बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान 2019 में मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बात कही.
एक पत्रकार ने सवाल किया कि क्या नरेंद्र मोदी साल 2019 में दोबारा देश के प्रधानमंत्री बन पाएंगे? इसके जवाब में नीतीश कुमार ने कहा, ‘मोदी का मुकबला करने की क्षमता किसी में नहीं है.’
शरद यादव की नाराज़गी के सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘लोकतंत्र में अलग-अलग विचार होते हैं. मैं भले ही पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं लेकिन हमारी पार्टी की मान्यता बिहार में ही है. इसलिए बिहार की यूनिट अगर कोई फैसला लेती है तो उसकी अपनी अहमियत है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में ही होगी, जो लोग अपनी बात रखना चाहते हैं, वे वहां रख सकते हैं… हमने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले से पहले पार्टी के एक-एक विधायक से बात की थी. शरद यादव जी को भी बुलाया लेकिन उनको इस बात से तकलीफ थी. आज कोविंद जी राष्ट्रपति हैं, इसका हमें गर्व है. बिहार के गर्वनर देश के राष्ट्रपति बने. हम सबको समझना होगा कि निर्णय तो बहुमत का ही होता है.’
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक मुस्लिम विधायक के जय श्री राम का नारा लगाने के विवाद से जुड़े सवाल पर नीतीश बचते दिखे. कहा, अब ये मामला ख़त्म हो गया है. इस सवाल का कोई आधार नहीं है.
राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका के सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘बस, बिहार की ख़िदमत सही तरीके से कर सकूं, ये इच्छा है. आज अगर मेरी चर्चा बिहार से बाहर होती है तो वो बिहार में किए गए मेरे काम से होती है. हम बिहार केंद्रित पार्टी हैं. बिहार की सेवा करना भी राष्ट्रीय धर्म है, प्रदेश की सेवा करना भी राष्ट्रीय भूमिका निभाना है.’
राहुल गांधी के बयान कि उन्हें तीन महीने पहले ही पता चल गया था कि नीतीश के मन में क्या चल रहा है, इस पर नीतीश ने कहा, ‘ये खुशी की बात है कि अब उन्हें तीन महीने पहले एहसास होने लगा है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गुजरात से हार्दिक पटेल मुझसे मिलने आए थे. जनवरी में मुझे गुजरात जाना था. मुझसे कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि आप वहां मत जाइए. हम मान गए, वहां नहीं गए. हमारी कोई भूमिका पसंद नहीं थी. हम सहयोगी हो सकते हैं, किसी के फॉलोवर नहीं.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने क्या-क्या कहा:
- एनडीए के साथ आने के पहले ही हमने तय किया था कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन देंगे. हम इस पर कायम हैं. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इससे अवगत है और उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है.
- राजद के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला जनता के हित में लिया गया.
- लालू यादव और उनके परिवार पर सीबीआई की छापेमारी के बाद मैंने लालू जी से कई बार बात की थी. इस पर लालू यादव ने भाजपा को नया पार्टनर मिलने की बात कहते हुए शुक्रिया कहा, इस बात का लोगों के बीच बहुत गलत संदेश गया.
- सेकुलरिज़्म का चादर ओढ़ के संपत्ति अर्जित करें, यही मतलब है सेकुलरिज़्म का.
- न हम किसी को बचाते हैं और न ही फंसाते हैं, क़ानून अपना काम करेगा. हम किसी को परेशान करने वाले नहीं हैं.
- मेरी पार्टी की हैसियत इतनी नहीं है कि नेशनल एस्पिरेशन (महत्वाकांक्षा) पालें.
- विपक्षी एकता बनाना है तो एजेंडा सेट होना चाहिए, सिर्फ रिएक्टिव एजेंडा से काम नहीं चलेगा. इनिशिएटिव लेकर एजेंडा सेट करना होगा.
- विधानसभा भंग कर चुनाव में जाना विकल्प नहीं था. हमने बिहार के हित में फैसला लिया.
- अब राज्य और केंद्र एक साथ हैं. अब अच्छे से काम हो सकेगा.
- कांग्रेस सदस्य और पूर्व वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने भी बतौर राष्ट्रपति नोटबंदी का समर्थन किया था.