कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडालों में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के डर के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के सभी दुर्गा पूजा पंडालों में प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया है. सिर्फ़ आयोजकों या पूजा समिति के सदस्यों को ही पंडाल के भीतर जाने की मंज़ूरी दी जाएगी.

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Allahabad: Hindu devotees carry an idol of Goddess Durga for immersion in a pond near Ganges River, at the end of Navratri festival in Allahabad, Friday, October 19, 2018. (PTI Photo) (PTI10_19_2018_000139B)
(फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के डर के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के सभी दुर्गा पूजा पंडालों में प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया है. सिर्फ़ आयोजकों या पूजा समिति के सदस्यों को ही पंडाल के भीतर जाने की मंज़ूरी दी जाएगी.

(फोटोः पीटीआई)
(फोटोः पीटीआई)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के डर के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के सभी दुर्गा पूजा पंडालों में प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया है.

जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी आगंतुक को पंडाल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

अदालत ने आदेश दिया कि छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे जबकि बड़े पंडालों के लिए यह दूरी 10 मीटर होनी चाहिए. पीठ ने कहा कि बैरिकेडों पर प्रवेश निषेध के बोर्ड लगे होने चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अजय कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि सिर्फ आयोजकों या समिति के सदस्यों को ही पंडाल के भीतर जाने की मंजूरी दी जाएगी. बड़े पंडालों में आयोजन समितियों से जुड़े 25 सदस्यों को जबकि छोटे पंडालों में 15 सदस्यों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. आयोजकों के नाम की सूची पंडालों के बाहर लगी होगी और सिर्फ वे ही पूजा से संबंधित कार्यं के लिए प्रवेश कर सकते हैं.

हाईकोर्ट ने पूजा की हर समिति से भीड़ प्रबंधन को लेकर ब्लूप्रिंट पेश करने को कहा है. पश्चिम बंगाल में 37,000 से अधिक पूजा समितियां हैं, जिनमें 3,000 कोलकाता में हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पैरवी कर रहे वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘अदालत का कहना है कि पंडाल में किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी. पूजा समितियों से जुड़े सिर्फ कुछ लोग ही अंदर जा सकेंगे. पुलिस को इन आदेशों का पालन सुनिश्चित करना होगा.’

हाईकोर्ट का यह आदेश दुर्गा पूजा आयोजकों को ममता बनर्जी सरकार द्वारा दिए 50,000 रुपये की ग्रांट का सिर्फ 75 फीसदी खर्च करने का आदेश देने के एक दिन बाद आया है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना मृतकों की संख्या 6,000 से अधिक हो गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)