जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों की तरफ़ से केंद्र 1.10 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ लेगा: मंत्रालय

केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम क़दम माना जा रहा है. कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. इस कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के समक्ष क़र्ज़ लेने के दो विकल्प रखे थे, जिसे कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो साभार: पीटीआई)

केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम क़दम माना जा रहा है. कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. इस कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के समक्ष क़र्ज़ लेने के दो विकल्प रखे थे, जिसे कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया था.

New Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman wearing a face mask gestures as she announces the government's economic package to fight the coronavirus pandemic, during a news conference, in New Delhi, Wednesday, May 13, 2020. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI13-05-2020_000153B)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बीते गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए राज्यों की तरफ से केंद्र सरकार खुद 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाएगी.

केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम कदम माना जा रहा है.

कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. राज्यों ने वैट समेत अन्य स्थानीय कर एवं शुल्कों के एवज में जीएसटी को स्वीकार किया था.

उन्होंने जुलाई 2017 में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था इस शर्त पर स्वीकार की थी कि राजस्व संग्रह में अगले पांच साल तक किसी भी प्रकार की कमी होने पर उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी.

इस कमी को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेने का विकल्प राज्यों को दिया गया था, लेकिन कुछ राज्य इससे सहमत नहीं थे.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि राज्यों को उनकी खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराई गई मौजूदा कर्ज सीमा के अलावा 1.10 लाख करोड़ रुपये का ऋण लेने को लेकर विशेष व्यवस्था की पेशकश की गई थी.

वक्तव्य में कहा गया है, ‘विशेष व्यवस्था के तहत जीएसटी राजस्व संग्रह में अनुमानित 1.10 लाख करोड़ रुपये (यह मानते हुए कि सभी राज्य इसमें शामिल होंगे) की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए भारत सरकार उपयुक्त किस्तों में कर्ज लेगी.’

मंत्रालय ने कहा कि इस तरह जो कर्ज लिया जाएगा, उसे जीएसटी क्षतपूर्ति उपकर जारी करने के बदले में राज्यों को दिया जाता रहेगा.

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार के कर्ज लेते समय बॉन्ड रिटर्न में एकरूपता और बॉन्ड नीलामी में अंतराल को सुनिश्चित किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि मूल राशि और ब्याज का भुगतान क्षतिपूर्ति राशि कोष से किया जाएगा. वहीं 1.10 लाख करोड़ रुपये की राशि को तीन से चार साल की अवधि के बॉन्ड जारी करके जुटाया जाएगा.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यों के लिए केंद्र द्वारा कर्ज लेने पर एक ही ब्याज दर को सुनिश्चित किया जा सकेगा और व्यवस्था में आसानी होगी.

बयान में कहा गया है कि इस कर्ज से भारत सरकार के राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. राशि को राज्य सरकारों की पूंजी प्राप्ति के तौर पर दिखाया जाएगा और यह उनके राजकोषीय घाटों के वित्त पोषण के रूप में होगी.

इसमें कहा गया है, ‘इस कदम से सरकारों (राज्य एवं केंद्र) के कर्ज में बढ़ोतरी नहीं होगी. जिन राज्यों को कर्ज की इस विशेष व्यवस्था से लाभ होगा, वे राज्य संभवत: राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज की सुविधा के तहत कम कर्ज उठाएंगे.’

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत राज्यों की कर्ज लेने की सीमा उनके जीएसडीपी का 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दी गई थी. इस प्रकार उन्हें जीएसडीपी का दो प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज लेने की सुविधा पहले ही उपलब्ध कराई गई है.

बाजार सूत्रों के अनुसार, विभिन्न राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए कर्ज अलग-अलग ब्याज दर पर मिल रहे थे, ऐसे में उन्होंने एक समान दर की व्यवस्था को लेकर केंद्र से संपर्क किया.

जीएसटी लागू करते हुए जुलाई 2017 में राज्यों को नई कर व्यवस्था के क्रियान्वयन के तहत अगले पांच साल तक उनके राजस्व में 14 प्रतिशत वृद्धि के आधार पर राजस्व मिलने का भरोसा दिया गया था.

इसमें किसी प्रकार की कमी की भरपाई विलासिता और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर जीएसटी उपकर लगाकर पूरा करने का प्रस्ताव किया गया, लेकिन पिछले वित्त वर्ष से अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण राजस्व संग्रह में कमी के चलते राज्यों की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए यह राशि कम पड़ रही है.

इसकी भरपाई के लिए केंद्र ने राज्यों को बाजार से कर्ज लेने का प्रस्ताव किया था. यह कर्ज भविष्य में उपकर से होने वाली प्राप्ति के एवज में लिया जा सकता था.

इससे पहले वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 21 राज्यों ने कर्ज लेने के दो विकल्प में से पहले विकल्प का चयन किया है. हालांकि, कांग्रेस और कुछ अन्य गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों ने कर्ज लेने का कोई भी विकल्प स्वीकार नहीं किया था.

कर्ज राशि पर सबसे पहले ब्याज जीएसटी उपकर से दिया जाएगा, जिसे पांच साल बाद भी जुटाया जाएगा.

राज्यों के समक्ष रखे गए पहले विकल्प की शर्तों के तहत राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए कर्ज की विशेष सुविधा के अलावा राज्य जीएसडीपी के तहत 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज लेने की सुविधा के अंतर्गत अंतिम किस्त के रूप में 0.5 प्रतिशत ऋण बिना किसी शर्त के तहत ले सकते हैं.

इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र ने पहले विकल्प का चयन करने वाले 21 राज्यों को खुले बाजार से इसी सुविधा के तहत 78,452 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी थी.

बयान के अनुसार, 21 राज्यों को दी गई यह कर्ज मंजूरी 1.10 लाख करोड़ रुपये के ऋण प्रस्ताव के अतिरिक्त थी.

राजस्व की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों के समक्ष दो विकल्प रखे थे. या तो राज्य रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाले विशेष खिड़की से 97,000 करोड़ रुपये (अब 1.1 लाख करोड़ रुपये) कर्ज लेकर भरपाई करें या फिर पूरी 2.35 लाख करोड़ रुपये की राशि को बाजार से उठाएं.

केंद्र ने राज्यों को इस अतिरिक्त कर्ज को चुकाने के लिए विलासिता और गैर- प्राथमिकता वाली अहितकर वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी उपकर को 2022 के बाद भी जारी रखने का प्रस्ताव किया है, ताकि राज्य इससे प्राप्त राजस्व से अपने कर्ज का भुगतान कर सकें.

जीएसटी क्षतिपूर्ति के 1.10 लाख करोड़ सहित उधार जुटाने की नई समयसारिणी जारी 

केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों की तरफ से बाजार से 1.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा के साथ ही सरकार ने अतिरिक्त राशि को शामिल करते हुए दूसरी छमाही के दौरान उधार जुटाने का नया कार्यक्रम जारी किया है.

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की विशेष खिड़की सुविधा शुरू किए जाने के बाद रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श कर भारत सरकार के उधारी कैलेंडर में जरूरी सुधार किया जा रहा है.

इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की शेष अवधि (19 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021) के लिए भारत सरकार कुल मिलाकर 488,000 करोड़ रुपये का उधार जुटाएगी. जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए तीन और पांच साल की अवधि के तहत 55,000 करोड़ रुपये की दर से अतिरिक्त राशि जुटाई जाएगी.

वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 संकट के दौरान होने वाले खर्च की पूर्ति के लिए सरकार वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 4.34 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठाएगी. इस अतिरिक्त राशि के साथ दूसरी छमाही में कुल उधार बढ़कर 5.44 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

पहले की योजना के मुताबिक, 27,000 से 28,000 करोड़ रुपये की 16 साप्ताहिक नीलामी कार्यक्रम चलाए जाएंगे और इनकी अवधि पहली छमाही के अनुरूप ही 2, 5, 10, 14, 30 और 40 साल होगी. अब नए साप्ताहिक नीलामी कार्यक्रम में यह 17,000 करोड़ से 31,000 करोड़ रुपये के दायरे में होंगे और जिसमें तीन से पांच साल के सरकारी पत्र भी शामिल होंगे.

बहरहाल 5.44 लाख करोड़ रुपये की राशि 22 सप्ताह में पूरी होगी. इसमें से 56,000 करोड़ रुपये सरकार जुटा चुकी है जबकि शेष 4.88 लाख करोड़ रुपये बाकी बचे 20 सप्ताह में जुटाए जाएंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games slot gacor slot thailand pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq judi bola judi parlay pkv games bandarqq dominoqq pkv games pkv games pkv games bandarqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq slot gacor slot thailand slot gacor pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot gacor slot gacor bonus new member bonus new member bandarqq domoniqq slot gacor slot telkomsel slot77 slot77 bandarqq pkv games bandarqq pkv games pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq pokerqq bandarqq pkv games dominoqq pokerqq pkv games bandarqq dominoqq pokerqq bandarqq pkv games rtpbet bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq pkv games dominoqq slot bca slot bni bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot77 slot pulsa slot thailand bocoran admin jarwo depo 50 bonus 50 slot bri slot mandiri slot telkomsel slot xl depo 50 bonus 50 depo 25 bonus 25 slot gacor slot thailand sbobet pkv games bandarqq dominoqq slot77 slot telkomsel slot zeus judi bola slot thailand slot pulsa slot demo depo 50 bonus 50 slot bca slot telkomsel slot mahjong slot bonanza slot x500 pkv games slot telkomsel slot bca slot77 bocoran admin jarwo pkv games slot thailand bandarqq pkv games dominoqq bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games bandarqq bandarqq pkv games pkv games pkv games bandarqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq pkv games dominoqq bandarqq