शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के पास न कोई विचारधारा, न आदर्श और न ही संस्कृति है. बिहार में फ्री कोविड-19 टीका देने के भाजपा के चुनावी वादे पर तंज़ कसते हुए उन्होंने कहा कि क्या दूसरे राज्यों के लोग बांग्लादेश या कज़ाकिस्तान से आए हैं.
मुंबई: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले और अनलॉक के दौरान मंदिरों को न खोलने जैसे मुद्दों पर लगातार भाजपा की आलोचनाओं को सामना कर रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को दशहरे के मौके पर न सिर्फ भाजपा के आरोपों का जवाब दिया बल्कि तीखा हमला भी किया और कहा कि भाजपा के पास न कोई विचारधारा, न आदर्श और न ही संस्कृति है.
ठाकरे दादर के सावरकर हॉल में आयोजित शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित कर रहे थे. इस बार कोरोना वायरस की रोकथाम के नियमों के चलते हर साल की तरह शिवाजी पार्क में यह आयोजन नहीं किया गया.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार में कोविड-19 का टीका मुफ्त उपलब्ध कराने के भाजपा के चुनावी वादे पर तंज कसते हुए कहा कि क्या दूसरे राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाकिस्तान से आए हैं.
ठाकरे ने कहा, ‘आप बिहार में लोगों के लिए कोविड-19 के मुफ्त टीके का वादा करते हैं, तो क्या अन्य राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाकिस्तान से आए हैं? ऐसी बातें कर रहे लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए. आप केंद्र में बैठे हैं.’
उन्होंने कहा कि मौजूदा जीएसटी प्रणाली पर पुनर्विचार करने का वक्त आ गया है और अगर जरूरी हुआ तो इसे बदला जाना चाहिए क्योंकि राज्यों को इससे फायदा नहीं मिल रहा है.
ठाकरे ने कहा, ‘हमें (महाराष्ट्र को) अभी तक जीएसटी का 38,000 करोड़ रुपये का बकाया नहीं मिला है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि जीएसटी प्रणाली विफल हो गई है और मैं देश के सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि आगे आकर इस मुद्दे पर चर्चा करें. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को ईमानदारी से जीएसटी प्रणाली में खामियों को स्वीकार करना चाहिए और इसे उसके अनुसार बदला जाना चाहिए. वरना, हमें पुरानी कर व्यवस्था पर वापस चलना चाहिए जिससे राज्यों को लाभ होगा. यह देश एक राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है.’
ठाकरे ने कहा, ‘देश में जो हो रहा है वह बहुत अजीब है. कोविड-19 ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को बाधित किया है. ऐसे समय में भाजपा देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के बजाय सरकारें गिराने में लगी है और मुझे लगता है कि हम अराजकता को बुलावा दे रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘आप (भाजपा) जिस तरह का ध्यान अपनी पार्टी पर दे रहे हैं, वैसा ही कुछ ध्यान देश के बिगड़ते हालात पर दे दीजिए.’
उन्होंने भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक शिरोमणि अकाली दल के एनडीए छोड़ने और भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से के पार्टी छोड़ने की तुलना दही हांडी के पिरामिड से की और कहा कि यह पिरामिड नीचे से खोखला हो रहा है जो कि पूरी तरह से बिखरने की कगार पर है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जब आपकी नींव के पत्थर कमजोर होते हैं, तो आपके पास कोई विचारधारा, आचरण के मानदंड, संस्कृति, कुछ भी नहीं होते हैं. ऐसी सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है. मैं आपको (भाजपा) फिर से हमारी सरकार (महाराष्ट्र में) गिराने की चुनौती दे रहा हूं लेकिन पहले अपनी सरकार (दिल्ली में) में बचाएं. क्योंकि एक दिन लोग आपसे इतर देखेंगे और कहेंगे कि हमें आप नहीं बल्कि कोई और चाहिए. यह विचार शुरू हो चुका है.’
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बिना ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के हिंदुत्व पर सवाल उठाने वाले बाबरी मस्जिद गिराने के दौरान की गई अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘जो लोग अपने परिवार से आगे नहीं सोचते हैं वे हमसे हिंदुत्व पर सवाल कर रहे हैं.आपका हिंदुत्व घंटियां और बर्तन बजाने के लिए है जबकि हमारा हिंदुत्व ऐसा नहीं है. हमारा हिंदुत्व राष्ट्रवाद है.’
हाल ही में कोश्यारी ने ठाकरे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग की थी. इस दौरान उन्होंने ठाकरे का मजाक उड़ाते हुए पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं.
बता दें कि कोविड-19 के मामले में महाराष्ट्र देश का शीर्ष राज्य है और महामारी से सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं.
अभिनेत्री कंगना रनौत पर परोक्ष निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग रोजी-रोटी के लिए मुंबई आते हैं और शहर को पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) बोलकर उसे गाली देते हैं. उन्होंने ऐसे लोगों को नमकहराम कहा.
उन्होंने कहा कि पीओके से मुंबई की तुलना मोदी का अपमान है जो कि छह साल से प्रधानमंत्री हैं और पीओके को वापस लाने का वादा किया है.
ठाकरे ने कहा, ‘आप पीओके में कदम रखने में सक्षम नहीं हैं. लेकिन अगर मोदी के शासन वाले देश में पीओके बनता है तो यह प्रधानमंत्री विफलता है न कि राज्य की.’
ठाकरे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बेटे आदित्य ठाकरे पर लग रहे आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, ‘बिहार के बेटे को न्याय के लिए शोर मचा रहे लोग महाराष्ट्र के बेटे के चरित्र हनन में लगे हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)