बाबरी विध्वंस फ़ैसला: आरोपी नेता बोले- सच की जीत, विपक्ष ने कहा- वही क़ातिल, वही मुंसिफ, अदालत उसकी

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अब ये विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए. विपक्ष ने इस निर्णय को तर्कहीन बताया है.

//
New Delhi: Senior BJP leader LK Advani, one the accused in Babri mosque demolition case, along with his daughter Pratibha Advani (L) and son Jayant Advani (C) after the verdict by the special CBI court, outside his residence in New Delhi, Wednesday, Sept. 30, 2020. All 32 accused in the Babri mosque demolition case have been acquitted by the court. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI30-09-2020_000086B)

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अब ये विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए. विपक्ष ने इस निर्णय को तर्कहीन बताया है.

**EDS: FILE** New Delhi: In this file photo, dated July 2005, is seen senior BJP leaders LK Advani, MM Joshi and Uma Bharti in Raebareli. Advani, Joshi and Bharti, accused in Babri mosque demolition case, have been acquitted by the special CBI court after the pronouncement of its judgment in the case, on Wednesday, Sept. 30, 2020. (PTI Photo)(PTI30-09-2020_000047B) *** Local Caption ***
2005 में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और अशोक सिंघल. (फाइल फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने जय श्रीराम का नारा लगाया था.

उन्होंने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के अनुरूप हैं जिसने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया है.

आडवाणी ने फैसले के बाद एक वीडियो संदेश में कहा, ‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है. वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है. जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्रीराम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया.’

उन्होंने बाद में बयान जारी कर कहा, ‘यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के पदचिह्नों पर है जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया.’

अदालत के फैसले के बाद आडवाणी (92) अपने कमरे से बाहर निकले और जय श्रीराम का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया.

अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे. उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी उनका हाथ पकड़े थीं.

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.

विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी. यह एक आकस्मिक घटना थी.

उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं और आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 32 आरोपी थे.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले को ऐतिहासिक बताया है.

वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने फैसले के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘अदालत ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि इसके बाद ये विवाद समाप्त होना चाहिए. सारे देश को भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए. मैं इस अवसर पर एक ही बात कहूंगा कि जय जय श्रीराम और सबको सन्मति दे भगवान.’

भाजपा नेता ने इस मामले में उनकी ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सही पक्षों और तथ्यों को अदालत के समक्ष रखा.

उन्होंने कहा, ‘उनका परिश्रम था जिससे इस जटिल मामले में भरपूर प्रयत्नों के बाद सीबीआई अपना पक्ष नहीं रख पाई और न्यायाधीश ने सच को सबके सामने रख दिया.’

जोशी ने कहा कि इस फैसले ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारे कार्यक्रम किसी षड्यंत्र के तहत नहीं थे.

वहीं, रक्षा मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय की जीत बताया.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल नहीं होने के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.’

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सत्यमेव जयते के अनुरूप सत्य की जीत हुई है.

योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘सत्यमेव जयते. सीबीआई की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर पूज्य संतों, भाजपा नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया. इस षडयंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए.’

मध्य प्रदेश के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि ‘अंतत: सत्य की विजय हुई है.’

चौहान ने ट्वीट किया, ‘अंतत: सत्य की विजय हुई. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जो हमारे संत, महात्मा, वरिष्ठ नेताओं पर झूठे आरोप लगाये थे, वो निर्मूल सिद्ध हुए हैं. विशेष अदालत के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं.’

इससे पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘यह निर्णय उन्हीं अन्य फैसलों के अनुरूप हैं जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उनके सपने का मार्ग प्रशस्त किया. सत्य परेशान हो सकता है, किंतु पराजित नहीं. आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई है. भारतीय न्यायपालिका की जय.’

वहीं, भाजपा ने बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले में सभी आरोपियों को बरी करने का स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत करार दिया.

अदालत के फैसले के तत्काल बाद भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट किया, ‘बाबरी इमारत विध्वंस मामले में अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. अदालत ने विध्वंस के पीछे किसी प्रकार के षडयंत्र होने की बात को खारिज की है. अदालत ने माना है कि विध्वंस उकसावे की तात्कालिक प्रतिक्रिया का परिणाम था. सत्य की जीत होती है.’

वहीं, बाबरी मामले में अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, ‘सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढांचे के विध्वंस मामले में आरोपी सभी दोषियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है.’

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने को सत्य की विजय बताया है.

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा, ‘हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. सत्य की विजय हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को लेकर अदालत का फैसला आने में करीब 28 साल लगे लेकिन यह बात पहले से स्पष्ट है कि यह घटना पूर्वनियोजित नहीं थी और देशभर से कारसेवकों को ढांचा गिराने के लिए अयोध्या नहीं बुलाया गया था.’

मध्य प्रदेश और राजस्थान हाईकोर्टों के पूर्व न्यायाधीश रहे कोकजे ने कहा, ‘बाबरी विध्वंस की घटना अचानक हुई थी. उस वक्त हिंदू समुदाय के लोग राममंदिर मामले में कांग्रेस के रवैये से बेहद आक्रोशित थे.’

विहिप अध्यक्ष ने कहा कि उनके संगठन ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग को लेकर गुजरे वर्षों में जितने भी आंदोलन किए. वे संविधान और कानून का सम्मान करते हुए संपन्न हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को लेकर विहिप पर जो आरोप लगाए गए, वे हास्यास्पद थे.’

वहीं, इस बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में खुद आरोपी रहे शिवसेना के पूर्व सांसद सतीश प्रधान ने इसे सच्चाई की जीत बताया है.

ठाणे के पूर्व मेयर सतीश प्रधान (80) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में भाग लेने के बाद कहा, सच्चाई की जीत हुई है. प्रधान ने कहा, सच की हमेशा जीत होती है. न्यायपालिका में हमारा पूरा भरोसा है.

वहीं, कारसेवकों में शामिल रहे स्थानीय भाजपा नेता ओम प्रकाश शर्मा ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है.

बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के प्रकरण को अब भुला देने की जरूरत है: संजय राउत

उधर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राम जन्मभूमि मालिकाना हक वाद में 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी.

राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के प्रकरण को अब भुला देने की जरूरत है.

राउत ने कहा, ‘राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले और इस साल (अगस्त में) प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर का भूमि पूजन किए जाने के बाद विशेष अदालत में इस मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी.’

उन्होंने कहा, ‘यह फैसला अपेक्षित था. मैं शिवसेना और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से अदालत के इस फैसले का स्वागत करता हूं.’

राउत ने यह भी कहा कि यदि बाबरी मस्जिद ढहायी नहीं गई होती तो अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन संभव नहीं होता… हमें उस प्रकरण को भुलाना है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बाबरी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से साधु-संत ही नहीं पूरा सनातन धर्म और हिंदू समाज अति प्रसन्न है.

विपक्ष ने की आलोचना- वही कातिल, वही मुंसिफ, अदालत उसकी

हालांकि, बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले की कई विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है.

कांग्रेस ने इस फैसले को पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उलट  करार देते हुए कहा कि संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस ‘तर्कविहीन निर्णय’ के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है. उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था. पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है. ‘

उन्होंने आरोप लगाया , ‘पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस व उनके नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए देश व समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर उच्चतम न्यायालय तक को बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों व साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी अपराध ठहराया था. ‘

उन्होंने कहा, ‘संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी तथा बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना करेंगी.’

वहीं ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर अदालत के इस फैसले पर तंज कसा.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘वही कातिल, वही मुंसिफ, अदालत उसकी, वो शाहिद. बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है.’

उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका के लिए यह दुखद दिन है. अब अदालत कह रही है कि कोई षड्यंत्र नहीं था.

ओवैसी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा, ‘यह न्याय का मामला है. यह सुनिश्चित करने का मामला है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए लेकिन उन्हें पूर्व में गृहमंत्री और एचआरडी मंत्री बनाकर राजनीतिक रूप से पुरस्कृत किया गया. भाजपा इस मुद्दे के कारण सत्ता में हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)