हरियाणा: बलात्कार और हत्या मामले में सज़ा काट रहे गुरमीत राम रहीम को मिली गुपचुप तरीके से पैरोल

बलात्कार और हत्या मामले में रोहतक जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 24 अक्टूबर को एक दिन की पैरोल दी गई थी. इसकी जानकारी सिर्फ़ मुख्यमंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही थी, यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं पता था कि पुलिस के वाहन में वे किसे ले जा रहे हैं.

गुरमीत राम रहीम. (फोटो: पीटीआई)

बलात्कार और हत्या मामले में रोहतक जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 24 अक्टूबर को एक दिन की पैरोल दी गई थी. इसकी जानकारी सिर्फ़ मुख्यमंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही थी, यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं पता था कि पुलिस के वाहन में वे किसे ले जा रहे हैं.

गुरमीत राम रहीम. (फोटो: पीटीआई)
गुरमीत राम रहीम. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़ः बलात्कार और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक दिन का पैरोल दिया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा-जेजेपी की गठबंधन सरकार ने 24 अक्टूबर को बेहद गुप्त तरीके से राम रहीम को पैरोल दी थी.

बलात्कार और हत्या मामले में हरियाणा की रोहतक जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को उनकी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन के पैरोल पर जमानत दी गई थी.बताया गया है कि उनकी मां गुंड़गांव के अस्पताल में भर्ती हैं.

सूत्रों के अनुसार, गुरमीत राम रहीम को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 24 अक्टूबर को सुनारिया जेल से गुड़गांव अस्पताल ले जाया गया, वह शाम तक वहां अपनी मां के साथ रहे.

इस दौरान उनके साथ हरियाणा पुलिस की तीन कंपनी थी. पुलिस की एक कंपनी में 80 से 100 जवान होते हैं.

डेरा प्रमुख को पुलिस के वाहन से जेल से ले जाया गया और बाद में इसी से वापस लाया गया. इस दौरान वाहन में पर्दे लगे थे.

गुड़गांव में पुलिस के वाहनों को अस्पताल के बेसमेंट में पार्क किया गया और अस्पताल के जिस फ्लोर पर उनकी मां भर्ती थी, उसे पूरी तरह से खाली करा दिया गया था.

रोहतक के एसपी राहुल शर्मा ने बताया, ‘हमें जेल सुपरिंटेंडेंट से राम रहीम के गुरुग्राम दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था का निवेदन मिला था. हमने 24 अक्टूबर को सुबह से लेकर शाम ढलने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी. सब कुछ शांति से हुआ.’

राम रहीम के पैरोल की जानकारी सिर्फ मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही थी. यहां तक कि जवानों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि पुलिस के वाहन में वो जिसे ले जा रहे हैं, वे कौन हैं.

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरीके से पैरोल देकर हरियाणा प्रशासन ने भविष्य में भी राम रहीम द्वारा जमानत लिए जाने का स्थाई आधार बना लिया है.

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 में दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी.

जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

16 साल पुराने इस मामले में अदालत ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.