कांग्रेस को लेकर माकपा ने साफ़ की स्थिति, पश्चिम बंगाल में साथ तो केरल में ख़िलाफ़ लड़ेगी चुनाव

माकपा की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ तालमेल के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि माकपा तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगी और असम में कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ सहयोग करते हुए चुनाव लड़ेगी.

सीताराम येचुरी. (फोटो: पीटीआई)

माकपा की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ तालमेल के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि माकपा तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगी और असम में कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ सहयोग करते हुए चुनाव लड़ेगी.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ तालमेल के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है. इस संदर्भ में शनिवार को पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि तमिलनाडु, केरल और असम में भी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन किया जाएगा.

माकपा की केंद्रीय समिति की 30 और 31 अक्टूबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.

येचुरी ने कहा, ‘केरल में हम एलडीएफ का हिस्सा रहते हुए चुनाव लड़ना जारी रखेंगे. माकपा तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगी (जिसमें कांग्रेस शामिल है). असम में हम कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ सहयोग करते हुए चुनाव लड़ेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘माकपा और वाम दल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चुनावी तालमेल के साथ उतरेंगे ताकि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को पराजित किया जा सके.’

बता दें कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव में माकपा को 26 सीटें मिली थीं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, माकपा केरल में कांग्रेस के खिलाफ लड़ेगी, जहां अगले साल पश्चिम बंगाल के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं.

येचुरी ने कहा कि हालात को समझने के लिए केरल के लोग बुद्धिमान और परिपक्व हैं.

माकपा पोलित ब्यूरो ने बीते 25 अक्टूबर को कांग्रेस के साथ गठबंधन के बंगाल इकाई के प्रस्ताव को हरी झंडे देने के संकेत दिए थे. कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन के खिलाफ केरल नेतृत्व ने अपना रुख नरम करते हुए इस कदम पर कोई आपत्ति नहीं जताई.

माकपा की केंद्रीय समिति ने यह मंजूरी ऐसे समय में दी है जब केरल में कांग्रेस और माकपा की इकाइयां दो मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर बेहद तल्ख टिप्पणियां कर रही हैं.

ये दो मामले ड्रग्स के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर प्रदेश माकपा अध्यक्ष कोदियरी बालाकृष्णन के बेटे बिनीश की गिरफ्तारी और सोने की तस्करी केस में मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के पूर्व मुख्य सचिव एम. शिवशंकर की गिरफ्तारी हैं.

येचुरी ने कहा, ‘साल 2004 में जब माकपा ने घोषणा की थी कि वह एक वैकल्पिक सरकार का समर्थन करेगी और स्वाभाविक रूप से विपक्षी पार्टियों में से कांग्रेस उसका नेतृत्व करती. ऐसी परिस्थिति में केरल के लोगों ने 20 सीटों में से (अधिकतर पर) एलडीएफ सांसदों को चुना था. इसलिए केरल के लोगों की बुद्धिमत्ता और परिपक्वता को कमतर मत आंकिए.’

उन्होंने कहा, ‘(सत्ता में दोबारा) वापसी के बाद पिछले एक साल से अधिक समय से भाजपा जो कर रही है, लोग उसे देख रहे हैं. उन्हें पता है कि इस खतरे का हराना जरूरी है. मुझे लगता है कि केरल के लोग इसे समझेंगे.’

वहीं, बिनीश की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि विवाद नैतिक आघात नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि बिनीश माकपा के सदस्य नहीं हैं और उनके बचाव की पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री कार्यालय का एक सचिव (शामिल पाया गया) और मुख्यमंत्री ने उसे तत्काल निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा कि कानून के उल्लंघन का जिम्मेदार पाए जाने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)