लीबिया में पिछले महीने आतंकियों ने सात भारतीयों का अपहरण कर लिया गया. ये भारतीय वहां एक कंस्ट्रक्शन एंड ऑयल फील्ड सप्लाई कंपनी में काम करते थे. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार लीबियाई अधिकारियों के संपर्क में है और वे जल्द से जल्द उन्हें मुक्त कराने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.
नई दिल्लीः उत्तर अफ्रीकी देश लीबिया में पिछले महीने आतंकियों ने सात भारतीयों का अपहरण कर लिया. ये भारतीय आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के हैं.
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत सरकार इनकी रिहाई के लिए लीबियाई अधिकारियों के संपर्क में है.
श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय नागरिक लीबिया में कंस्ट्रक्शन एंड ऑयल फील्ड सप्लाई कंपनी में काम करते थे.
उन्होंने कहा, ‘अपहरणकर्ताओं ने नियोक्ता से संपर्क कर उन्हें अगवा किए गए भारतीयों की तस्वीरें सबूत के तौर पर दिखाईं कि भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं.’
श्रीवास्तव ने कहा कि ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास ने लीबिया सरकार से और वहां मौजूद अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर भारतीय नागरिकों को मुक्त कराने के लिए मदद मांगी. ट्यूनीशिया में भारतीय वाणिज्यदूतावास लीबिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण संबंधी मामलों का प्रबंधन करता है.
बता दें कि सितंबर 2015 में सरकार ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षा की दृष्टि से लीबिया की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी.
मई 2016 में सरकार ने लीबिया में लगातार बिगड़ रही सुरक्षा दृष्टि को ध्यान में रखते हुए लीबिया की यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.
श्रीवास्तव ने कहा, यह यात्रा प्रतिबंध अब भी प्रभावी है. मालूम हो कि इससे पहले दो अक्टूबर को कुशीनगर में एक परिवार ने बताया था कि उनके परिजन को लीबिया में अगवा कर लिया गया है. अगवा किए गए भारतीय शख्स का नाम मुन्ना चौहान है.
उनके रिश्तेदार लल्लन प्रसाद ने बताया था कि अपहरणकर्ता उस कंपनी से 20,000 डॉलर की फिरौती मांग रहे हैं, जहां सातों भारतीय काम करते थे.
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)