विशेष सीबीआई अदालत ने घरेलू सहायक 12 वर्षीय पिंकी सरकार की हत्या से जुड़े मामले में सज़ा सुनाई.
गाज़ियाबाद: सनसनीखेज निठारी मामले में में विशेष सीबीआई अदालत ने व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को सोमवार को मौत की सज़ा सुनाई है.
विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने घरेलू सहायक 12 वर्षीय पिंकी सरकार की हत्या से जुड़े मामले में दोनों को मौत की सज़ा सुनाई.
सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौर ने बताया कि पंढेर और कोली को इस मामले में अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया गया.
इससे पहले मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली ने बीते अप्रैल कोर्ट को दी गई अर्ज़ी में कहा है कि उसका वकील जान-बूझकर उसे एक ऐसे अपराध में फंसा रहा है जो उसने किया ही नहीं है.
अर्जी में कोली ने कहा था, ‘एक एनजीओ के वकील को मेरा केस लड़ने के लिए नियुक्त किया गया है. वकील ने मुझे मानसिक रूप से बीमार बताया है और कहा है कि मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से मुझसे अपराध हुए, जबकि मैंने ये अपराध किए ही नहीं हैं.’
कोली ने कोर्ट से अपील की है कि वो ग़रीब है और पैसे देकर अपना वकील ख़ुद नहीं चुन सकता. कोली के अनुसार, वह पहले भी अपने मामलों में पैरवी कर चुका है. ऐसे में उसे अपनी पैरवी ख़ुद करने की इजाज़त दी जाए.
इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा साल 2006 में तब हुआ था जब नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के नज़दीक कई मानव खोपड़ियां और हड्डियां मिली थीं. जांच में पता चला था कि ये 19 मानव शरीरों के अवशेष हैं. इनमें से 16 पूर्ण रूप में मौजूद थे जबकि तीन बेहद खराब हाल में मिले थे.
सुरेंद्र कोली नोएडा सेक्टर-31 स्थित डी-5 कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर के यहां घरेलू नौकर थे. मामले का खुलासा होने के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था.
दोनों पर आरोप था कि इन्होंने छोटे बच्चे-बच्चियों और महिलाओं को अगवा करके उनके साथ दुष्कर्म किया. फिर उनकी हत्या कर उनके शरीर के टुकड़े घर के बाहर नाले में फेंक दिए.
इस सिलसिलेवार हत्याकांड में सिर्फ़ एक पीड़िता बालिग थी. ज़्यादातर पीड़ित कम उम्र की लड़कियां थीं.
पंढेर और कोली के ख़िलाफ़ कुल 19 मामलों में से 16 में आरोप पत्र दाख़िल किया गया जबकि तीन मामलों को सबूतों के अभाव में बंद कर दिया गया.
पिंकी सरकार मामले से पहले, इन दोनों को नौ मामलों में दोषी ठहराया गया और सज़ा भी सुना दी गई जबकि सात मामले अभी भिन्न चरणों में चल रहे हैं.
उन मामलों में पंधेर को कारावास की सज़ा सुनाई गई जबकि कोली को मौत की सजा सुनाई गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)