इस साल जुलाई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम की की सोसाइटी में रहने वाली 62 वर्षीय एक महिला ने उनके ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी और दरवाजे पर पेशाब करने का आरोप लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने यह शिकायत वापस ले ली थी.
चेन्नई: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रोजेक्ट के मदुरई स्थित थोप्पुर में बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है.
सुब्बैया जिस बिल्डिंग में रहते हैं, इस साल जुलाई में उसी बिल्डिंग में रहने वाली एक 62 वर्षीय महिला ने उन पर उत्पीड़न के साथ उनके दरवाजे पर पेशाब करने और सर्जिकल मास्क फेंकने का आरोप लगाया था.
यह घटना हाउसिंग सोसायटी में पार्किंग की जगह को लेकर हुई थी. महिला ने पार्किंग की जो जगह खरीदी थी सुब्बैया उसे इस्तेमाल करते थे और महिला उनसे पैसा मांग रही थीं.
हालांकि, इस मामले में तब तक एफआईआर नहीं दर्ज किया जा सका जब तक कि महिला के भतीजे और स्टैंडअप कॉमेडियन बालाजी विजयराघवन ने यह दावा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं किया कि पुलिस उनकी आंटी की मदद नहीं कर रही है.
मदुरई के अदमबक्कम पुलिस स्टेशन में 11 जुलाई को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में महिला ने सीसीटीवी फुटेज और फोटो भी अटैच किया था जिनमें कथित तौर पर देखा गया था कि एबीवीपी नेता उनके दरवाजे पर पेशाब कर रहे थे.
हालांकि, सुब्बैया ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि फुटेज से छेड़छाड़ की गई है.
उन्होंने कहा था, ‘यह एक सोशल मीडिया ट्रायल है. मैंने कभी उनके दरवाजे पर कचरा नहीं फेंका या उन्हें किसी तरह से प्रताड़ित नहीं किया.’
एबीवीपी नेतृत्व ने भी सभी आरोपों से इनकार किया था और महिला के परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी.
हालांकि, बाद में महिला ने शिकायत वापस ले ली थी और विजयराघवन ने कहा था कि यह पूरी प्रक्रिया उनके लिए (महिला) प्रताड़ना जैसी थी और वह किसी से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहती थीं.
बहरहाल सुब्बैया की नियुक्ति के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाए और नियुक्ति पर नाखुशी जताई. कुछ लोगों ने पूछा कि क्या यह उनके अमर्यादित व्यवहार के कारण हुआ है.
कांग्रेस सांसद जोथीमणि ने कहा कि नियुक्ति महिलाओं और चिकित्सा पेशे को बदनाम करती है. वहीं, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सुब्बैया को समिति से हटाने का अनुरोध किया।
Is this an endorsement of indecent behaviour and also an incentive for other BJP cadres to follow suit? pic.twitter.com/E8ViIMOl6a
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) October 28, 2020
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि क्या यह उनके दुर्व्यवहार को मान्यता देना है और क्या यह अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है.
वीसीके नेता और सांसद डी. रविकुमार ने इसे महिलाओं का अपमान बताया तो माकपा सांसद वेंकटेशन ने पूछा कि क्या यह उनके दुर्व्यवहार का इनाम है.