राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के मामलों में कथित तौर पर बढ़ोतरी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके तमाम पुराने ट्वीट साझा किए जाने लगे, जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ थे.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा द्वारा महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद के मामलों में बढ़ोतरी’ संबंधी टिप्पणी ने उनके कुछ पुराने ट्वीट से विवाद को जन्म दे दिया है, जिसे लेकर कई नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें हटाए जाने की मांग की है.
बुधवार और गुरुवार को ट्विटर पर उनके खिलाफ लोगों ने ‘रेखा शर्मा इस्तीफा दो’ हैशटैग से तमाम ट्वीट भी किए.
रेखा शर्मा ने बीते 20 अक्टूबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और प्रदेश में ‘लव जेहाद’ के मामलों में कथित तौर पर बढ़ोतरी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की.
Our Chairperson @sharmarekha met with Shri Bhagat Singh Koshyari, His Excellency, Governor of Maharashtra & discussed issues related to #womensafety in the state including defunct One Stop Centres, molestation & rape of women patients at #COVID centres & rise in love jihad cases pic.twitter.com/JBiFT477IU
— NCW (@NCWIndia) October 20, 2020
एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से कहा गया था, ‘हमारी अध्यक्ष महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मिलीं और राज्य में महिला सुरक्षा, कोविड केयर सेंटरों में महिला के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार तथा लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर चर्चा की.’
उनकी टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया और कई लोगों ने इसे उनके पद के लिए ‘अशोभनीय’ करार दिया.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने संसद में कहा है कि मौजूदा कानून के तहत ‘लव जेहाद’ जैसी कोई शब्दावली परिभाषित नहीं है तथा किसी केंद्रीय एजेंसी की तरफ से ऐसा कोई मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है. कई दक्षिणपंथी संगठन अंतर-धार्मिक विवाह के मामलों के लिए अक्सर इस शब्दावली का इस्तेमाल करते हैं.
उनके करीबी लोगों का कहना है कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने राज्यपाल से अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले कई लोगों के रिश्तों में परेशानियों से संबंधित मामलों को उठाया तथा उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह अंतर-धार्मिक विवाह के खिलाफ नहीं हैं.
द प्रिंट से बातचीत में रेखा शर्मा ने कहा, ‘मैंने कहा है कि मैं अंतर धार्मिक विवाह के समर्थन में हूं, लेकिन धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूं. वास्तव में अंतर धार्मिक विवाह खुद मेरे विस्तारित परिवार में हुआ है, ऐसे में मैं इसके खिलाफ कैसे हो सकती हूं. हम राजनीति में अनेकों बार इस तरह की घटनाएं देखते हैं.’
इस बीच उनके कुछ पुराने ट्वीट सोशल मीडिया पर साझा किए जाने लगे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ थे.
उनकी टिप्पणी पर विवाद खड़ा होने के बाद रेखा शर्मा ने दावा किया कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था. इसे लेकर शर्मा में ट्विटर इंडिया से शिकायत की है.
दरअसल, जिन कुछ अन्य ट्वीट पर विवाद हुआ वो उनके महिला आयोग अध्यक्ष बनने से पहले के समय के हैं.
सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करने के बाद उन्होंने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए और ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया है.
रेखा शर्मा की टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन्हें हटाए जाने की मांग की.
आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि रेखा शर्मा को तत्काल एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष पद से हटाया जाए.
उन्होंने कहा, ‘कैसे ऐसी महिला गलत, घृणित और नारी विरोधी मानसिकता के साथ उस संस्था की अध्यक्षता कर सकती है, जिसकी स्थापना महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए की गई है? हम एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष पद से रेखा शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग करते हैं.’
आतिशी ने कहा कि अगर महिला के खिलाफ अपराध होता है तो पीड़िता अब कहा जाएगी क्योंकि महिला आयोग की प्रमुख भी ऐसी टिप्पणी करती हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष की टिप्पणियां महिलाओं की गरिमा पर हमला है और उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए.
Having installed a deeply misogynist, bigoted and downright sleazy NCW chief, the Modi Government clearly doesn't care two hoots about women's rights. #sackrekhasharma pic.twitter.com/yCRbpgrXB0
— Karuna Nundy (@karunanundy) October 20, 2020
जानी-मानी वकील करुणा नंदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार को महिला अधिकारों की कोई परवाह नहीं है.
हालांकि रेखा शर्मा ने इन ट्वीट्स को संदिग्ध बताया है और दावा किया है कि उनका अकाउंट हैक करके किसी ने ऐसा किया है.
https://twitter.com/akhmxt/status/1318574083714338816
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘ट्विटर ने मेरा अकाउंट ब्लॉक कर दिया था और उन्होंने मेरे खाते से संदिग्ध गतिविधि के बारे में मुझे सूचित किया था. बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों पर नागरिक संगठनों से कई शिकायतें मिलने के बाद मैं महाराष्ट्र का दौरा कर रही थी. शाम 7 बजे दिल्ली आने के बाद, मैंने एक आपत्तिजनक ट्वीट देखा और तुरंत ट्विटर को सूचित किया. ट्विटर से स्पष्टीकरण के बाद मैं आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करूंगी.’
राज्यपाल के साथ बैठक के दौरान ‘लव जिहाद’ का उल्लेख करने का लेकर शर्मा ने कहा, ‘मुझे महाराष्ट्र में नागरिक समाज के संगठनों से ‘शादियों के लिए मजबूर करने’ और ‘शादी के बाद धर्म परिवर्तन करने’ के संबंध में कई शिकायतें मिली थीं. मैंने ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि नागरिक समाज संगठनों की शिकायतों में इसका उल्लेख किया गया था.’
अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान रेखा शर्मा ने राज्य महिला आयोग के खाली होने का मुद्दा उठाया, जो वर्तमान में कार्यात्मक नहीं है और जिसके कारण तकरीबन चार हजार शिकायतों का निवारण नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 19 वन-स्टॉप सेंटर भी काम नहीं कर रहे और राज्य में पॉक्सो से संबंधित 188 लंबित हैं.
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2018 में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष बनने से पहले मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली रेखा शर्मा तीन साल तक आयोग की सदस्य रही हैं.
2015 से पहले रेखा शर्मा हरियाणा में भाजपा की मीडिया इंचार्ज रही हैं. 2015 में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले शर्मा ने दावा किया था कि 1996 से 1998 तक उनके साथ काम किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)