केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह आठ बजे 561 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जो कि पिछले साल 15 नवंबर के बाद से सर्वाधिक है. आसमान में धुंध छाने से लोगों ने गले में ख़राश और आंखों से पानी निकलने की शिकायत की.
नई दिल्ली: पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और हवा की गति कम होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार सुबह प्रदूषण पिछले एक साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया.
क्षेत्र में आसमान में धुंधलापन छाने से लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी निकलने की शिकायत की.
विशेषज्ञों ने बताया कि हवा न चलने, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से बुधवार रात वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा.
दिल्ली-एनसीआर में कई लोगों द्वारा करवाचौथ के त्योहार पर पटाखे फोड़े जाने को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
Delhi: Air Quality continues to deteriorate in the national capital
Air Quality Index is at 451 in RK Puram (severe category), 394 at Lodhi Raod (very poor category), 440 around IGI Airport (severe category) and 456 in Dwarka (severe category). pic.twitter.com/RFlAbWtxse
— ANI (@ANI) November 5, 2020
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह आठ बजे 561 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जो कि पिछले साल 15 नवंबर के बाद से सर्वाधिक है. उस समय यह 637 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह हवा की अधिकतम गति पांच किलोमीटर प्रति घंटा थी और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 के दौरान, वायु प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के लगभग दो करोड़ निवासियों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है.
आईएमडी के पर्यावरण निगरानी अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वीके सोनी ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सुबह 10 बजे के बाद हवा की गति अचानक से धीमी हो गई थी. वहीं पिछले कुछ दिनों से तापमान में भी काफी गिरावट आ रही है.’
दिल्ली में सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 461 दर्ज किया गया. वहीं बुधवार सुबह 10 बजे यह 261 था.
सभी 36 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में ही रखा.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक गुरुवार सुबह आईआईटी दिल्ली के पास एक्यूआई लेवल 596 पर आ गया है. वहीं, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर एक्यूआई लेवल 503 है.
इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी के अन्य क्षेत्रों- गुरुग्राम में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. जहां गुरुवार को एक्यूआई का स्तर 470 रहा.
नोएडा की हवा में पीएम10 की मात्रा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि वहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 649 पर पहुंच गया.
#WATCH Poor visibility in Delhi-NCR due to rise of pollutants in the atmosphere; Visuals from Signature Bridge in Wazirabad.
Air Quality Index is at 486 in Sonia Vihar, in 'severe' category, according to the Central Pollution Control Board (CPCB) data. pic.twitter.com/V1OikKjUUe
— ANI (@ANI) November 5, 2020
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
दैनिक जागरण के मुताबिक बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्त का स्तर 400-500 के बीच रहा, लेकिन इसमें पराली के धुएं का योगदान बेहद कम रहा.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी महज 5 फीसद रही. वहीं, मंगलवार को पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की 1,949 घटनाएं दर्ज हुई थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)