आशा किरण होम में 11 लोगों की मौत के मामले में याचिका दायर

मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के आश्रयगृह आशा किरण होम में हुई 11 मौतों के मामले में ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आग्रह किया गया है.

मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के आश्रयगृह आशा किरण होम में पिछले दो महीने में हुई 11 मौतों के मामले में ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आग्रह किया गया है.

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आशा किरण होम. (फोटो: फेसबुक)

मुख्य न्यायधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने आई याचिका में अनुरोध किया गया है कि शवों के पोस्टमॉर्टम के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश होना चाहिए. साथ ही इन मौतों का कारण बताने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.

बताया जाता है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बीती चार फरवरी को आशा किरण होम का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान यह बात सामने आई थी कि यहां मरीज़ों की हालात बदतर और अमानवीय है. आयोग ने पिछले दो महीनों में 11 मौतों की पुष्टि भी की थी.

टाइम्स आॅफ इंडिया से बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘महिला आयोग की सदस्यों के साथ मैंने आशा किरण होम का दौरा किया. हमारी टीम ने पाया कि यहां मरीज़ बदतर स्थितियों में जीने को मजबूर हैं. यहां मरीज़ों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. एक बेड पर चार लोग थे. शौचालयों की हालत भी खराब थी. ये बेहद बदबूदार और गंदे थे. कॉरिडोर की हालत भी ऐसी ही थी.’

महिला मरीज़ों की हालत बताते हुए उन्होंने कहा, ‘महिला मरीज़ों को नहाने से पहले बिना कपड़ों के लाइन में खड़ा कर दिया जाता है. हैरानी की बात ये है कि महिला मरीज़ बिना कपड़ों के कॉरिडोर में रहती हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनकी निगरानी पुरुष करते हैं.’

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, (फोटो: पीटीआई)

इसके कुछ दिन बाद उन्होंने हरिनगर में आशा ज्योति होम का भी दौरा किया जिसके हालात आशा किरण होम के जैसे ही मिले. इसे भी दिल्ली सरकार की ओर से संचालित किया जाता है.

बहरहाल इस मामले में सालेक चंद जैन द्वारा दायर की गई याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है, की 2001-2016 के बीच आशा किरण होम से करीब 250 लोग लापता है. जैन ने याचिका में जांच के लिए अनुरोध किया है. आशा किरण होम दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के तहत आता है.

जैन की याचिका में उल्लेख है कि महिला आयोग द्वारा औचक निरीक्षण में निर्वस्त्र अवस्था में गलियारों में महिलाओं के घूमना पाया गया था. आयोग अध्यक्ष मालीवाल ने 4 फरवरी की रात को औचक निरीक्षण किए जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं. मामले की सुनवाई अब 17 फरवरी को होगी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2001 से अब तक आशा किरण होम में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यह आश्रय गृह हमेशा से ही विवादों में रहा है. यहां मौतों का ये सिलसिला साल दर साल जारी रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल एक पीआईएल के मुताबिक, साल 2005-06 में यहां 59, साल 2006-07 में 28, 2007-08 में 34, 2008-09 में 37, 2009-10 में 46, 2010-11 में 11, 2011-12 में 13, 2012-13 में 29 और 2013-14 में 51 लोगों की मौत हो चुकी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)