बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि ‘चिराग’ से भाजपा अपना घर रोशन करना और नीतीश का घर जलाना चाहती है. चिराग पासवान ने दावा किया कि चुनाव बाद नीतीश राजग छोड़ देंगे. तेजस्वी बोले- बिहार चुनाव जनता बनाम नीतीश सरकार का है. जदयू नेता अशोक चौधरी का कहना है कि जनता तेजस्वी के बजाय नीतीश के अनुभव को वरीयता देगी.
छपरा/समस्तीपुर/पूर्वी चंपारण/पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आज बिहार में एक तरफ ‘डबल इंजन’ की सरकार है, तो दूसरी तरफ ‘डबल-डबल युवराज’ हैं.
मोदी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जब देश के जवान शहीद हुए थे, उस वक्त सत्ता एवं स्वार्थ की राजनीति करने वालों ने खूब भ्रम फैलाने की कोशिश की और ऐसे लोग आज वोट मांग रहे हैं.
उन्होंने लोगों से ऐसे लोगों से सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि दो-तीन दिन पहले पड़ोसी देश ने पुलवामा हमले की सच्चाई को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि इस सच्चाई ने उन लोगों के चेहरे से नकाब हटा दिया, जो हमले के बाद अफवाह फैला रहे थे.
गौरतलब है कि मोदी पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी के वहां की संसद में पुलवामा हमले को लेकर दिए गए बयान का जिक्र कर रहे थे. फवाद ने पाकिस्तानी संसद में कहा था कि पुलवामा हमला उनकी (खान की) सरकार के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि है.
छपरा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित राजग का गठबंधन है, दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को समर्पित पारिवारिक गठबंधन हैं.
उन्होंने बिहार को बीमार होने से बचाने के लिए लोगों से राज्य में नीतीश कुमार नीत राजग को जनादेश देने की लोगों से अपील की.
मोदी ने कहा, ‘आज बिहार के सामने, डबल इंजन की सरकार है, तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं. उनमें से एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं. कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश चुनाव में जो हाल ‘डबल-डबल युवराज’ का हुआ, वही हाल बिहार में भी खासतौर पर जंगलराज के युवराज का होगा.’
उन्होंने कहा, ‘डबल इंजन वाली राजग सरकार, बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वहां के एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से मिल गए हैं. उत्तर प्रदेश में जो डबल-डबल युवराज का हुआ, वो ही बिहार में होगा.’
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन का मुकाबला भाजपा, जदयू, हम पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के गठबंधन से है.
बिहार चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कुछ साल पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था.
प्रधानमंत्री ने रैली में आए लोगों से पूछा, ‘क्या नीतीश कुमार जी का कोई परिवार वाला सरकार में है किसी पद पर है? क्या मोदी का कोई परिवार वाला संसद में या कहीं है? क्या नीतीश कुमार का कोई भाई राज्यसभा पहुंचा? क्या नीतीश कुमार की कोई बेटी-बेटा कहीं पहुंचा है क्या?’
पूर्वी चंपारण में रैली में राम मंदिर का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद मैं आज पहली बार आपके बीच आया हूं.’
आज बिहार में डबल-डबल युवराज भी हैं।
उनमे से एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं।
डबल इंजन वाली एनडीए सरकार, बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
– प्रधानमंत्री श्री @narendramodi#NDASangBihar pic.twitter.com/h2cGbEdn54
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) November 1, 2020
प्रधानमंत्री ने विपक्षी महागठबंधन पर परिवारवाद को लेकर तीखा प्रहार किया. उन्होंने लोगों से पूछा कि सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के लिए काम कर रहीं इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बड़े-बड़े बंगले बने, तो किसके बने? महल बने, तो किसके बने?
राजद-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें सिर्फ अपने और अपने परिवार की चिंता है, यही सच्चाई है और यही इनका इतिहास है.
मोदी ने कहा कि आप याद करिए, जंगलराज में स्थिति तो यह थी कि जो उद्योग, जो चीनी मिलें, दशकों से चंपारण और बिहार का अहम हिस्सा रही हैं, वो भी बंद हो गईं.
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा, ‘अब तो इस चुनाव में जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालों के समर्थक भी शामिल हो गए हैं. इन्हें जरा भी मौका मिल गया तो राज्य में फिर अपराध, अराजकता का दौर आ जाएगा.’
महागठबंधन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जंगलराज के युवराज बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं क्या और क्या वह राज्य में निवेश का माहौल बना सकते हैं?
प्रधानमंत्री ने राजद की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कानून व्यवस्था की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकी रहीं?
मोदी ने कहा कि पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित न हों? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो?
मोदी ने लोगों से राजग को वोट देने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे बिहार के एक गांव की बुजुर्ग महिला के एक वीडियो का भी जिक्र किया.
मोदी ने वीडियो के हवाले से कहा, ‘एक व्यक्ति उस महिला से पूछता है कि ‘मोदी को काहे खातिर वोट देबो.’ आखिर मोदी ने तुम्हारी खातिर किया क्या है?’
प्रधानमंत्री ने स्थानीय भाषा में कहा कि उस महिला ने कहा, ‘मोदी हमरा के नल देहलन, लाइन देहलन, बिजली देहलन, मोदी हमरा के कोटा देहलन, राशन देहलन, पेंसिल देहलन. मोदी हमरा के गैस देहलन. उनका वोट न देबे, त का तोहरा के देब.’
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के अलावा जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर सहित क्षेत्र की विभिन्न विभूतियों का उल्लेख भी किया.
‘चिराग’ से भाजपा अपना घर रोशन करना और नीतीश का घर जलाना चाहती है: गोहिल
नई दिल्ली: कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने विधानसभा चुनाव में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के पीछे भाजपा का हाथ होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि भाजपा इस ‘चिराग’ के जरिये अपना घर रोशन करना चाहती है और नीतीश कुमार का घर जलाना चाहती है तथा फिर ‘चिराग’ को बुझाना चाहती है.
उन्होंने यह सवाल भी किया कि अगर चिराग पासवान को भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन नहीं है तो फिर उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर क्यों नहीं किया गया?
गोहिल ने यह दावा भी किया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान और पुलवामा का मुद्दा नहीं चलेगा, क्योंकि जनता तेजस्वी यादव के राजनीतिक बोझ (बैगेज) रहित चेहरे और कांग्रेस के शासन के अनुभव को समर्थन देना तय कर चुकी है.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार से लोग बहुत परेशान हैं और परिवर्तन चाहते हैं. दूसरी तरफ, एक सकारात्मक एजेंडे के साथ महागठबंधन जनता के बीच है और लोग इससे खुश हैं. पूरी उम्मीद है कि महागठबंधन की सरकार बनेगी.’
महागठबंधन में कांग्रेस के कमजोर कड़ी होने की धारणा को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मुश्किल सीटें मिलने के बावजूद पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी.
यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन के कितनी सीट जीतने की उम्मीद है तो गोहिल ने कहा, ‘मैं हवाबाजी नहीं करता और ज्योतिषी भी नहीं हूं. बिहार की जनता ने ठान लिया है तो बदलाव होकर रहेगा.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले चुनाव में कहा गया था कि महागठबंधन जीतेगा तो पाकिस्तान में पटाखे जलेंगे, लेकिन क्या हुआ. इस बार भी इन मुद्दों (पुलवामा हमला) का असर जीरो होगा. यह चाणक्य की भूमि की जनता है. वो समझ रही है कि ये लोग असल मुद्दों की बात नहीं कर रहे हैं. अगर केंद्र और नीतीश सरकार ने अच्छा काम किया होता वे अपने काम पर वोट मांगते.’
यह पूछे जाने पर कि क्या अगड़ी जातियों के मतदाता राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन पर भरोसा करेंगे, उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी ने बार-बार कहा है कि वह सभी जाति और धर्म के लोगों को साथ लेकर चलेंगे. जब कांग्रेस साथ है तो अगड़ी जाति या किसी भी जाति को यह चिंता नहीं है कि उसके साथ कोई अन्याय होगा.’
चिराग पासवान के नीतीश कुमार पर हमलों को लेकर कटाक्ष करते हुए गोहिल ने कहा, ‘भाजपा के एक हाथ में ऐसा चिराग है जिससे वो अपना घर रोशन करना चाहती है, जदयू का घर जलाना चाहती है और फिर उसी चिराग को बुझाना चाहती है.’
उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा के दूसरे हाथ ओवैसी हैं जिनका वह धर्मनिरपेक्ष नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहती है, लेकिन भाजपा के ये ‘ठगबंधन’ बेनकाब हो चुके हैं.’
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद और वाम दलों के साथ तालमेल कर मैदान में उतरी कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. राजद 144 और वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के तहत 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ. तीन नवंबर को दूसरे और सात नवंबर को तीसरे चरण का मतदान होगा. मतगणना 10 नवंबर को होगी.
विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश राजग छोड़ देंगे: चिराग पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को दावा किया बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा से नाता तोड़कर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो जाएंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में राजग को चुनौती देने की एक और कोशिश करेंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला करने वाले चिराग पासवान को इस चुनाव के बाद नीतीश मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं और वह मौजूदा विधानसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए भाजपा का समर्थन करने का दावा करते रहे हैं.
उन्होंने रविवार को दावा किया, ‘नीतीश कुमार (जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष), जो बार-बार पल्टी मारने के कारण ‘पलटूराम’ के तौर पर जाने जाते हैं, इस चुनाव के बाद फिर पल्टी मार सकते हैं. वह राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ लंबी राजनीतिक लड़ाई के बाद बिहार में सत्ता में आए थे. कुछ साल बाद उन्होंने पुराने सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया और अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ गठबंधन किया.’
चिराग ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नीतीश द्वारा विरोध किए जाने को याद करते हुए आरोप लगाया, ‘राष्ट्रीय स्तर पर खुद को प्रधानमंत्री को संभावित चुनौती देने वाले के तौर पर पेश करने के लिए नीतीश ने पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ कितना जहर उगला था. दो साल में लालू प्रसाद को छोड़ दिए और राजग में वापस लौट आए.’
उल्लेखनीय है कि चिराग पासवास के दिवंगत पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राजग में शामिल हुए थे.
जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा, ‘मेरी बात को याद रखें कि नीतीश अपने चुनाव प्रचार के दौरान लालू प्रसाद के प्रति बहुत सजग हैं और एक बार फिर से महागठबंधन के साथ अगली सरकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं।. यहां तक कि 2024 में खुद को मोदी के एक विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश कर सकते हैं.’
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 140 से अधिक सीटों पर लोजपा ने अपने उम्मीदवार अधिकांश जदयू के प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े किए हैं.
चिराग और उनकी पार्टी के गठबंधन से बाहर होने के अपने कारण हैं: राजनाथ सिंह
देश में राजनीतिक विमर्श के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘लोगों के बीच नफरत फैलाकर चुनाव लड़ा और जीता नहीं जाना चाहिए’ और एक स्वस्थ लोकतंत्र में ‘कड़वाहट भरी और अप्रिय टिप्पणी’ की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार विधानसभा चुनाव जीतेगा.
सिंह ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि पासवान की पार्टी के साथ कोई गुप्त समझौता है. उन्होंने कहा कि भाजपा साथ सुथरी राजनीति में विश्वास रखती है और लोगों के विश्वास से खिलवाड़ नहीं करती.
उन्होंने कहा, ‘चिराग और उनकी पार्टी (लोजपा) के गठबंधन से बाहर होने के अपने कारण हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि लोजपा का कोई असर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन पर पड़ेगा. हमारा गठबंधन चुनाव जीतेगा और राज्य में अगली सरकार बनाएगा.’
इस बात का जिक्र किए जाने पर कि चिराग अपने चुनाव प्रचार के दौरान सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार कर रहे हैं, भाजपा पर नहीं, इस पर सिंह ने कहा, ‘व्यक्तिगत द्वेष स्वस्थ राजनीति के लिए अच्छा नहीं है. इससे दूर रहना चाहिए और मैं खुद इस तरह की राजनीति नहीं करता.’
सिंह ने बिहार में दर्जन भर से अधिक चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और आने वाले दिनों में कई और रैलियों को संबोधित कर सकते हैं.
सिंह ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने राजनीति में विश्वसनीयता के संकट को खत्म कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘वहीं दूसरी ओर, चाहे वह बिहार हो या राष्ट्रीय स्तर पर हो, विपक्ष के पास विश्वसनीयता का अभाव है, क्योंकि वह हमेशा ही अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है.’
आपराधिक मामलों की जानकारी प्रकाशित-प्रसारित नहीं करने वाले उम्मीदवारों को नोटिस
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों में से 104 को कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब तलब किया है.
इन उम्मीदवारों को अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को प्रकाशित अथवा प्रसारित नहीं कराने के आरोप में आयोग ने नोटिस जारी किया है.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी.
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत 71 सीट के लिए 28 अक्टूबर को मतदान कराया गया था. पहले चरण में कुल 1066 उम्मीदवार चुनाव मैदान हैं. इनमें 327 के खिलाफ आपराधिक रिकार्ड हैं, जिनमें से 104 ने अपने आपराधिक इतिहास की कोई भी सूचना प्रकाशित या प्रसारित नहीं कराया है.
बिहार विधानसभा निर्वाचन 2020 के तहत चुनाव लड़ रहे ऐसे सभी उम्मीदवारों को जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है, उन्हें इसकी जानकारी कम से कम तीन बार दैनिक समाचार पत्रों अथवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित कराना जरूरी है.
बिहार चुनाव जनता बनाम नीतीश सरकार का है: तेजस्वी यादव
गोपालगंज/सुगौली: राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि बिहार चुनाव जनता बनाम नीतीश सरकार का है और जनता कमाई, दवाई, पढ़ाई, सिंचाई, सुनवाई और कारवाई का इंतजाम करने वाली गरीब हितैषी सरकार चाहती है.
गोपालगंज और सुगौली में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘यह महज चुनाव नहीं बल्कि बेरोजगारी हटाओ आंदोलन भी है. बिहार को विकसित प्रदेश बनाने एवं बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी हटाने की इस मुहिम में आपका सहयोग अपेक्षित है.’
उन्होंने कहा कि प्याज की माला बनाकर घूमने वाले भाजपा नेता आज बढ़ती महंगाई पर एक शब्द सुनना नहीं चाहते. पहले भाजपा नेताओं के लिए महंगाई डायन थी और अब क्या ‘भौजाई’ बन गई है.
तेजस्वी यादव ने रोजगार एवं विकास के चुनावी वादे को दोहराया और कहा कि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला तो कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि 15 वर्षों के शासनकाल में नीतीश सरकार ने बिहार में कुछ नहीं किया और आज भी शिक्षा, इलाज और रोजी-रोटी के लिए लोगों का पलायन जारी है.
राजद नेता ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन, आंगनबाड़ी सेविका, टोला सेवक की मांगों को पूरा किया जाएगा.
राजद, कांग्रेस और जदयू ने झूठ बोलकर अल्पसंख्यकों का वोट लिया: ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि राजद, कांग्रेस और जदयू ने झूठ बोलकर अल्पसंख्यकों का वोट लिया और बिहार के सीमांचल क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया.
अररिया ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘बिहार में 2015 के चुनाव में गठबंधन के नाम पर खासकर अल्पसंख्यकों को राजद, कांग्रेस और जदयू के लोगों ने झूठ बोलकर वोट हासिल किया.’
उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री एवं जदयू प्रमुख नीतीश कुमार यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठे हैं तो इसके लिए भी राजद और कांग्रेस जिम्मेदार हैं.
ओवैसी ने आरोप लगाया कि राजद, कांग्रेस और जदयू के झूठ बोलने की वजह से भाजपा बिहार की सत्ता में है. उन्होंने सवाल किया कि जब सीमांचल के लोग सीएए और एनपीआर के खिलाफ धरना दे रहे थे तो उस वक्त राजद और कांग्रेस के लोग कहां थे.
ओवैसी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित सीमांचल में हर साल आने वाली बाढ़, पुल का मुद्दा उठाया और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बताया.
मतदाता तेजस्वी पर नीतीश के अनुभव को वरीयता देंगे: अशोक चौधरी
बिहार जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा है कि मतदाताओं के एक वर्ग में यह भावना हो सकती है कि 15 साल शासन करने के बाद नीतीश कुमार थक चुके हैं, लेकिन राज्य के लोग महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के बजाय अब भी उनके (नीतीश के) अनुभव को ही वरीयता देंगे.
उन्होंने कहा कि नीतीश का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ बेदाग रहा है और इसलिए भी राज्य के लोग उन्हें फिर से चुनेंगे.
नीतीश के विश्वासपात्र और पार्टी के दलित चेहरों में शामिल चौधरी ने कहा कि नीतीश के खिलाफ बोलने के बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल नहीं किया जाएगा.
बिहार के भवन निर्माण मंत्री चौधरी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के कारण के बारे में बात करते हुए कहा, ‘विपक्ष यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि वह (नीतीश) वृद्ध हो गए हैं. लेकिन उन्होंने हर क्षेत्र में, चाहे वह आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, या शिक्षा हो, सभी क्षेत्र में काम किया है. लोग खुश हैं. उन्हें (जनता) यह भी याद है कि राजद के 15 साल के शासन में लालू प्रसाद ने क्या किया.’
चौधरी ने प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसके शासन में 1990-2005 के दौरान 118 से अधिक ‘नरसंहार’ हुए थे और जातिगत आधार पर हिंसा की घटनाएं होती थीं.
उन्होंने तेजस्वी यादव के 10 लाख रोजगार देने के वादे का जिक्र करते हुए कहा कि अगर राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को वोट दिया जाता है, तो वह इस वादे को कैसे पूरा करेंगे, इसके लिए पैसा कहां से आएगा.
इस चुनाव में जदयू को भाजपा की तुलना में कम सीट आने की परिस्थिति में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजग के भीतर खींचतान होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी और बिहार विधानसभा की 243 सीटों में गठबंधन को लगभग दो-तिहाई बहुमत मिलेगा.
उन्होंने जदयू के अपने वोट बैंक अति पिछड़ा, महादलित समुदाय और महिलाओं पर मजबूत पकड़ होने का दावा करते हुए कहा कि इससे पार्टी को चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी.
चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी बिहार में राजग में लोजपा की वापसी के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी.
जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता. नीतीश कुमार के खिलाफ उन्होंने (लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान) जो कुछ कहा है, उसके बाद यह कैसे संभव है?’
जदयू नेता ने कहा कि पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना और नीतीश पर प्रहार, राजनीति में अपना स्थान बनाने के उद्देश्य से करते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)