हाथरस ज़िला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मामले की जांच करने के लिए गठित एसआईटी ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है और पीड़ित के गांव में मीडिया को प्रवेश की अनुमति दे दी गई है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर कहा कि दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
हाथरस/लखनऊ/नोएडा/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और फिर उनकी मौत की घटना की जांच शनिवार को सीबीआई से कराने के आदेश दे दिए गए. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ ने संपूर्ण हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं. यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी गई.
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने सम्पूर्ण हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 3, 2020
इस बीच शनिवार शाम शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने उनके घर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इसके अलावा मीडिया को भी गांव में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है.
प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद राहुल, प्रियंका और कांग्रेस के कुछ अन्य नेता हाथरस पहुंचे हैं.
इससे पहले डीएनडी पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने के बाद प्रशासन ने राहुल गांधी समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी.
परिवार से मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और तब तक लड़ेंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता.
हाथरस रवाना होने से कुछ देर पहले राहुल ने कहा कि उन्हें इस दुखी परिवार से मिलने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती.
Shri @RahulGandhi, Smt @priyankagandhi and the Congress delegation are speaking with the Hathras victim's family & extending the deepest condolences of the entire nation. #SatyagrahForOurDaughters pic.twitter.com/0xytEl9uuh
— Congress (@INCIndia) October 3, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उत्तर प्रदेश सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं. किसी भी हिंदुस्तानी को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए.’
इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं।
किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।#HathrasHorror
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 3, 2020
इससे पहले प्रियंका अपने भाई राहुल गांधी के साथ एक अक्टूबर को पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकली थीं, लेकिन दोनों नेताओं को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद वापस दिल्ली ले जाकर उन्हें छोड़ दिया गया था. इस दौरान उनके साथ पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की करने का भी मामला सामने आया था.
आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने के साथ बलात्कार किया था.
उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई थीं. आरोपियों ने उनकी जीभ भी काट दी थी. उनका इलाज अलीगढ़ के एक अस्पताल में चल रहा था.
करीब 10 दिन के इलाज के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 29 सितंबर को युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का 29 सितंबर की देर रात अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया था. हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है.
This !
One mother to another, the pain is shared.
No one can take away the pain of losing ones child especially in such a brutal manner, but a little bit of comfort is sought in sharing ones painCongress is for the poor and oppressed#Hathras #PriyankaGandhiVadra #RahulGandhi pic.twitter.com/Au9qy3bpXX
— Lavanya Ballal Jain (@LavanyaBallal) October 3, 2020
युवती के भाई की शिकायत के आधार पर चार आरोपियों- संदीप (20), उसके चाचा रवि (35) और दोस्त लवकुश (23) तथा रामू (26) को गिरफ्तार किया गया है. उनके खिलाफ गैंगरेप और हत्या के प्रयास के अलावा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारक अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस बीच हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा पीड़ित के पिता को कथित तौर पर धमकी देने का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली की आलोचना हो रही है.
युवती की मौत के बाद विशेष रूप से जल्दबाजी में किए गए अंतिम संस्कार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने उत्तर प्रदेश पुलिस से जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर जवाब मांगा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना की जांच के लिए एसआईटी टीम गठित की थी. एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के बाद लापरवाही और ढिलाई बरतने के आरोप में दो अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी (सर्किल ऑफिसर) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश मीणा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह, हेड कॉन्स्टेबल महेश पाल को निलंबित कर दिया गया था.
पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. इसे लेकर विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन भी चल रहे हैं.
एसआईटी की शुरुआती जांच पूरी, मीडिया को गांव में प्रवेश की अनुमति
इस बीच हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है.
अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने पीड़िता के गांव में मीडिया के प्रवेश पर लगी रोक भी हटा ली है. एक दिन पहले ही एसआईटी जांच जारी रहने के कारण नेताओं समेत बाहरी लोगों को लड़की के परिवार से मुलाकात के लिए जाने से रोक दिया गया था.
संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘एसआईटी की जांच पूरी हो गई है और केवल मीडिया को गांव में प्रवेश की अनुमति दी गई है.’
उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि प्रशासन ने लड़की के परिवार की घेराबंदी कर रखी है और उनके फोन जब्त कर लिए हैं.
एसआईटी को 14 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है.
दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी: अपर मुख्य सचिव गृह
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कथित सामूहिक बलात्कार घटना की पीड़िता के परिजनों से शनिवार को मिलने के बाद कहा कि एसआईटी परिवार द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर करेगी तथा दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा गांव में सुरक्षा के भी इंतजाम किए जाएंगे. इसके लिए जिले के आला अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की.
अवस्थी ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की पहली रिपोर्ट कल चार बजे शाम में मिली और मुख्यमंत्री ने दो घंटे के अंदर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि एसआईटी की जांच चल रही है और वह अपना काम कर रही है. परिवारजनों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि आना चाहते हैं तो पांच या इससे कम लोगों को एक साथ आने की इजाजत होगी.
दोनों अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि हमने परिवार के प्रत्येक सदस्य से बात की है. हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि एक निर्णय यह भी लिया गया है कि गांव में सुरक्षा की व्यवस्था स्थायी रूप से की जाएगी.
डीएनडी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज किया
कांग्रेस नेताओं के कथित सामूहिक बलात्कार घटना की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए शनिवार को हाथरस जाने के दौरान नोएडा स्थित डीएनडी पुल पर पार्टी कार्यकर्ता ‘बेकाबू’ हो गए और पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
Watch: #PriyankaGandhiVadra Shields Congress Workers During Lathi Charge
Read more: https://t.co/or4cWV6B9N pic.twitter.com/k8T8UhICPW
— NDTV (@ndtv) October 3, 2020
पुलिस की कार्रवाई व धक्का-मुक्की में कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई है वहीं कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं.
डीएनडी पर हुए लाठीचार्ज के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में अपर पुलिस आयुक्त लव कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता व नेता पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़कर राहुल गांधी के साथ आगे जाना चाह रहे थे. नियमों के अनुसार पुलिस ने उन्हें रोका जिस पर उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की.
पार्टी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और 500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)