बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: तेजस्वी यादव ने राजग सरकार से पूछा क्या अमेरिकी राष्ट्रपति बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे? नीतीश कुमार ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि महिलाओं और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा करने वाले लोगों की बातों से गुमराह न हों.
बेगूसराय/तेघड़ा/विभूतिपुर/खगड़िया/पटना: बिहार में बीते 28 अक्टूबर को विधानसभा के पहले चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद विभिन्न दलों ने एक दूसरे पर और अधिक सक्रियता के साथ निशाना साधना शुरू कर दिया है.
भाजपा और जदयू के गठबंधन राजग और राजद तथा कांग्रेस के महागठबंधन के नेता एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद पर बिहार को पीछे ले जाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘तेल पिलावन, डंडा भजावन’ वाले लोगों ने पहले भी मौका मिलने पर कुछ नहीं किया और आगे भी कुछ नहीं करेंगे.
बेगूसराय में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे भाजपा अध्यक्ष ने लालू परिवार को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘आज कल तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि हम ये करेंगे, हम वो करेंगे. हम ऐसे करेंगे, हम वैसे करेंगे. लेकिन हमें यह देखना होगा कि जिसने पहले कुछ किया हो, वही आगे कुछ कर सकता है.’
लालू प्रसाद का नाम लिए बिना नड्डा ने कहा कि जिसने पहले ‘तेल पिलावन, डंडा भजावन’ किया हो, वह आगे भी डंडा ही भांजेगा.
उन्होंने कहा कि इन्हीं (तेजस्वी) के पिता ने ‘तेल पिलावन, डंडा भजावन’ रैली की थी और ये विकास की बात करते हैं.
नड्डा ने कहा, ‘तेजस्वी यादव से मैं जानना चाहता हूं कि उनके माता-पिता दोनों यहां के मुख्यमंत्री रहे हैं, आज अपने पोस्टर से उनके चेहरे क्यों हटा दिए? अगर चेहरा हटाया तो बिहार की जनता से वह माफी क्यों नहीं मांग रहे हैं?’
राजद पर बिहार का विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने स्थानीय भाषा में कहा, ‘अइसने काम किए हैं कि लाज त लगबे करेगा.’
नड्डा ने कहा कि बेगूसराय में आज से 15 साल पहले हड़ताल के बिना कुछ नहीं होता था, जबकि आज यहां मेडिकल कॉलेज बन रहा है.
गौरतलब है कि बेगूसराय के कई इलाकों में वामदलों का प्रभाव रहा है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को पराजित किया था.
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की भूमि बेगूसराय में आज चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
बिहार 15 सालों से निरंतर प्रगति के पथ पर है और आज भी बिहार को लालटेन नहीं बल्कि LED युग चाहिए, लूटराज नहीं बल्कि सुशासन चाहिए, बाहुबल नहीं बल्कि विकास चाहिए।और इस विकास के लिए NDA को जिताइये। pic.twitter.com/zeq0zQ2hUA
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 30, 2020
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को जनादेश देने की अपील करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने लोगों से पूछा, ‘आप बताइए, लालटेन जलानी है कि एलईडी बल्ब जलाना है? लूटराज रखना है या प्रत्यक्ष नकद अंतरण या डीबीटी से सीधे सरकारी योजनाओं का पैसा खाते में चाहिए? बाहुबल चाहिए या विकास बल चाहिए?’
उन्होंने कहा, ‘आपको बिहार का विकास करना है तो राजग को जिताना है.’
नड्डा ने कहा कि पहले चुनाव जाति और मजहब के आधार पर होते थे लेकिन जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से भारत की राजनीति की चाल, चरित्र और संस्कृति बदल गई है.
लोजपा नेता चिराग पासवान पर परोक्ष निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि चुनाव के वक्त कुछ लोग गलतफहमी पैदा करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘वे एक तरफ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भलाबुरा कहते हैं और दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं. हमें ऐसे लोगों से भी सावधान रहना है.’
उन्होंने कहा कि राजग एकजुट है और भाजपा, जदयू, वीआईपी और हम पार्टी, यही राजग है.
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में राजग से अलग होने के बाद भी चिराग, भाजपा के प्रति नरम रुख अख्तियार किए हुए हैं, लेकिन नीतीश कुमार पर निशाना साधने का कोई मौका वह नहीं छोड़ रहे हैं. हाल ही में चिराग ने स्वयं को प्रधानमंत्री मोदी का ‘हनुमान’ बताया था.
राजग उम्मीदवारों को जिताने की अपील करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘बेगूसराय अपने आप में राजनीतिक चेतना की भूमि है. यह ऐसी धरती है जिसने देश को दिशा दी है, यह बिहार को दिशा देने में समक्ष है.’
तेजस्वी यादव ने पूछा, क्या अमेरिकी राष्ट्रपति बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे
राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार नीत राजग सरकार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को सवाल किया कि क्या यह दर्जा अमेरिकी राष्ट्रपति दिलाएंगे?
तेजस्वी ने बेगुसराय के तेघड़ा और समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की राजग सरकार 15 वर्षों से है, डबल इंजन की सरकार है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला.
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या अमेरिकी राष्ट्रपति यहां आकर विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे? या मोदी जी दिलाएंगे.’
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 15 साल के शासन में उन्होंने राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग की व्यवस्था को चौपट कर दिया है और यही वजह है कि वह बेरोजगारी, उद्योगों में नौकरी, निवेश और पलायन जैसे मुद्दों पर नहीं बोलते हैं.
राजद नेता ने सवाल किया कि क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?
आदरणीय नीतीश जी मानते है कि उन्होंने बिहार में 15 वर्ष के शासनकाल में शिक्षा,स्वास्थ्य,उद्योग चौपट करने के साथ-2 दो पीढ़ियों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद किया है इसलिए वो बेरोजगारी, नौकरी, कारख़ाने,निवेश और पलायन पर कभी कुछ नहीं बोलते।
क्या उन्हें इन मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 30, 2020
तेजस्वी ने रोजगार एवं विकास के चुनावी वादे को दोहराते हुए कहा कि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला तो कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के फैसले को मंजूरी देंगे.
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आने पर बिहारवासियों को कमाई, पढ़ाई और दवाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.’
तेजस्वी ने कहा कि 15 वर्ष के शासनकाल में नीतीश सरकार ने बिहार में कुछ नहीं किया और आज भी शिक्षा, इलाज और रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन जारी है.
महिलाओं और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा करने वाले लोगों की बातों से गुमराह न हों: नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी चुनावी सभाओं में महिलाओं एवं पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने और उनके सशक्तीकरण के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को गिनाया और उन पर विश्वास रखने और विपक्ष की बातों से गुमराह नहीं होने की अपील की.
खगड़िया जिला और परबत्ता में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, ‘आज लोग बोल रहे हैं लेकिन पहले कितना बुरा हाल था महिलाओं का. पहले महिलाओं की उपेक्षा की जाती थी, किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पंचायतों एवं शहरी निकायों में महिलाओं एवं पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व काफी बढ़ गया है, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला है और उनकी इज्जत बढ़ी है.
उन्होंने कहा, ‘अगर बिहार आगे बढ़ा है, तो उसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं की सहभागिता है. महिलाओं को आगे बढ़ाना हमारी प्रतिबद्धता है.’
नीतीश ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूह का गठन किया गया और आज जीविका समूह का काफी विस्तार हुआ है.
महिलाओं को जोड़ने का प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू शराबबंदी का भी जिक्र किया.
नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने न्याय के साथ विकास सुनिश्चित किया और अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अतिपिछड़े, महादलितों सभी को आगे बढ़ाने का काम किया, जिन्हें पहले कोई पूछता नहीं था.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को राजद नीत विपक्षी गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जदयू अपने पारंपरिक वोट बैंक अति पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ महिला मतदाताओं से भी आस लगाए हुए है.
कुमार ने कहा, ‘पहले शहरों में भी बिजली नहीं मिलती थी. हमने लालटेन के युग को खत्म कर हर घर में विकास की रोशनी पहुंचाई है.’
परबत्ता (खगड़िया) में जनसभा के दौरान माता-बहनों सहित युवा शक्ति और बुजुर्गों का अपार स्नेह, सहयोग और जनसमर्थन मिला। जैसे जैसे कारवां बढ़ रहा है, जनता भी अपने जननेता की विजयी श्री को सुनिश्चित करने लगी है।1️⃣#7Nishchay2 #VoteForNitish#परखा_है_जिसको_चुनेंगे_उसी_को pic.twitter.com/N3V0Bsed47
— Janata Dal (United) (@Jduonline) October 30, 2020
उन्होंने लोगों से विपक्ष की बातों से गुमराह होने से बचने की अपील करते हुए कहा, ‘कौन क्या बोलता है, कौन क्या गड़बड़ करता है. यह सभी को मालूम है. उन्हें (विपक्ष) न काम करने का अनुभव है, न कोई काम करना चाहते हैं. सिर्फ इधर-उधर की बातें करते हैं.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कुछ काम रह गया है तब चुनाव के बाद वह फिर आएंगे और लोगों से बात करके उसे पूरा किया जाएगा.
केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने का उल्लेख करते हुए नीतीश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के वास्ते अनेक योजनाएं दी हैं. अगर आप हमें काम करने का एक और मौका देते हैं तब बिहार को और आगे बढ़ाएंगे, विकसित राज्य बनाएंगे.’
राजद के शासनकाल का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले न पढ़ाई की व्यवस्था थी, न इलाज का इंतजाम था और न लोगों के आने-जाने की सुविधा थी और शाम के बाद लोगों की घर से निकलने की हिम्मत नहीं होती थी.
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने अपराध की घटनाओं को नियंत्रित करने का काम किया है. हमने कानून का राज कायम किया.’
उन्होंने कहा कि राजद के 15 साल के कार्यकाल के दौरान सिर्फ 95 हजार लोगों को नौकरी मिली, जबकि उनके 15 साल के कार्यकाल में छह लाख लोगों को नौकरी दी गई और काम के अन्य अवसर भी दिए गए.
भाजपा के गढ़ बांकीपुर में दिलचस्प मुकाबला
भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली बांकीपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा पार्टी विधायक को लगातार तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए कांग्रेस ने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पिछले साल पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. कांग्रेस ने बांकीपुर सीट के 37 वर्षीय लव सिन्हा को उम्मीदवार बनाकर मतदाताओं को हैरानी में डाल दिया है. बिहार की राजधानी पटना का बड़ा हिस्सा बांकीपुर निर्वाचन क्षेत्र में आता है.
इस संसदीय सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे.
‘बिहारी बाबू’ के नाम से जाने जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने 2014 में ‘मोदी लहर’ के बीच सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन उन्हें पिछले साल अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी एवं पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के रवि शंकर प्रसाद के हाथों से इससे भी अधिक अंतर से करारी शिकस्त मिली थी.
शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे की राजनीतिक क्षमता के बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं है. ऐसा बताया जाता है कि लव ने अभिनय में रुचि दिखाई थी, लेकिन वह शत्रुघ्न या अपनी बहन सोनाक्षी की तरह फिल्म जगत में अपनी जगह नहीं बना पाए.
लव सिन्हा के पिता की भीड़ को खींचने की क्षमता के अलावा बांकीपुर में जातीय समीकरण भी लव सिन्हा के पक्ष में प्रतीत होता है, जहां विजेता और उपविजेता कायस्थ ही रहे हैं.
हालांकि उनके लिए निवर्तमान विधायक नितिन नवीन को हराना आसान नहीं होगा.
40 वर्षीय विधायक नितिन नवीन ने अब समाप्त हो चुकी पटना पश्चिम सीट से 2006 में उपचुनाव के साथ पदार्पण किया था. उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव कराया गया था. नितिन नवीन हमेशा बड़े अंतर से जीत दर्ज करते रहे हैं.
नीतीश कुमार की राजग में वापसी से भाजपा को चुनाव में मदद मिलने की उम्मीद है.
नवीन ने भारतीय जनता युवा मोर्चा की राज्य इकाई का नेतृत्व किया है और उन्हें सिक्किम के लिए पार्टी प्रभारी बनाया है.
विपक्षी महागठबंधन में राजद के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी साझेदार पार्टी है. विपक्ष को उम्मीद है कि इस बार उसे सत्ता विरोधी लहर का लाभ मिलेगा, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब डेढ़ दशक से सत्ता में हैं.
कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे उन असंतुष्ट भाजपा कार्यकर्ताओं के कारण भी लाभ होगा, जिनके पास अपनी हताशा प्रकट करने के लिए पटना में पर्याप्त मौका नहीं है.
भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राज्य अध्यक्ष सुषमा साहू ने हाल में पार्टी छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने हाल में एक जनसभा में लव सिन्हा को छोटा भाई बताया.
साहू ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के इशारे पर उनका नामांकन रद्द किया गया और उन्होंने भाजपा पर उन्हें नजरअंदाज कर वैश्य समुदाय का अपमान’ किया.
कांग्रेस इस बार बांकीपुर से भाजपा को तीसरी बार जीतने से रोक पाती है या नहीं, यह तीन नवंबर को पता चलेगा, जब इस सीट के लिए 3.91 लाख मतदाता बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
इस चुनावी मैदान में कुल 22 उम्मीदवार मैदान में है. भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के अलावा नवगठित ‘प्लूरल्स पार्टी’ की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी का नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है. चौधरी स्वयं को अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बताती हैं.
पुष्पम बिहार के जदयू नेता रहे और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की पुत्री हैं. पुष्पम का कहना है कि उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है.
राजग नेता लव सिन्हा को ‘पैराशूट (बाहर से आए) उम्मीदवार’ बता रहे हैं, लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि वह ‘बिहार के पुत्र’ हैं और यहां के लोगों के लिए लंबे समय में काम कर रहे हैं.
कुछ भाजपा नेताओं को इस सीट पर अपनी पार्टी की जीत का इतना भरोसा है कि उनका कहना है कि ‘यदि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पटना में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें भी हार ही झेलनी पड़ेगी.’
बता दें कि बिहार 243 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव तीन चरणों होना है. पहले चरण की 71 सीटों पर बीते 28 अक्टूबर मतदान हो चुका है. दूसरे चरण की 94 सीटों पर 3 नवंबर और तीसरे चरण की 78 सीटों पर 7 नवंबर मतदान होना अभी बाकी है. मतगणना 10 नवंबर को होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)