पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी वर्षा और बाढ़ से 3,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उत्तर कर्नाटक सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा, जहां पिछले तीन महीने में तीसरी बार बाढ़ आई है. तेलंगाना ने बारिश और बाढ़ के कारण छह हज़ार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है.
नई दिल्ली/हैदराबाद/बेंगलुरु: कर्नाटक के अनेक हिस्सों में लगातार बारिश और प्रमुख बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण बीते शुक्रवार को बाढ़ से हालात गंभीर रहे. वहीं, महाराष्ट्र में पिछले तीनों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई तथा लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फसल बर्बाद हो गई.
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे संभाग में 29, मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद संभाग में 16 और तटीय कोंकण में तीन लोगों की वर्षाजनित घटनाओं में मौत हो गई.
उत्तर कर्नाटक सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा, जहां पिछले तीन महीने में तीसरी बार बाढ़ आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारी बारिश से प्रभावित महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात कर उन्हें राहत व बचाव कार्य में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
Spoke to Maharashtra CM Uddhav Thackeray Ji regarding the situation arising due to flooding and heavy rain in parts of the state. My thoughts and prayers are with those sisters and brothers affected. Reiterated Centre’s support in the ongoing rescue and relief work. @OfficeofUT
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2020
मोदी ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की. प्रभावित भाई-बहनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. वहां जारी राहत व बचाव कार्य में केंद्र की हरसंभव मदद का भरोसा दिया.’
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से चर्चा की. बाढ़ से प्रभावित कर्नाटक के भाई-बहनों के साथ हम खड़े हैं. राहत व बचाव कार्य में केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया.’
Spoke to CM @BSYBJP Ji on the rainfall and flood situation in various parts of Karnataka. We stand in solidarity with our sisters and brothers of Karnataka affected by the floods. Assured all possible support from the Centre in rescue and relief works that are underway.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2020
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, कोंकण और गोवा, ओडिशा तथा तटीय आंध्र प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा हुई.
पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से कोलकाता एवं पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में दुर्गा पूजा के दौरान वर्षा होने की संभावना है.
पुणे के संभागीय आयुक्त कार्यालय के अनुसार, पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी वर्षा और बाढ़ से 3,000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘सोलापुर में 14, सांगली में छह, पुणे में सात और सतारा में दो व्यक्तियों की जान चली गई जबकि पुणे में एक, सांगली में तीन और सोलापुर में चार लोग अब भी लापता हैं.’
उन्होंने बताया कि पुणे, सोलापुर, सतारा और सांगली जिलों में 87,000 हेक्टेयर में फैले गन्ना, सोयाबीन, सब्जियों, चावल, अनार और कपास जैसी फसलों को नुकसान हुआ है.
उनके अनुसार, सोलापुर, सांगली, सतारा और पुणे जिलों में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से 1021 मवेशियों की मौत हो गई, कुल 3,156 मकान क्षतिग्रस्त हो गए तथा 100 झुग्गियां नष्ट हो गईं.
सोलापुर, सांगली, सतारा और पुणे जिलों में 10,349 से 40,036 अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.
अधिकारी के अनुसार, औरंगाबाद क्षेत्र में सोयाबीन, बाजरा, कपास, केले, सूर्यमुखी आदि फसलें नष्ट हो गईं. कोंकण क्षेत्र में 326 मकान क्षतिग्रस्त हो गए.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन से क्षतिग्रस्त फसलों, मकानों और अन्य संपत्तियों का तत्काल पंचनामा करने का आदेश दिया.
महाराष्ट्र सरकार के राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से भारी वर्षा और बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान उठा चुके और अपनी आजीविका का स्रोत गंवा चुके किसानों को मुआवजा देने को कहेगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार से उन किसानों को कुछ मुआवजा प्रदान करने के लिए कहूंगा जिन्होंने अपनी आजीविका गंवाई है. फसलों के नुकसान का आकलन चल रहा है. मैंने अधिकारियों से नुकसान के आकलन के काम में तेजी लाने को कहा है.’
कर्नाटक के कई जिले बुरी तरह प्रभावित
बंगाल की खाड़ी पर बने उच्च वायु दबाव क्षेत्र के कारण हुई भारी बारिश के चलते कर्नाटक में बेलगावी, बीदर, बेल्लारी, कलबुर्गी, रायचूर, यादगिर, कोप्पल, गोदाग, धारवाड़, बागलकोट, शिमोगा, विजयपुरा, उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और हावेरी सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
कलबुर्गी और यादगीर जिलों में उफान के साथ बह रही भीमा नदी ने तबाही मचाई, जहां अनेक गांव जलमग्न हो गए और खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई. बताया जा रहा है कि उत्तर कर्नाटक में हो रही बारिश वर्ष 1992 के बाद से सबसे भारी है.
खबरों के मुताबिक, खाद्यान्नों के गोदामों और दाल मिलों में बाढ़ का पानी घुस जाने से वहां रखा सामान बह गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शुक्रवार को प्राथमिक सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के सात जिलों में 54 राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां बारिश और बाढ़ से विस्थापित 7,776 लोग शरण लिए हुए हैं. 43 जानवरों की मौत हुई है और 800 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इसके अलावा 104,418.82 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल खराब हो गई है. 3,481.93 हेक्टेयर बागवानी नष्ट हो गई है.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्र सरकार कर्नाटक के हालात से वाकिफ है.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र को मौजूदा हालात की जानकारी है. मैंने अभी केंद्रीय गृह मंत्री से बात की है, जिन्होंने हमें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.’
येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी सरकार राहत कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है तथा राजस्व मंत्री आर अशोक ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है.
येदियुरप्पा ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की
येदियुरप्पा ने शुक्रवार को भारी बारिश के कारण तीन महीने के भीतर तीसरी बार बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे राज्य के लिए 85.5 करोड़ रुपये जारी करने और प्रभावित जिलों को बचाव उपकरण उपलब्ध कराए जाने की जानकारी दी.
सरकार ने शुक्रवार को बाढ़ से प्रभावित 51,810 किसानों के बैंक खातों में सब्सिडी के तौर पर 36.57 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए.
मुख्यमंत्री ने उत्तर कर्नाटक में 12 जिलों के जिला पंचायतों के उपायुक्तों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की.
येदियुरप्पा ने अधिकारियों से बचाव अभियान को युद्ध स्तर पर चलाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया.
इस बीच, कर्नाटक के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केडीएमए) ने राज्य के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई को बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी दी.
केडीएमए अधिकारियों के अनुसार, इस साल मॉनसून की बारिश सामान्य से बहुत अधिक हुई है.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘राज्य में सितंबर के अंत तक औसत वर्षा तकरीबन 800 मिलीमीटर होती है, वहीं इस वर्ष यह करीब 1,000 मिलीमीटर पर पहुंच गई है.’
एनडीआरएफ ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 600 से अधिक लोगों को बचाया
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बारिश प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रहे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने शहर के जलमग्न हो चुके हिस्सों, रंगारेड्डी जिले और आंध्र के पूर्वी गोदावरी जिले से 600 से अधिक लोगों को बचा लिया है.
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि तेलंगाना सरकार के प्रयासों के बावजूद यहां जलाशयों के समीप स्थित कुछ स्थान जलमग्न ही रहे.
तेलंगाना में अधिकारियों ने बताया है कि शुक्रवार तक कम से कम 50 लोगों की मौत हुई और राज्य को तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है.
एनडीआरएफ की ओर से जारी एक वक्तव्य के अनुसार तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य जारी रहे.
शुक्रवार को एक वक्तव्य में कहा गया है, ‘आज एनडीआरएफ के दलों ने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में फंसे 200 लोगों को बचाया और तेलंगाना के हैदराबाद तथा रंगारेड्डी शहरों और आंध्र के पूर्वी गोदावरी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से छह सौ से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला.’
एनडीआरएफ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बल के 30 दल तैनात किए गए हैं. पिछले तीन दिनों में इन दलों ने 540 लोगों को बचाया है और चार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पांच हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)