मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन का है. मृतक लोगों में से अधिकांश मज़दूर थे. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि संभवत: डिनेचर्ड स्प्रिट पीने से इनकी मृत्यु हुई है. प्राथमिक जांच में दो-तीन संदिग्ध व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं और उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.
उज्जैन/भोपाल: मध्य प्रदेश के उज्जैन में कथित रूप से जहरीले नशीले पदार्थ (शराब या स्प्रिट) के सेवन से पिछले 36 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई है.
मामले लापरवाही के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 10 मजदूर हैं और एक व्यक्ति ठेला लगाता था. वहीं, तीन अज्ञात हैं.
उज्जैन जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश द्विवेदी ने कहा, ‘अब ये पदार्थ क्या है और ये किसके द्वारा बेचा गया, इसकी जांच की जा रही है. इसके लिए हमारे द्वारा सघन छापेमारी की जा रही है.’
उज्जैन जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) महावीर खंडेलवाल ने बताया, ‘ये 14 लोग इतनी बुरी स्थिति में अस्पताल लाए गए थे कि इनमें से कोई भी 15 मिनट से ज्यादा जीवित नहीं रह पाया.’
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘ये कोई जहरीली शराब, स्प्रिट या कोई अन्य केमिकल भी हो सकता है, जो विसरा जांच में पता चलेगा.’
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी करके कहा, ‘संभवत: ‘डिनेचर्ड स्प्रिट’ पीने से इनकी मृत्यु हुई है.’
उन्होंने कहा कि शवों के पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा जांच हेतु सागर प्रयोगशाला में आज ही भेजा जाएगा और रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि इनकी मौत कैसे हुई.
सिंह ने कहा कि जांच में कुछ मेडिकल स्टोर्स के नाम भी सामने आए हैं, जिनके कर्मचारियों के सत्यापन का कार्य किया जा रहा है. दवा बाजार स्थित गुप्ता सर्जिकल मेडिकल के यहां निर्धारित मात्रा से अधिक स्प्रिट पाए जाने पर स्टोर को सील किया गया है.
उन्होंने कहा कि नगर निगम व डॉक्टर्स की टीम को फुटपाथ एवं रैन बसेरों में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लगाया गया है. इनके द्वारा फुटपाथ एवं रैन बसेरों में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है, जिससे कि अन्य किसी व्यक्ति द्वारा भी इसी तरह के ‘डिनेचर्ड स्प्रिट’ का सेवन किया गया हो तो उसकी जान बचाई जा सके.
लापरवाही के आरोप में एसएचओ सहित चार निलंबित
द्विवेदी ने बताया कि उज्जैन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने थाना प्रभारी खाराकुआ निरीक्षक एमएल मीणा, बीट प्रभारी उप-निरीक्षक निरंजन शर्मा और दो आरक्षकों शेख अनवर एवं नवाज शरीफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है,‘उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने प्रथम दृष्टया खाराकुआ थाना क्षेत्र में जिंजर नामक पेय पदार्थ (कच्ची शराब) की बिक्री होना पाया. संभवत: उसी का सेवन करने से कुछ व्यक्तियों की मृत्यु होने जैसी संवेदनशील घटना को थाना प्रभारी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया. कर्तव्य के प्रति बरती गई लापरवाही के लिए थाना खाराकुआ में पदस्थ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.’
आरोपियों पर लगेगा एनएसए
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया की इस स्प्रिट या जहरीली शराब की आपूर्ति मामले में गब्बर, यूनुस और सिकंदर के नाम सामने आए हैं, जो यहां से भाग गए हैं. उन्होंने बताया कि इन्हें पकड़ने के लिए टीमें बालाघाट और अन्य जगहों भेजी गई हैं.
उन्होंने कहा कि बुधवार रात से ही 12 से अधिक लोगों को अवैध शराब बिक्री में पकड़ा गया और उनसे सख्त पूछताछ की जा रही है.
कलेक्टर सिंह ने कहा कि प्रशासन को ऐसे नशीले प्रदार्थ बेचने वालों को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में दो-तीन संदिग्ध व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं और उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के आदेश दिए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बृहस्पतिवार को इस घटना की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच के निर्देश दिए.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी का गठन कर अपर मुख्य सचिव गृह से रिपोर्ट मांगी है.
मामले की जांच के लिए गृह विभाग के सचिव की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम शुक्रवार को उज्जैन पहुंचेगी. यहां दो दिन रहकर टीम जांच के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने उज्जैन में कुछ व्यक्तियों की संदिग्ध मृत्यु और उसकी परिस्थितियों के संबंध में बृहस्पतिवार प्रात: अपने निवास पर विशेष बैठक बुलाकर वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी ली.
चौहान ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए निर्देश दिए, ‘ऐसे पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसे व्यक्तियों का नेटवर्क तोड़ा जाए. इस घटना की एसआईटी द्वारा जांच हो.’
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य स्थानों पर यदि ऐसी वस्तुएं बेची जा रही हैं, तो पुलिस बल इसका पता लगाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे. चौहान ने कहा कि अपर मुख्य सचिव, गृह इस मामले में समन्वय करके प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रतिवेदन दें.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ऐसे विषैले नशीले पदार्थ बेचने वाले समाज के दुश्मन हैं. इन्हें कड़ी सजा मिले. ऐसे लोगों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने का कार्य किया जाए.’
उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, वे काफी निर्धन भी हैं. संभवत: कई दिन से वे इस तरह का नशा कर रहे होंगे. ऐसे नशीले पदार्थ बेचने वालों का नेटवर्क ध्वस्त किया जाए.
चौहान ने कहा, ‘न सिर्फ उज्जैन बल्कि पूरे प्रदेश में इस तरह के मामलों पर नजर रखी जाए. जहां कहीं भी ऐसे मिलावटी और जहरीले पदार्थों का विक्रय होने की आशंका हो, सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए.’
कमलनाथ ने शिवराज पर शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा नीत प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘शिवराज जी, ये माफिया कब तक यूं ही निर्दोषों की जान लेते रहेंगे?’
कमलनाथ ने कहा, ‘प्रदेश के कई जिलों से शराब माफिया व अवैध शराब के कारोबार की निरंतर शिकायतें मिल रही हैं. हमारी सरकार जाते ही ये माफिया वापस बेखौफ होकर सक्रिय हो गए हैं. हमारी सरकार ने इन्हें कुचला था और भाजपा सरकार इन्हें संरक्षित कर रही है.’
उन्होंने कहा, ‘क्यों इन्हें बख्शा जा रहा है? क्यों इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है? मृतकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं. पीड़ित परिवारों को न्याय मिले, उनकी हर संभव मदद हो दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)