लातूर जिले के हल्ली गांव में मातम पसरा है.
भिवंडी में सोमवार को इमारत के ढहने की घटना में आरिफ युसूफ शेख (32) और उनके परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई.
मृतक के रिश्तेदार बाबूलाल शेख ने बताया कि आरिफ अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ आठ साल पहले भिवंडी चले गए थे. आरिफ ने पिछले महीने अपने भाई को भी काम करने के लिए गांव से भिवंडी बुला लिया था.
उन्होंने बताया कि ये सभी छह लोग ‘जिलानी बिल्डिंग’ में रहते थे और 21 सितंबर को हुए हादसे में मारे गए.
शेख ने कहा, ‘उनकी मौत की खबर आते ही गांव के कई लोग घर पर दुख जताने के लिए पहुंचे.’ उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उनके कुछ रिश्तेदार लातूर से भिवंडी भी गए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)