उत्तर 24 परगना ज़िले के टीटागढ़ के पास रविवार को भाजपा नेता एवं स्थानीय पार्षद मनीष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि शर्मनाक है कि तृणमूल ने अब राजनीतिक विरोधियों के सफाये की राजनीति शुरू कर दी है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के एक स्थानीय नेता की हत्या के विरोध में सोमवार को सड़कें जाम कर दीं. कार्यकर्ताओं ने 12 घंटे के बैरकपुर बंद का आह्वान किया था.
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरकपुर-बारासात रोड और कल्याणी एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों को जाम किया और सड़कों पर टायर भी जलाए, जिससे इलाके में यातायात पूरी तरह बाधित हो गया.
एक अधिकारी ने बताया कि बैरकपुर में विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
पुलिस ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ के निकट रविवार को भाजपा नेता एवं स्थानीय पार्षद मनीष शुक्ला की मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट किया, ‘बैरकपुर के टीटागढ़ क्षेत्र में कल शाम को एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस इसकी जांच कर रही है और व्यक्तिगत शत्रुता समेत सभी कारणों की पड़ताल की जा रही है. मृतक, हत्या और हत्या के प्रयास के कुछ मामलों में वांछित था.’
Please do not jump on conclusion without proper investigation. Irresponsible comments on social media tantamount to interference in the investigation. Please refrain from this (2/2)
— West Bengal Police (@WBPolice) October 5, 2020
राज्य की पुलिस ने लोगों से जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर न पहुंचने का आग्रह किया है. पुलिस ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी से जांच प्रभावित हो सकती है. कृपया इससे बचें.’
सूत्रों के अनुसार, जांच सीआईडी को सौंप दी गई है और अधिकारी टीटागढ़ पुलिस थाने गए थे.
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्ला के परिवार के सदस्यों से मिलने बैरकपुर पहुंचा.
भाजपा नेतृत्व ने तृणमूल कांग्रेस को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि तृणमूल ने अब राजनीतिक विरोधियों के सफाये की राजनीति शुरू कर दी है. हमें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है, क्योंकि यह घटना पुलिस थाने के सामने हुई. हम सीबीआई जांच चाहते हैं.’
विजयवर्गीय ने कहा, ‘बंगाल में लगातार बिगड़ती हुई कानून और व्यवस्था की और सत्तारूढ़ दल से अलग विचार रखने वालों की रोज होती हत्याओं पर रोक लगाने हेतु महामहिम राज्यपाल जगदीप धनखड़ जी से भेंटकर निवेदन किया.’
महामहिम ने भी वर्तमान परिस्थिति पर गम्भीर चिंता प्रकट कर राज्य सरकार को सक्त निर्देश देने व गृह मंत्रालय को भी अपनी रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 5, 2020
उन्होंने कहा, ‘महामहिम ने भी वर्तमान परिस्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट कर राज्य सरकार को सक्त निर्देश देने और गृह मंत्रालय को भी अपनी रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया.’
भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने भी शुक्ला की मौत के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि शुक्ला पर कार्बाइन से गोली चलाई गई थी.
वहीं, तृणमूल नेता निर्मल घोष ने भाजपा की आंतरिक कलह को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और पार्टी के खिलाफ सभी आरोपों को निराधार करार दिया.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक अन्य दल मनीष शुक्ला के शव को देखने यहां स्थित एनआरएस मेडिकल कालेज एवं अस्पताल पहुंचा.
दल को अस्पताल के भीतर घुसने की अनुमति न दिए जाने पर उन्हें पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की करते देखा गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में भाजपा के कुछ नेताओं को अस्पताल में जाने की अनुमति दी गई.
इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया और उनके न पहुंचने पर राज्य प्रशासन को लताड़ लगाई.
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1313087540690251778
कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा, ‘मनीष शुक्ला के शव को 20 घंटे तक नहीं दिया जाना पश्चिम बंगाल पुलिस और ममता बनर्जी के असंवेदनशील रवैये को दर्शाता है. इस तरह की कार्रवाई मामले को दबाने की कोशिश की ओर इशारा करती हैं. यह समय सभ्य और निष्पक्ष होकर आतंक का खात्मा करने का है.’
हालांकि बाद में मुख्य सचिव अलोपन बंद्योपाध्याय ने राज्यपाल से मुलाकात की. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)