राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा, नीतीश कुमार ने बिहार के जनादेश को धोखा दिया है. नीतीश कुमार बहुत बड़े अवसरवादी हैं.
रांची: नीतीश कुमार के भाजपा के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार का गठन करने पर उनके पूर्व सहयोगी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को करारा हमला किया.
चारा घोटाले के एक मामले में पेशी के लिए रांची आए लालू प्रसाद यादव ने यहां राज्य अतिथि गृह में एक संवाददाता सम्मेलन में अपने पूर्व गठबंधन सहयोगी नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा, तेजस्वी एक बहाना था उनको (नीतीश) भाजपा से हाथ मिलाना था.
उन्होंने नए सरकार के गठन पर कहा कि बिहार बहुत जागरूक प्रदेश है. गांव-गांव के लोग नीतीश कुमार की इस हरकत से नाराज़ हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नीतीश की तुलना भस्मासुर से करते हुए लालू कहते हैं, ‘हमने नीतीश को कहा कि जाओ शंकर भगवान बनकर राज करो, लेकिन नीतीश तो भस्मासुर निकला.’
राजद प्रमुख ने कहा, नीतीश कुमार ने बिहार के जनादेश को धोखा दिया है. नीतीश कुमार बहुत बड़े अवसरवादी हैं. जनादेश भाजपा के ख़िलाफ़ था. यह मोदी और शाह को बिहार से बाहर फेंकने के लिए था. वे कहते हैं कि मैं बीफ खाने वाला हूं.
लालू यादव ने बड़े ही तल्ख़ अंदाज़ में कहा कि यह बिल्कुल मैच फिक्स था. वह बहुत ढक कर चल रहे थे सरकार चलने के कारण बिहार में बातें खुलकर नहीं रख रहे थे.
लालू ने सवाल उठाया कि 20 माह में उनके बेटे तेजस्वी ने ऐसा कौन सा अपराध कर दिया कि नीतीश उससे छुटकारा पाना चाहते थे.
उन्होंने कहा, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश मेरे घर आए और राबड़ी के सामने उन्होंने कहा कि भाई साहब हम लोग तो बुजुर्ग हो रहे हैं अब तो इन बच्चों को ही बिहार की सत्ता संभालनी है.
लालू प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि वास्तव में उनके बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा और अन्य परिजनों पर नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग से केस दर्ज करवाए हैं.
उन्होंने दावा किया कि सब कुछ फर्ज़ी है, आरोप झूठे हैं लेकिन यह सारी व्यूहरचना एक षड्यंत्र के तहत की गई सब का टाइमिंग फिक्स था.
#WATCH RJD Chief Lalu Prasad Yadav addresses the media https://t.co/cULdlzObG8
— ANI (@ANI) July 27, 2017
लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश लगातार कहते रहे कि उन्होंने तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग नहीं की है लेकिन अंदरखाने में वह भाजपा के साथ लगभग छह महीने से संपर्क में थे और सांठगांठ कर रहे थे.
लालू ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता को जवाब देना होगा क्योंकि वह भाजपा के ख़िलाफ़ बिहार की जनता का वोट लेकर के सत्ता में आए थे. लालू ने राजभवन पर भी पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते सरकार का गठन करने की दावेदारी करने के लिए राज्यपाल को सबसे पहले राजद को अवसर देना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया.
उन्होंने कहा, नीतीश ने कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे. नकली छवि बनाकर नीतीश ख़ुद को पीएम मटेरियल बताते थे. उनके पास सिर्फ 71 विधायक थे चाहता तो मैं उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाता.
आरएसएस पर हमला करते हुए लालू ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है कि आज हमारे बीच गांधी जी नहीं हैं, जो देश में एकजुटता ला सके. आरएसएस और गोडसे ने गांधी की हत्या की थी.’ राजद प्रमुख ने कहा, नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिन का और नौकरी वादा किया था. वो सब ढोंग निकला.
ख़ुद पर चल रहे मुक़दमों के बारे में उन्होंने कहा, ‘15-20 साल से मैं मुक़दमा लड़ रहा हूं. मुझे जल्दबाज़ी में सज़ा सुनाई गई. इसके पीछे नीतीश और भाजपा की साज़िश थी.’
लालू ने मीडिया पर भी तंज करते हुए कहा कि कई मीडिया वाले जिन्हें वह सम्मानित मानते थे उन्होंने भी उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ भ्रम फैलाने का ठेका ले लिया था. उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ मीडिया वालों को अच्छा समझा था, पर उन लोगों ने सुपारी लेने का काम किया है. देखो अमेरिका की मीडिया किस प्रकार ट्रंप से लड़ रही है.’
लालू आगे कहते हैं, ‘अमित शाह अब महासंपादक बन चुके हैं. अब वो तय करते हैं कि न्यूज़ कैसी होनी चाहिए. शाह मीडिया मालिकों को बताते हैं फिर वे अपने संपादकों को बताते हैं. इसमें रिपोर्टरों की कोई गलती नहीं है.’
उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने के बारे में भी वह कानूनी सलाह ले रहे हैं.
इस बीच 3 दिनों के लिए रांची की विशेष सीबीआई अदालत में पेशी के लिए यहां पहुंचे लालू यादव गुरुवार को ही पटना रवाना हो जाएंगे जिसके लिए उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत से अनुमति ले ली है.
लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के एक मामले में अपने गवाहों की गवाही 27, 28 और 29 जुलाई को दर्ज करानी थी लेकिन सभी गवाहों की उपस्थित न होने के चलते 28 और 29 जुलाई को गवाही न कर सकने की बात बताकर अदालत से गवाही के लिए नई तिथि मांगी गई है जिसके लिए अदालत सहमत हो गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से सहयोग के साथ)