झारखंड में बोकारो ज़िले की बेरमो विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अनूप सिंह ने भाजपा के योगेश्वर महतो को मात दी, जबकि दुमका सीट पर भाजपा की लुईस मरांडी को झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन से हार का सामना करना पड़ा.
दुमका/बोकारो: झारखंड में दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में सत्ताधारी गठबंधन ने बेरमो तथा दुमका दोनों ही विधानसभा सीटें बरकरार रखने में सफलता पाई है.
बेरमो में कांग्रेस के कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने भाजपा के योगेश्वर महतो को 14 हजार से अधिक मतों से पराजित किया, वहीं दुमका में मुख्यमंत्री के छोटे भाई बसंत सोरेन ने 11वें चरण तक लगातार पिछड़ने के बाद भाजपा की लुईस मरांडी को लगभग 6.5 हजार मतों से पराजित किया.
दुमका की जिला निर्वाचन पदाधिकारी राजेश्वरी बी. ने बताया कि यहां 18 दौर की मतगणना का कार्य पूरा हो गया है और झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी बसंत सोरेन ने भाजपा की प्रत्याशी लुईस मरांडी को 6,512 मतों से पराजित कर दिया है. झामुमो ने यह सीट पार्टी के लिए बरकरार रखी है.
दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह सीट भाजपा की लुईस मरांडी को ही 13,188 मतों से पराजित कर जीती थी. अर्थात इन चुनावों में झामुमो की जीत का अंतर लगभग आधा हो गया. यहां जहां झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को कुल 80,190 मत प्राप्त हुए, वहीं भाजपा की लुईस मरांडी को 73,678 मत प्राप्त हुए.
https://twitter.com/BasantSorenji/status/1326112977255190528
जीत दर्ज करने के बाद बसंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा, ‘सबका आभार, यह दुमकावासियों की जीत है, अपने हर वचन को पूरा करूंगा और अपने बड़े भाई हेमंत सोरेन जी के हर कदम से कदम मिलाकर चलूंगा और सभी भाई बहनों के साथ हमेशा हूं.’
दूसरी ओर बोकारो जिले में बेरमो विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में सत्ताधारी गठबंधन के कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने अपने पिता की विरासत बरकरार रखते हुए यहां से भाजपा के योगश्वर महतो बाटुल को 14,249 मतों से पराजित कर दिया.
बेरमो के जिला निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बेरमो में पूरे 17 चक्र की मतगणना का कार्य पूर्ण हो गया है और इस सीट पर कांग्रेस के कुमार जयमंगल को कुल 92,402 मत मिले जबकि भाजपा के योगेश्वर महतो को 78,153 मत प्राप्त हुए.
दोनों ही सीटों पर भाजपा, कांग्रेस तथा झामुमो के उम्मीदवारों को छोड़कर सभी अन्य उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गईं.
झारखण्डी अधिकारों की रक्षा के लिए झारखण्डी सरकार को मजबूत करने वाली दुमका और बेरमो की जनता को मेरा अनेक-अनेक धन्यवाद और जोहार।
आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं दोनों युवा प्रत्याशियों को जीत की ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। pic.twitter.com/8qrunAY3O0— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 10, 2020
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों सीटों पर मिली जीत को लेकर कहा, ‘झारखंडी अधिकारों की रक्षा के लिए झारखंडी सरकार को मजबूत करने वाली दुमका और बेरमो की जनता को मेरा अनेक-अनेक धन्यवाद और जोहार. आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं दोनों युवा प्रत्याशियों को जीत की ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई देता हूं.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के पर्व में दुमका/बेरमो की जनता ने जिस उत्साह से अपने मताधिकार का प्रयोग कर झारखंडी सरकार पर भरोसा जताया-उसके लिए हम सदा उनके ऋणी रहेंगे. साथ ही साथ मैं अपनी पार्टी झामुमो और कांग्रेस समेत समेत महागठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं को उनके अथक मेहनत के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा.’
लोकतंत्र के पर्व में दुमका/बेरमो की जनता ने जिस उत्साह से अपने मताधिकार का प्रयोग कर झारखंडी सरकार पर भरोसा जताया-उसके लिए हम सदा उनके ऋणी रहेंगे।
साथ ही साथ मैं अपने @JmmJharkhand एवं @INCJharkhand समेत महागठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं को उनके अथक मेहनत के लिए धन्यवाद देना चाहूँगा
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 10, 2020
राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी हीरालाल मंडल ने परिणाम की पुष्टि करते हुए बताया कि मतों का पूरा विवरण आधिकारिक तौर पर आने में कुछ वक्त लगेगा लेकिन दोनों सीटों के परिणाम आ गए हैं.
इससे पूर्व जहां बेरमो में कांग्रेस ने शुरू से ही भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ अपनी बढ़त बना ली थी, वहीं दुमका में झामुमो के प्रत्याशी 11वें दौर की मतगणना तक अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की लुईस मरांडी से पीछे चल रहे थे, लेकिन एक बार 12वें दौर में जब उन्होंने मरांडी के खिलाफ बढ़त बनाई तो पीछे मुड़कर नहीं देखा और 6,512 मतों से जीत दर्ज की.
राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी हीरालाल मंडल ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए दोनों सीटों पर मतगणना कर्मचारियों को सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए थे.
दुमका और बेरमो सीटों पर क्रमशः 12 और 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, हालांकि दुमका सीट पर सीधा मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के बसंत सोरेन और भाजपा की लुईस मरांडी एवं बेरमो सीट पर भाजपा के योगेश्वर महतो एवं कांग्रेस के अनूप सिंह के बीच ही हुआ.
कोरोना संक्रमण काल में राज्य में हो रहे पहले विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने व्यापक प्रबंध किए थे और नक्सल प्रभावित जिलों की इन दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए थे.
दुमका की इस प्रतिष्ठापरक सीट को बचाने के लिए जहां सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूरा जोर लगा दिया था वहीं वर्ष 2014 में इस सीट को जीतने वाली भाजपा ने भी उपचुनाव में इस सीट को वापस जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
दुमका सीट पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की तत्कालीन कल्याण मंत्री लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित किया था, लेकिन वह निकट की बरहेट विधानसभा सीट से भी चुनाव जीते थे और बाद में उन्होंने बरहेट सीट अपने पास रखी और दुमका सीट खाली कर दी, जिसके कारण यहां उपचुनाव कराने पड़े.
उपचुनाव में झामुमो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को चुनाव मैदान में उतारा, जबकि भाजपा ने एक बार फिर पूर्व कल्याण मंत्री लुईस मरांडी को ही अपना उम्मीदवार बनाया, जिन्हें भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुमका की बेटी बताया था.
बेरमो सीट पर पिछले दिसंबर में हुए चुनावों में कांग्रेस के ट्रेड यूनियन नेता राजेंद्र सिंह चुनाव जीते थे और उन्होंने भाजपा के योगेश्वर महतो को ही हराया था, जबकि राजेंद्र सिंह 2014 के विधानसभा चुनाव योगेश्वर महतो से ही हार गए थे.
बेरमो सीट पर राजेंद्र सिंह के निधन के चलते उपचुनाव कराए गए और इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने संभवतः सहानुभूति का लाभ लेने के लिए राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया, जिसका उन्हें लाभ भी मिला.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)