उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित एक महाविद्यालय की क़ानून की छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था. वहीं, चिन्मयानंद ने छात्रा के परिवार पर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था.
लखनऊः पूर्व भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा मंगलवार को विशेष अदालत में अपने बयान से पलट गई.
24 साल की कानून की छात्रा मंगलवार को विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अपना बयान देने के लिए पेश हुई थीं.
छात्रा ने अपने बयान में कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया, जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है.
अभियोजन पक्ष ने आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीआरपीसी की धारा 340 के तहत तुरंत अर्जी दाखिल की.
न्यायाधीश पीके राय ने अपने कार्यालय को यह याचिका पंजीकृत करने के निर्देश दिए और अभियोजन पक्ष से कहा कि वह अर्जी की एक प्रति पीड़ित और अभियुक्त पक्ष दोनों को उपलब्ध कराए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा ने अदालत को बताया कि उसने शरारती तत्वों के दबाव में आकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे.
अभियोजन पक्ष ने छात्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है.
सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने कहा, ‘अतिरिक्त जिला जज पवन कुमार राय के समक्ष मंगलवार को कानून की छात्रा ने अपना बयान दर्ज कराया. छात्रा ने अदालत को बताया कि उसने शरारती तत्वों के दबाव में आकर चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.’
अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, ‘कानून की छात्रा के अपने बयान से पलटने के बाद मैंने उन्हें होस्टाइल करार दिया और उनसे पूछताछ करने के लिए अदालत की मंजूरी मांगी. जिरह में कानून की छात्रा ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो वह शरारती तत्वों के दबाव में थीं. हालांकि, उन्होंने शरारती तत्वों को पहचानने से इनकार किया है.’
अभियोजन पक्ष ने झूठा बयान देने के लिए छात्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने हेतु आवेदन दायर करने का अनुरोध किया है.
त्रिपाठी ने कहा, ‘अदालत ने 15 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होने तक कानून की छात्रा से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.’
बता दें कि शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की 24 वर्षीय छात्रा ने पिछले साल 23 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही यह भी कहा था कि उसे और उसके परिवार को जान का खतरा बताया है.
इस मामले में पीड़िता के पिता ने कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था लेकिन इससे एक दिन पहले चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा पीड़िता के पिता के खिलाफ दर्ज करा दिया.
इस बीच छात्रा गायब हो गई. कुछ दिन बाद उसे राजस्थान से बरामद कर लिया गया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने एसआईटी को मामले की जांच का निर्देश दिया था.
इस मामले में चिन्मयानंद को पिछले साल 20 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस महीने के शुरुआत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दे दी. इसे लेकर काफी आलोचना भी हुई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)