एमनेस्टी इंडिया: 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत सरकार की कार्रवाई की निंदा की

इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

/
(फोटो साभार: फेसबुक)

इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया का बेंगलुरु स्थित दफ़्तर. (फोटो: पीटीआई)
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया का बेंगलुरु स्थित दफ़्तर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: ह्यूमन राइट्स वाच सहित 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी कर एमनेस्टी इंटरनेशनल को भारत में अपना काम बंद करने के लिए मजबूर किए जाने की आलोचना की.

लाइव लॉ के अनुसार, बयान में कहा गया, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने घोषणा की कि वह देश में अपना काम रोक रही है, क्योंकि संगठन के मानवाधिकार कार्यों के लिए बदले की कार्रवाई में भारत सरकार ने उसके बैंक खातों को  को फ्रीज कर दिया है.’

बयान में आगे कहा गया, ‘15 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने स्थानीय मानवाधिकार रक्षकों और संगठनों के खिलाफ समर्थन जारी रखने का भी वादा किया है.’

ये 15 अंतरराष्ट्रीय संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोग्रेसिव कम्युनिकेशंस, ग्लोबल इंडियन प्रोग्रेसिव अलायंस, इंटरनेशनल कमीशन फॉर ज्यूरिस्ट्स, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (एफआईडीएच), सिविकस: वर्ल्ड अलायंस फॉर सिटिजन पार्टिसिपेशन, फ्रंट लाइन डिफेंडर्स, फोरम-एशिया, फाउंडेशन द लंदन स्टोरी, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स वाच, इंटरनेशनल सर्विस फॉर ह्यूमन राइट्स, माइनॉरिटी राइट्स ग्रुप, ओधिकर, साउथ एशियंस फॉर ह्यूमन राइट्स (एसएएचआर) और वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशंस अगेंस्ट टॉर्चर (ओएमसीटी) हैं.

इन्होंने अपने बयान में आगे कहा, ‘हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने एमनेस्टी इंडिया पर विदेशी फंडिंग के लिए कानून तोड़ने का आरोप लगाया है. इस आरोप को समूह ने राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है और सबूत पेश किया कि सरकार के गलत कामों और ज्यादतियों को मानवाधिकार संगठनों और समूहों ने चुनौती दी तब उन्होंने दुर्भावनापूर्ण तरीके से कानूनी प्रताड़ना शुरू कर दी.’

बयान में कहा गया, ‘भाजपा सरकार ने नागरिक समाज पर अत्याचार किया है और मानवाधिकार रक्षकों, छात्र कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों और सरकार के आलोचक अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह, आतंकवाद और अन्य दमनकारी कानूनों के तहत राजनीतिक रूप से प्रेरित मामले ला रही है और परेशान कर रही है.’

उपरोक्त प्रताड़नाओं की निंदा करते हुए बयान में कहा गया है कि ये कार्य अधिनायकवादी शासन की नकल हैं जो कोई आलोचना बर्दाश्त नहीं करते हैं और आवाज उठाने वालों को बेशर्मी से निशाना बनाते हैं.

बयान में आगे कहा गया कि जैसे-जैसे सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों की आलोचना बढ़ रही है और उसके द्वारा कानून के शासन पर हमले किए जाने की आलोचना हो रही है वैसे-वैसे अधिकारी शिकायतों के निपटारे के बजाय संदेशवाहकों को ही निशाना बनाने में जुट गए हैं.

बयान में कहा गया, ‘महिला अधिकार कार्यकर्ता, जातीय और अल्पसंख्यक मानवाधिकारों रक्षक विशेष रूप से चिंतित हैं. एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ हालिया कार्रवाई ने जमीन पर स्थानीय रक्षकों द्वारा महसूस किए गए दबाव और हिंसा को उजागर किया है, चाहे उनकी पहचान कुछ भी हो.’

इससे पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल के भारत में काम बंद करने पर यूरोपीय संघ (ईयू) ने चिंता जताते हुए कहा था कि वह दुनिया भर में एमनेस्टी इंटरनेशनल के काम को बहुत महत्व देता है.

यूरोपीय संघ की प्रवक्ता नबीला मसराली ने भारत सरकार से संगठन को देश में काम करने की अनुमति देने की अपील की थी.

एमनेस्टी ने आरोप लगाया है कि सरकार उसे परेशान कर रही है. हालांकि, एमनेस्टी के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि मानवीय कार्यों और सत्ता से दो टूक बात करने के बारे में दिए गए सुंदर बयान और कुछ नहीं, बल्कि संस्था की उन गतिविधियों से सभी का ध्यान भटकाने का तरीका है, जो भारतीय कानून का सरासर उल्लंघन करते हैं.

मंत्रालय ने कहा था, ‘ऐसे बयानों का लक्ष्य पिछले कुछ वर्षों में की गईं अनियमितताओं और अवैध गतिविधियों की विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच को प्रभावित करना है.’

एनएचआरसी ने गृह मंत्रालय को नोटिस भेजा

इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार, भारत में अपने खातों के पूरी तरह फ्रीज होने के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश में अपना सभी काम कथित तौर पर बंद कर दिया है.

बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है और गृह सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार को नोटिस जारी किया है, मीडिया में आई खबरों के अनुसार एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब मांगा गया है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने समाचार रिपोर्ट की सामग्री की सावधानीपूर्वक जांच की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन है, जो जब भी लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटना होती है तो विश्व स्तर पर अपनी आवाज उठाता है.

उसने कहा, ‘संगठन द्वारा लगाए गए आरोप प्रकृति में गंभीर हैं और सरकारी एजेंसी द्वारा दृढ़ता से जवाब दिया गया है. सक्षम न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार का मतभेद जांच और निर्णय का विषय हो सकता है.

आयोग ने पाया है कि देश में मानवाधिकारों के अनुकूल माहौल के हित में मामले को देखना, तथ्यों का विश्लेषण करना और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना आवश्यक है. आयोग आगे कहा कि छह हफ्ते में जवाब की उम्मीद की जाती है.

(समाचार एजेंसी भाष से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq