नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 29 नवंबर को ख़त्म हो रहा है. चुनाव के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 03 और 07 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा, जबकि सभी चरणों के लिए मतगणना 10 नवंबर को होगी. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की.
इस घोषणा के साथ ही बिहार में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है.
पहले चरण में 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे. दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव कोविड-19 के मौजूदा हालात में दुनियाभर में होने वाले सबसे बड़े चुनावों में से एक होंगे.
उन्होंने कहा कि देश में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कोई चुनाव नहीं हुआ है और तब से दुनिया में व्यापक बदलाव हुए हैं और कोविड-19 महामारी ने जीवन के सभी पहलुओं में नयी स्थितियां पैदा कर दी हैं.
अरोड़ा ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में मतदान समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा और सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगी आखिरी एक घंटे में मतदान कर सकते हैं. संक्रमित लोगों के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं.
इसके अलावा 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए पोस्टल बैटल की सुविधा होगी.
चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार चुनाव के लिए सात लाख हैंड सैनिटाइजर, 46 लाख मास्क, 6 लाख पीपीई किट, 6.7 लाख फेस शील्ड और 23 लाख जोड़ी दस्तानों की व्यवस्था कर ली गई है.
आयोग ने सुरक्षा बंदोबस्त और त्योहारों के मद्देनजर बिहार चुनाव के चरण कम किए गए हैं.
अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 के साए में होने जा रहे बिहार चुनाव के दौरान जहां भी जरूरत होगी और आग्रह किया जाएगा, वहां डाक मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जनसभाओं में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा.
वहीं, निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के समय को लेकर कुछ राज्यों द्वारा बताई गई समस्याओं के संबंध में 29 सितंबर को समीक्षा बैठक के बाद लोकसभा की एक और विधानसभा की 64 सीटों के लिए उपचुनाव पर फैसला करेगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि साल 2015 में बिहार में 6 करोड़ 70 लाख मतदाता थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 7 करोड़ 20 लाख हो गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)