बिहार में उद्योग न लगने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तर्क पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने साधा निशाना. नीतीश कुमार ने कहा है कि पिछले 15 सालों में बिहार में स्थितियां बदली हैं.
पटना/नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी महागठबंधन ने शनिवार को अपना संकल्प पत्र जारी किया. इसमें युवाओं को रोजगार देने, पलायन रोकने, शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने, उद्योगों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न वादे किए गए हैं.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, शक्ति सिंह गोहिल व वाम दलों के प्रमुख नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन का संकल्प पत्र ‘बदलाव के संकल्प’ को जारी किया.
इस अवसर पर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण विषय बेरोजगारी है. हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी.’
महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने कहा कि लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है, ऐसे में हमने यह संकल्प किया है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से राज्य में शासन कर रहे हैं, लेकिन इसे विशेष दर्जा नहीं दिया गया.
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि यह चुनाव ‘नई दिशा बनाम दुर्दशा, नया रास्ता बनाम हिंदू-मुसलमान, नई तरुणाई बनाम फेल तजुर्बे तथा खुद्दारी बनाम नफरत’ के बीच का है.
उन्होंने नीतीश कुमार पर बिहार की जनता को धोखा देने का आरोप लगाया.
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस चुनाव में भाजपा के तीन गठबंधन हैं जिनमें से एक जदयू के साथ, दूसरा लोजपा के साथ और तीसरा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ है.
सुरजेवाला ने हाल में बने तीन कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए आरोप लगााया कि भाजपा हरित क्रांति को विफल बनाना चाहती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी, तब पहले विधानसभा सत्र में तीनों कानून को खत्म करने के लिए कदम उठाया जाएगा.
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी चीनी मिल को लेकर कुछ वादे किए थे लेकिन वे पूरे नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि लीची, गन्ना सहित अन्य उत्पादों के लिए कोई प्रसंस्करण इकाई नहीं है. हमारा ध्यान इन सभी पर रहेगा.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग कुर्सी पाने की होड़ में लगे हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सृजन घोटाले सहित कई घोटाले इसी शासनकाल में हुए हैं .
राजद नेता ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है.
भाजपा ने लोजपा से किनारा किया
भाजपा ने बिहार में सत्तारूढ़ राजग से नाता तोड़कर अलग चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के विरूद्ध शुक्रवार को आक्रामक मुद्रा अपनाते हुए उसे न सिर्फ ‘वोट कटवा’ करार दिया बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की कोई ‘बी, सी या डी टीम’ नहीं है.
भाजपा नेताओं ने दावा किया कि लोजपा अपना अस्तित्व बचाने के लिए ‘झूठ और भ्रम’ की राजनीति कर रही है जो सफल नहीं होगी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की दो तिहाई बहुमत से जीत होगी.
उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा गठित लोजपा की कमान अब उनके सांसद पुत्र चिराग पासवान के हाथों में हैं.
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल (यूनाइटेड) से सैद्धांतिक मतभेदों का हवाला देते हुए बिहार में अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
पासवान केंद्र की राजग सरकार में मंत्री थे और उनकी पार्टी इसका हिस्सा रही है. इसके बावजूद भाजपा नेताओं ने लोजपा पर हमला बोला.
अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘चिराग पासवान ने बिहार में अपना अलग रास्ता चुना है और वो हमसे अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर वह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. यह झूठी बयानबाजी सफल नहीं होगी.’
उनके इन प्रयासों की निंदा करते हुए जावड़ेकर ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव में भाजपा की कोई ‘बी, सी या डी टीम’ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी एक ही मजबूत टीम है और वह है भाजपा, जदयू, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी). चार दलों का हमारा गठबंधन राजग मजबूती से चुनाव लड़ रहा है. तीन चौथाई बहुमत से विजयी होगी और हम कांग्रेस, राजद और माले के अपवित्र गठबंधन को हराएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘चिराग की पार्टी एक वोटकटवा पार्टी रह जाएगी. बहुत ज्यादा असर नहीं नहीं डाल सकेगी चुनाव पर. हम साफ करना चाहते हैं कि दूर-दूर तक हमारा कोई रिश्ता नहीं है. भ्रम की राजनीति हमें पसंद नहीं है.’
‘वोटकटवा’ का प्रयोग सामान्यत: उस राजनीतिक दल या उम्मीदवार के लिए किया जाता है जो चुनाव तो नहीं जीत सकता लेकिन वोट काटकर किसी दूसरे दल के प्रत्याशी का हरा सकता है.
उल्लेखनीय है कि लोजपा के नेता और चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार पर वह निशाना साधते रहते हैं. इसकी वजह से चर्चा आम है कि भाजपा और लोजपा के बीच अंदरूनी साठगांठ हैं.
भाजपा महासचिव व बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव को भी ट्वीट कर इस सिलसिले में सफाई पेश करनी पड़ी.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी के नाम के इस्तेमाल पर चिराग पासवान भ्रम पैदा करना चाहते हैं. बिहार चुनाव में राजग में ‘भाजपा-जदयू-वीआईपी व हम’ गठबंधन में हैं. लोजपा से न हमारा गठबंधन है, न ही चुनाव में वह राजग का हिस्सा है.’
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘चिराग को न भ्रम में रहना चाहिए, न भ्रम पालना चाहिए और न भ्रम फैलाना चाहिए.’
यादव ने चिराग द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ दिए गए बयानों को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और उन्हें याद दिलाया कि राजग में रहते हुए उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और सांसद बने.
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि फरवरी में दिल्ली में वह बिहार सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे थे, लेकिन अचानक छह महीने में ऐसा क्या हो गया कि अब वह बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘अब (वह) निजी स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं!’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोजपा अपने अस्तित्व को बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है, जबकि भाजपा और उसके सहयोगी बिहार की स्थिरता और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जिस प्रकार से लोजपा के नेताओं द्वारा नाना प्रकार के इंटरव्यू भिन्न-भिन्न जगहों पर दिए जा रहे हैं, वह अपने आप में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हम इसकी निंदा करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार में लोकतंत्र, विकास और स्थिरता के लिए ये चुनाव लड़ा जा रहा है. जहां हम एक तरफ अपनी पार्टी की स्थिरता, बिहार की स्थिरता और लोकतंत्र के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं लोजपा अपने अस्तित्व के लिए चुनाव लड़ रही है.’
गौरतलब है कि चिराग पासवान ने गुरुवार को कहा था कि बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू से अलग होने में कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार ने उनके पिता का राज्यसभा चुनाव के दौरान अपमान किया था.
चिराग ने कहा था कि उन्होंने जदयू के खिलाफ विद्रोह नहीं किया, बल्कि पार्टी ने गठबंधन के साथियों को उचित हिस्सा देने से इनकार कर दिया था.
पिछले 15 वर्ष में बिहार में स्थितियां काफी बदली हैं: नीतीश कुमार
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शु्क्रवार को विपक्ष पर काम करने की आदत और समझ नहीं होने का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले 15 वर्ष में उनकी सरकार ने सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य हर क्षेत्र में काम किया है.
गया के इमामगंज और बेलागंज, औरंगाबाद के ओबरा, अरवल के कुर्था में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘15 साल से हमें काम करने का मौका मिला. हमने हर क्षेत्र में काम और विकास किया है, चाहे सड़क हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, बिजली हो, पानी हो. हर बार कुछ ज्यादा करने की कोशिश की है.’
राजद नेता लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमसे पहले पति-पत्नी को राज करने का मौका मिला, लेकिन पहले कानून का राज नहीं था और आपराधिक घटनाएं होती थी.
उन्होंने कहा, ‘पहले जो स्थिति थी और आज जो स्थिति है, उसमें बहुत अंतर है.’
विपक्ष पर निशाना साधते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसको कोई काम करने की आदत नहीं है, न ही कोई समझ है, वे कुछ भी बोलते रहते हैं.
अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बिहार का बहुमुखी विकास किया है और प्रति व्यक्ति आमदनी में 10.5 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा, ‘हमने कहा था कि न्याय के साथ विकास, हर वर्ग का विकास, हर क्षेत्र का विकास और हमने वह किया है.’
नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि तब अपराध और अराजकता अपने चरम पर थी.
उन्होंने कहा, ‘न्याय यात्रा के दौरान हमने कहा था हम न्याय के साथ समाज का विकास करेंगे और हमने वही किया.’
उन्होंने कहा कि आज अपराध के दृष्टि से बिहार एक सुरक्षित राज्य है, अपराध के मामले में यह 23वें स्थान पर पहुंच गया है.
राजग के लिए समर्थन मांगते हुए उन्होंने कहा कि आबादी के अनुसार हमने सबको आरक्षण देकर सशक्त बनाया और पहले लोग अपने छोटे-मोटे काम के लिए दूसरों के दरवाजे पर भटकते थे, आज लोगों को अपने काम के लिए उनके घर तक आना पड़ता है.
उन्होंने दावा किया कि बदलाव हुआ है और बिहार में सबको समानता और सम्मान का अधिकार मिला है.
कुमार ने राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने उन्हें आरक्षण दिया और आज पंचायती राज में महिला जनप्रतिनिधि बनी हैं.
उन्होंने कहा कि पहले बिहार पुलिस-बल में महिलाएं न के बराबर थीं और आज देखिए बिहार पुलिस-बल में जितनी महिला पुलिसकर्मी हैं, शायद ही देश के किसी राज्य में होंगी.
शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कुमार ने कहा कि लोग इच्छा से बिहार से बाहर पढ़ने जा सकते हैं लेकिन किसी को अब मजबूरन अच्छी शिक्षा के लिए बिहार से बाहर जाने की आवयश्कता नहीं होगी.
उन्होंने कहा, ‘हर तबके हर समुदाय को हमने विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है और महिलाओं समेत हर वर्ग के उत्थान के लिए हमने विशेष पहल की तथा दुनिया के कई मुल्कों से आकर लोगों ने हमारी साइकिल योजना का अध्ययन किया.’
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर उन्हें फिर मौका मिला तब सात निश्चय द्वितीय चरण के तहत जन कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे .
कुमार ने कोरोना के समय राज्य में आने वाले यहां के श्रमिकों को पहुंचाई गई सहायता का भी जिक्र किया और कहा कि यह देश सबका है, सबका अधिकार है कि इस देश में कहीं भी जाकर रहें एवं कमाएं. उन्होंने कहा, ‘हम किसी को प्रवासी नहीं मानते.’
तेजस्वी ने पूछा- क्या सभी विकसित राज्य समुद्र किनारे हैं?
बिहार में उद्योग न लगने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तर्क पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि राज्य में जमीन नहीं है, राज्य समुद्र के किनारे नहीं है, ऐसे में वह बताएं कि क्या सभी विकसित राज्य समुद्र किनारे हैं?
तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘युवा साथियों, इसे आप बिहार का दुर्भाग्य कह सकते है. आदरणीय नीतीश कुमार जी कभी कहते हैं बिहार में ज़मीन नहीं है, इसलिए उद्योग नहीं लग सकते. कभी कहते हैं बिहार समुद्र किनारे नहीं है. कभी कहते हैं, बिहार के पास संसाधन नहीं है.’
राजद नेता ने सवाल किया, ‘मुख्यमंत्री साहब, क्या सभी विकसित राज्य समुद्र किनारे है?’
दरअसल, बिहार में उद्योग क्यों नहीं लग पा रहे हैं, इस पर नीतीश कुमार ने हाल में कहा था, ‘ज्यादा बड़ा उद्योग वहां लगता है जो राज्य समुद्र के किनारे पड़ते हैं. हम लोगों ने तो बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं आए.’
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर (71 सीटों), 3 नवंबर (94 सीटों) और 7 नवंबर (78 सीटों) पर होगा. मतगणना 10 नवंबर को होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)