नेशनल कॉन्फ्रेंस का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फ़ारूक़ अब्दुल्ला को दरगाह हज़रतबल जाकर नमाज़ अदा करने के लिए घर से निकलने नहीं दिया गया. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने प्रशासन के इस क़दम की निंदा करते हुए इसे अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है.
नई दिल्लीः नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर फारूक अब्दुल्ला को दरगाह हजरतबल जाकर नमाज अदा करने की मंजूरी नहीं दी.
पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि नमाज अदा करने के लिए उन्हें घर से बाहर जाने की मंजूरी नहीं दी गई. एनसी ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के आवास को ब्लॉक कर दिया है और उन्हें दरगाह हजरतबल जाकर नमाज अदा करने से रोका गया है. जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से मिलाद-उन-नबी के मौके पर नमाज अदा करने के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की निंदा करता है.’
J&K administration has blocked the residence of Party President Dr Farooq Abdullah and stopped him from offering prayers at Dargah Hazratbal. JKNC condemns this infringement of fundamental right to pray, especially on the auspicious occasion of Milad Un Nabi SAW.
— JKNC (@JKNC_) October 30, 2020
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि यह अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.
मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘फारूक साहब को मिलाद-उन-नबी के मौके पर हजरतबल में नमाज अदा करने से रोकना भारत सरकार के असुरक्षा के भाव और जम्मू कश्मीर को लेकर उसके कड़े रुख को दर्शाता है. यह हमारे अधिकारों का घोर उल्लंघन है और बेहद निंदनीय है.’
Preventing Farooq sahab from offering prayers on Milad Un Nabi SAW at Hazratbal exposes GOI’s deep paranoia & their iron fist approach towards J&K. Its a gross violation of our rights & is highly condemnable
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 30, 2020
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित मुख्य मुख्यधारा के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया था. इनमें से अधिकांश नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है.
हाल ही में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को रिहा किया गया है. इसके बाद जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के सात दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हाल ही में एक गठबंधन का ऐलान किया. इसके तहत पांच अगस्त 2019 से पहले की तरह जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ने से पहले इसे औपचारिक स्वरूप देने की दिशा में काम किया जा रहा है.
इस गठबंधन में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, एक मुख्य समन्वयक, एक मुख्य प्रवक्ता, व्यक्तिगत दलों के प्रवक्ता और हर पार्टी के पदाधिकारी सहित एक कार्यकारी परिषद होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला इस गठबंधन की अगुवाई करेंगे. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष होंगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी इस समूह का अहम हिस्सा हैं.