फ्रांस के शहर नीस स्थित नॉट्रे डैम चर्च में गुरुवार को एक हमलावर ने चाकू से लोगों पर हमला किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. इससे पहले कक्षा में कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने को लेकर एक फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं के बाद मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा फ्रांस के लोगों की हत्या करने संबंधी ट्वीट पर विवाद.
नई दिल्लीः फ्रांस के शहर नीस में गुरुवार को एक चर्च में हमलावर ने चाकू से लोगों पर हमला किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में हुए इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत, फ्रांस के साथ खड़ा है.
नीस शहर में यह घटना नॉट्रे डैम चर्च में हुई. नॉट्रे डैम चर्च फ्रांस के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है.
पुलिस का कहना है कि यह हमला इतना भयावह था कि हमलावर ने एक महिला का सिर धड़ से अलग कर दिया था. फिलहाल, पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान हमलावर ने अल्ला-हू-अकबर कहते हुए लोगों पर हमला किया.
नीस के मेयर क्रिस्चियन इस्तोर्सी ने कहा कि जब हमलावर को गिरफ्तार किया गया, वह उस समय भी अल्लाह-हू-अकबर चिल्ला रहा था.
उन्होंने कहा कि हमलावर को पकड़ने के दौरान हमलावर को गोली मारी गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया.
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस घटना को इस्लामी आतंकी घटना करार देते हुए कहा कि फ्रांस फिर से आतंकी हमले का शिकार हुआ है.
उन्होंने कहा कि फ्रांस पर हमला देश के आजादी के मूल्य और आतंक के सामने नहीं झुकने की इच्छा की वजह से किया गया है, लेकिन फ्रांस इस्लामिक आतंकी हमले के बाद अपने मूल्यों को छोड़ेगा नहीं.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के बाद नीस पहुंचे मैक्रों ने ऐलान किया कि फ्रांस अब देश के प्रमुख स्थानों पर सैनिकों को तैनात करेगा. इनमें स्कूल और धार्मिक स्थान होंगे. उन्होंने कहा कि सैनिकों की संख्या 3,000 से बढ़ाकर 7,000 की जाएगी.
इस घटना के बाद फ्रांस में सुरक्षा अलर्ट को बढ़ाकर उच्चतम स्तर तक कर दिया गया है.
मैक्रों ने कहा था कि फ्रांस अपनी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं और कानूनों का पालन करता रहेगा, जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित की गई है.
मैक्रों ने बताया था कि एक बिल अगले साल की शुरुआत में संसद में भेजा जाएगा, जिसमें इस्लामिक अलगाववाद से निपटने का प्रावधान होगा.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस आतंकवाद रोधी विभाग के अनुसार, हमलावर मूल रूप से ट्यूनीशिया का रहने वाला है. उसकी उम्र लगभग बीस साल है. वह 20 सितंबर को इटली से फ्रांस आया था. वह नौ अक्टूबर को पेरिस पहुंचा. उसके पास से एक धार्मिक ग्रंथ भी मिला है.
आतंकी हमले की प्रधानमंत्री मोदी ने की निंदा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस हमले और हाल के दिनों में वहां हुईं आतंकवादी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा की है.
I strongly condemn the recent terrorist attacks in France, including today's heinous attack in Nice inside a church. Our deepest and heartfelt condolences to the families of the victims and the people of France. India stands with France in the fight against terrorism.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2020
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं फ्रांस में आज (गुरुवार) एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुईं आतंकवादी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. पीड़ित परिवारों और फ्रांस की जनता के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत, फ्रांस के साथ खड़ा है.’
इससे पहले बीते 16 अक्टूबर को अपनी क्लास में कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने के कारण सैमुअल पाटी नाम के एक फ्रेंच शिक्षक की भी गला काटकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोपी चेचन मूल का एक किशोर था, जिसे फ्रांसीसी पुलिस ने घटना के बाद मार गिराया था.
इस घटना के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने फ्रांसीसी शिक्षक की जान लेने वाले क्रूर आतंकवादी हमले की निंदा की थी और कहा था कि किसी भी कारण या किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है.
बीते 28 अक्टूबर को कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ कड़े रुख को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों पर व्यक्तिगत हमलों को भारत ने जोरदार तरीके से खारिज किया था. भारत ने इसे अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन बताया था.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया था, ‘हम अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में व्यक्तिगत हमलों का पुरजोर विरोध करते हैं.’
मालूम हो कि कई मुस्लिम-बहुल देशों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा क्लास में पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने का बचाव करने की निंदा की थी. कार्टून को मुसलमानों द्वारा ईश निंदा के रूप में देखा जाता है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निंदा करने वालों में तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप ताईप एर्दोगान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल थे.
फ्रांस हमले पर मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री के ट्वीट पर विवाद
इस घटना पर मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने गुरुवार को कहा कि पूर्व में हुए नरसंहारों को लेकर मुस्लिमों के पास फ्रांस के लाखों लोगों को मारने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर फ्रांस के एक शिक्षक की हत्या की आलोचना की.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, महातिर (95) ने गुरुवार को अपने ब्लॉग में कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं, लेकिन यह दूसरों का अपमान करने वाला नहीं होना चाहिए.
महातिर ने इस ब्लॉग पोस्ट को बाद में ट्वीट कर कहा था, ‘मुस्लिमों के पास पूर्व में हुए नरसंहारों को लेकर गुस्सा होने और फ्रांस के लाखों लोगों को मारने का अधिकार है, लेकिन मुस्लिमों ने कभी आंख के बदले आंख के कानून को लागू नहीं किया है. मुस्लिम ऐसा नहीं करते. फ्रांस को भी नहीं करना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘आपने एक गुस्साए शख्स द्वारा किए गए काम को लेकर सभी मुसलमानों और मुस्लिम धर्म को जिम्मदेार ठहराया. मुस्लिमों के पास फ्रांस को दंडित करने का अधिकार है.’
हालांकि उनके इस ट्वीट को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद ट्विटर ने उनके इस विवादित ट्वीट को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया. ट्विटर की ओर से कहा गया कि उनके इस संदेश ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए उस ट्वीट को हटा दिया गया.
इस बीच फ्रांस ने ट्विटर से महातिर का एकाउंट निलंबित करने का आग्रह किया गया है. बृहस्पतिवार रात फ्रांस के डिजिटल और दूरसंचार राज्य मंत्री केंड्रिक ओ ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने फ्रांस में ट्विटर प्रमुख से बात की है और मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर का एकाउंट निलंबित करने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)