गुजरात: अस्पताल में तोड़फोड़ मामले में भाजपा विधायक दोषी क़रार

साल 2007 में गुजरात के जामनगर ज़िले के ध्रोल इलाके के एक सरकारी अस्पताल में हुई थी तोड़फोड़. घटना के समय दोषी विधायक राघवजी पटेल कांग्रेस में थे. जामनगर की निचली अदालत ने सभी दोषियों को ऊपरी अदालतों में अपील के लिए एक महीने की ज़मानत पर रिहा कर दिया है.

राघवजी पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

साल 2007 में गुजरात के जामनगर ज़िले के ध्रोल इलाके के एक सरकारी अस्पताल में हुई थी तोड़फोड़. घटना के समय दोषी विधायक राघवजी पटेल कांग्रेस में थे. जामनगर की निचली अदालत ने सभी दोषियों को ऊपरी अदालतों में अपील के लिए एक महीने की ज़मानत पर रिहा कर दिया है.

राघवजी पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)
राघवजी पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

जामनगर: गुजरात के जामनगर जिले के एक सरकारी अस्पताल में हंगामा एवं तोड़फोड़ करने के 13 साल पुराने मामले में यहां की एक अदालत ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक राघवजी पटेल एवं चार अन्य को छह महीने के कारावास की सजा सुनाई है.

सहायक लोक अभियोजक रामसिंह भूरिया ने बताया कि जामनगर जिले के ध्रोल में प्रथम श्रेणी न्यायकि दंडाधिकारी एचजे जाला ने मंगलवार को सजा सुनाई और बाद में अदालत ने दोषियों को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने की जमानत पर रिहा कर दिया.

अदालत ने जामनगर (देहात) के विधायक राघवजी पटेल एवं इस मामले में शामिल चार अन्य को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने एवं लोक सेवक पर हमला करने के मामले में यह सजा सुनाई. अदालत ने सजा के अलावा चारों दोषियों के खिलाफ दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

अगस्त 2007 में जब यह घटना हुई तब पटेल कांग्रेस विधायक थे. साल 2017 में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

अहमदाबाद मिरर से बातचीत में राघवजी पटेल ने बताया, ‘ध्रोल अस्पताल में कथित तौर पर प्रबंधन की लापरवाही के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी. इस वजह से ध्रोल के लोगों में असंतोष था. एक विधायक के तौर पर मैं कुछ लोगों अस्पताल पहुंचा था.’

उन्होंने बताया कि वहां लगातार भीड़ जमा हो रही थी और हम घटना को लेकर अस्पताल के प्रमुख से शिकायत कर रहे थे. इसी दौरान भीड़ में से किसी ने पत्थर फेंक दिया, जिसकी वजह से अस्पताल का शीशा टूट गया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने आठ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी, जिसमें मेरा भी नाम था.

पटेल ने बताया, ‘घटना के 13 साल बाद ध्रोल की निजली अदालत ने पांच लोगों को दोषी करार दिया, जिसमें मैं भी शामिल हूं. मेरे अलावा अन्य दोषियों में तालुका पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष नरेंद्र सिंह जडेजा और तीन पत्रकार शामिल हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)