बिहार में 1,200 से अधिक प्रत्याशियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों की घोषणा की है: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजद के 141 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 98, जदयू के 115 में से 56, भाजपा के 109 में से 76, लोजपा के 135 में से 70, कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें 45 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

बिहार की राजधानी पटना में राजद और भाजपा की ओर से लगाए गए पोस्टर. (फोटो: पावनजोत कौर/द वायर)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजद के 141 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 98, जदयू के 115 में से 56, भाजपा के 109 में से 76, लोजपा के 135 में से 70, कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें 45 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

बिहार की राजधानी पटना में राजद और भाजपा की ओर से लगाए गए पोस्टर. (फोटो: पावनजोत कौर/द वायर)
बिहार की राजधानी पटना में राजद और भाजपा की ओर से लगाए गए पोस्टर. (फोटो: पावनजोत कौर/द वायर)

नई दिल्ली: बिहार चुनाव में 1,200 से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है, जिनमें से 115 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में आरोपी हैं और 73 पर हत्या का मामला दर्ज है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनावों में खड़े 3,722 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 1,201 (32 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

इसमें कहा गया कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में 3,450 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया था जिनमें से 1,038 (30 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की सूचना दी थी.

इस बार जिन 3,722 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें 349 राष्ट्रीय दलों से हैं, 470 राज्य के दलों से, 1,607 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से तथा 1,296 उम्मीदवार निर्दलीय किस्मत आजमा रहे हैं.

बड़े दलों में राजद के 141 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 98 (70 प्रतिशत), भाजपा के 109 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 76 (70 प्रतिशत), कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 45 (64 प्रतिशत), लोजपा के 135 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 70 (52 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

वहीं, जदयू के 115 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 56 (49 प्रतिशत) और बसपा के 78 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 29 (37 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

रिपोर्ट के अनुसार, जिन उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, उनमें से राजद के 72 (51 प्रतिशत), भाजपा के 55 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 33 (47 प्रतिशत), लोजपा के 55 (41 प्रतिशत), जदयू के 36 (31 प्रतिशत) और बसपा के 23 (30 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूल की है.

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच के संस्थापक सदस्य और न्यासी जगदीप छोकर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में लड़ रहीं सभी बड़ी पार्टियों ने 37 से 70 प्रतिशत तक ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों के चयन के लिए कारण साफ किए जाएं तथा बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य लोगों को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जा सकता. इन अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुसार, इस तरह के चयन के कारणों को संबंधित उम्मीदवार की योग्यताओं, उपलब्धियों तथा विशेषताओं के संदर्भ में देखना होगा.’

छोकर ने कहा, ‘इसलिए, राजनीतिक दल ऐसे बेबुनियादी और बेकार के कारण देते हैं मसलन व्यक्ति की लोकप्रियता, वह अच्छा सामाजिक कार्य करता है, मामले राजनीति से प्रेरित हैं आदि. ये दागी पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी को खड़ा करने की ठोस वजहें नहीं हैं. ये आंकड़े स्पष्ट बताते हैं कि राजनीतिक दलों की चुनाव प्रणाली के सुधार में कोई दिलचस्पी नहीं है और हमारा लोकतंत्र कानून तोड़ने वालों के हाथों लगातार क्षति सहता रहेगा जो कानून निर्माता बन जाते हैं.’

बता दें कि एडीआर के रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के पहले चरण के चुनाव में उतरे 31 फीसदी प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है.

पहले चरण में मैदान में उतरे 1,064 उम्मीदवारों में से 328 (31 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. 244 उम्मीदवारों (23 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.

वहीं, दूसरे चरण के चुनाव में 34 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक़ 1,463 उम्मीदवारों में से 389 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

इसके अलावा तीसरे चरण में 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है. तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 1,195 उम्मीदवारों में से 371 (31 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है. लगभग 282 (24 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है.

बता दें बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को दूसरे चरण का मतदान हो रहा है. तीसरे चरण के लिए सात नवंबर को मतदान होना है और मतगणना 10 नवंबर को होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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