‘डॉक्टरों को कोविड योद्धा बताया जा रहा है, पर हमसे भूखे पेट लड़ने की उम्मीद की जा रही है’

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों के चिकित्सकों के लंबित वेतन को लेकर नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 19 अक्टूबर से उनके सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

बीते दिनों हुआ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चिकित्साकर्मियों का एक प्रदर्शन. (फोटो: प्रभात कुमार/द वायर)

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों के चिकित्सकों के लंबित वेतन को लेकर नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 19 अक्टूबर से उनके सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

बीते दिनों हुआ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चिकित्साकर्मियों का एक प्रदर्शन. (फोटो: प्रभात कुमार/द वायर)
बीते दिनों हुआ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चिकित्साकर्मियों का एक प्रदर्शन. (फोटो: प्रभात कुमार/द वायर)

नई दिल्ली: उत्तर दिल्ली नगर निगम की तरफ से संचालित तीन अस्पतालों के रेजिडेंट चिकित्सकों ने अपने लंबित वेतन को जारी करने की मांग को लेकर 16 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का निर्णय किया है.

वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने कहा है कि मुद्दे का समाधान होता नहीं दिख रहा है. ये चिकित्सक हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और राजेन बाबू तपेदिक अस्पताल से जुड़े हुए हैं.

हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं और पिछले तीन महीने के वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी गए थे.

कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सक भी अपने बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर बुधवार से एक हफ्ते की हड़ताल पर हैं.

हिंदू राव अस्पताल के आरडीए ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा, ‘हिंदू राव अस्पताल का आरडीए करीब चार महीने से बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए और राजेन बाबू टीबी अस्पताल के आरडीए का समर्थन करता है. हम एकजुट होकर कहना चाहते हैं कि हमारे मुद्दों का कोई समाधान नहीं हुआ है.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम सभी उत्तर दिल्ली नगर निगम के रेजिडेंट चिकित्सक एकजुट होकर एक मंच पर प्रदर्शन करेंगे. हम अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए 16 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं.’

उत्तर दिल्ली के महापौर जयप्रकाश ने बुधवार देर रात को ट्वीट कर दावा किया था, ‘आज सभी चिकित्सकों, नर्स, पैरामेडिकल कर्मियों और ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया है और शेष का वेतन जल्द ही जारी किया जाएगा.’

प्रकाश ने कहा कि जुलाई महीने का वेतन जारी कर दिया गया है. हिंदू राव के एक चिकित्सक ने कहा, ‘केवल एक महीने के बकाया वेतन का भुगतान किया गया है.’

इससे पहले बुधवार को नगर निगम डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) ने डॉक्टरों के लंबित वेतन को लेकर चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 19 अक्टूबर से उनके सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

इससे पहले एमसीडीए ने एक बयान जारी कर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के अपने सहयोगी रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त की.

एमसीडीए के अध्यक्ष आरआर गौतम ने कहा, ‘हम वरिष्ठ स्थायी डॉक्टरों का एक संघ हैं और हम पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के भी काम कर इस संकट में लोगों की सेवा कर रहे हैं. लेकिन अब हमारे पास भी कोई विकल्प नहीं बचा है.’

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को कोविड योद्धाओं के रूप में सम्मानित किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन हमसे भूखे पेट यह लड़ाई लड़ने की उम्मीद कर रहा है क्या.

गौतम ने कहा, ‘हम हताश हो चुके हैं और हमारे परिवार की कुशलक्षेम दांव पर है. हमें अपनी तनख्वाह चाहिए और हमारी मांगों में जुलाई-सितंबर के लंबित तीन महीने का वेतन, लंबित बकाया और पिछले कई महीनों से लंबित सेवानिवृत्त डॉक्टरों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ भी शामिल है.’

उन्होंने कहा कि अगर ये मांगें रविवार तक पूरी नहीं होती हैं, तो एमसीडीए डॉक्टर 19 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

गौरतलब है कि हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर बीते जून महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से बीते नौ अक्टूबर को उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 48 घंटे में उनका वेतन जारी नहीं किया गया तो कोरोना वार्ड में ड्यूटी नहीं करेंगे.

उल्लेखनीय है कि हिंदू राव दिल्ली नगर निगम का सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसकी बिस्तरों की क्षमता 900 है और इस समय यह कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए समर्पित बनाया गया था.

हिंदू राव अस्पताल भाजपा नीत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के न्यायाधिकार क्षेत्र में आता है. इसके बाद मंगलवार को दिल्ली सरकार ने हिंदूराव अस्पताल को कोविड-19 के लिए निर्दिष्ट अस्पतालों की सूची से हटा दिया था.

बता दें कि बीते जुलाई महीने में भी हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने अदालत के दखल के बावजूद पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था.

द वायर  द्वारा अपनी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि नॉर्थ एमसीडी के तहत आने वाले दो अस्पतालों- कस्तूरबा और हिंदू राव के 350 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने तीन से चार महीने तक का वेतन न मिलने की बात कहते हुए सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी थी.

इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी को उसके तहत आने वाले कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत छह अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च का वेतन 19 जून तक देने का निर्देश दिया था. इसके बाद उन्हें दो महीने का वेतन मिला था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)