दक्षिण दिल्ली में रविवार को चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए 45 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक मारपीट का आरोप लगाया है. वहीं, द्वारका इलाके में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में तैनात एसआई को महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली में रविवार सुबह 45 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद दिल्ली पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया और दो कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया गया. वहीं, द्वारका में महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में एक एसआई को गिरफ़्तार किया गया है.
नजफगढ़ के रहने वाले धर्मबीर के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि हिरासत में बर्बरतापूर्वक मारपीट के कारण उनकी मौत हो गई.
पुलिस के अनुसार, लोधी कॉलोनी थाने में बृहस्पतिवार को कार चोरी का एक मामला दर्ज किया गया था. कार लोधी कॉलोनी से चोरी हुई थी और इसकी जांच का जिम्मा एएसआई विजय को सौंपा गया था.
Further needful action is being taken. The information has been sent to Chief Metropolitan Magistrate for needful action. Disciplinary action has been initiated and ASI Vijay has been suspended: Delhi Police https://t.co/DWf3o2XOa4
— ANI (@ANI) October 25, 2020
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता लगा कि आरोपी एक ऑटो-रिक्शा से आए थे. पीड़ित का पुत्र उस ऑटो-रिक्शा का पंजीकृत मालिक है.
धर्मबीर ने ऑटो किराये पर दिया था. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि धर्मबीर को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था.
धर्मबीर के खुलासे के आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनमें से एक सतीश घटना के समय ऑटो चला रहा था. दूसरे व्यक्ति का नाम घेवर राम चौधरी है.
उन्होंने कहा कि धर्मबीर की भूमिका की जांच की जा रही थी. एएसआई विजय उनसे लोधी कॉलोनी थाने में पहली मंजिल पर एक कमरे में पूछताछ कर रहे थे.
ठाकुर के अनुसार, बाद में एएसआई शौचालय गए और धर्मबीर को कमरे में छोड़ दिया. जब वह वापस लौटे तो वहां धर्मबीर नहीं मिला. उन्होंने पाया कि धर्मबीर थाना परिसर में जमीन पर पड़ा था.
पुलिस ने बताया कि धर्मबीर को तुरंत एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान धर्मबीर की मौत हो गई. इसके बाद धर्मबीर के परिवार को यह जानकारी दी गई.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आगे की कार्रवाई की जा रही है. आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सूचित किया गया है. अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है और एएसआई विजय को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा दो कांस्टेबलों – राजेंद्र और संदीप को लाइन हाजिर कर दिया गया है.’
धर्मबीर के पुत्र सौरव कुमार (24) ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस ने उनके पिता से 50,000 रुपये की मांग की थी.
कुमार ने कहा कि शनिवार को दो कॉन्स्टेबल-संदीप और राजेंद्र उनके घर आए और पिता को एक ऑटो-रिक्शा की तस्वीर दिखाई. उनके पिता ने उन्हें बताया कि ऑटो उनका ही है.
कुमार ने कहा, ‘मेरे पिता उनके साथ थाने गए. बाद में उनका फोन स्विच ऑफ हो गया और हमारा उनसे कोई संवाद नहीं हो पाया.’
छेड़खानी के आरोप में सब-इंस्पेक्टर गिरफ़्तार
राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में महिलाओं से छेड़खानी करने के आरोप में सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में तैनात 35 वर्षीय उप-निरीक्षक को 17 और 20 अक्टूबर को द्वारका में चार महिलाओं और एक नाबालिग से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (छेड़छाड़), 354-डी के तहत चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की है. इसके अलावा बच्चों के खिलाफ यौन अपराध रोकथाम कानून पॉस्को तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने बताया कि एक महिला ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया.
पुलिस के अनुसार, एसआई पुनीत ग्रेवाल स्पेशल सेल में तैनात हैं, लेकिन वर्तमान में डीसीपी (ट्रैफिक यूनिट) के साथ काम कर रहे हैं.
पुलिस ने उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद शनिवार शाम को गिरफ्तार किया और दिल्ली की अदालत में पेश किया गया. बाद में उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अब एक परीक्षण पहचान परेड (टीआईपी) के लिए अदालत में एक आवेदन करेंगे और सीआरपीसी धारा 164 के तहत सभी पीड़ितों के बयान भी दर्ज करेंगे. हमने उनके वरिष्ठों को भी लिखा है और उन्हें पद से बर्खास्त करने कहा है.’
यह घटना 17 अक्टूबर को सामने आया जब एक पीड़ित महिला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि द्वारका में वह जब साइकिल चला रही थी तो एक कार वाले ने उसे छेड़ा.
वीडियो में महिला कह रही है कि, ’17 अक्टूबर को सुबह 8.30 बजे मैं दशहरा मैदान के पास सेक्टर 11 में साइकिल चला रही थी तो एक ग्रे कार देखी. मैंने साइकिल चलाना जारी रखा लेकिन ड्राइवर ने गाड़ी धीमी कर मेरे करीब आया. मैंने उसे नजरअंदाज करने की कोशिश की और उसे आगे जाने के लिए इशारा किया, लेकिन वह नहीं गया. मुझे ऐसा लगा जैसे वह मेरा पीछा कर रहा है. मैं यह जानने के लिए रुक गई कि कहीं वह पीछा तो नहीं कर रहा. उस आदमी ने रास्ता पूछा मैं कोई जवाब देती, उससे पहले उसने अपनी पैंट उतार दी और अपने गुप्तांग को छूने लगा. मैं चिल्लाई और देखा कि मेरे आसपास कोई नहीं था. उसने अभद्र बातें कहना शुरू कर दिया. मुझे नहीं पता था कि फोन पर घटना को रिकॉर्ड करना चाहिए था.’
महिला ने कहा, ‘वह गालियां दे रहा था और अश्लील बातें कह रहा था. मैंने चिल्लाते हुए तेजी से साइकिल चला रही थी. कुछ लोग मेरी आवाज सुनकर आए, तो वह खिड़की चढ़ाकर गाड़ी तेज कर दी. कुछ लोग उसका पीछा करने की कोशिश की थी लेकिन वह भाग गया. गाड़ी पर नंबर प्लेट नहीं थी. मैं घबरा गई थी. मैंने अपने माता-पिता को बताया उसके बाद सुबह 9.30 बजे 1091 पर कॉल किया. एक अधिकारी ने मुझे बताया कि आरोपियों की पहचान करना मुश्किल होगा क्योंकि नंबर प्लेट नहीं थी.’
एक अधिकारी ने कहा, ‘जांच के दौरान पुलिस को चार और महिलाएं मिलीं, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ भी ऐसी ही छेड़छाड़ की गई थी.’
अधिकारी ने बताया, ‘जांच में पुलिस ने पाया कि ये घटनाएं 17 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को हुईं थीं. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने क्षेत्र के सभी सीसीटीवी कैमरों को स्कैन किया. उसमें एक ग्रे रंग की कार जिसकी पंजीकरण प्लेट आंशिक रूप से एक कपड़े से ढकी हुई थी दिखा.’
अधिकारी ने कहा बताया कि सीसीटीवी कैमरों के आधार पर पुलिस जनकपुरी उनके घर पहुंची. कार उनकी पत्नी के नाम पर पंजीकृत था, जो एक शिक्षिका हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)