बीते जून में चीन द्वारा हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लागू किए जाने के बाद बीते बुधवार को चीन ने एक नया प्रस्ताव पास किया जिसमें स्थानीय सरकार को अनुमति दी गई थी कि अगर कोई विधायक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा क़रार दिए जाते हैं तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है.
हांगकांग: हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक चार विधायकों को अयोग्य करार दे दिया गया है.
बुधवार को चीन ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें स्थानीय सरकार को इसकी अनुमति दी गई थी कि अगर विधायक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिए जाते हैं तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति की मंगलवार और बुधवार को हुई बैठक के बाद ये विधायक अयोग्य करार दिए गए हैं.
इस बैठक में उन लोगों को अयोग्य ठहराने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया जो शहर की स्वतंत्रता की बात करते हैं या शहर के ऊपर चीनी संप्रभुता को स्वीकारने से इनकार करते हैं तथा ऐसे काम करते हैं जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होता है या फिर शहर के मामलों में बाहरी ताकतों से हस्तक्षेप की मांग करते हैं.
चारों विधायकों ने एक संवाददाता सम्मलेन में इसकी पुष्टि की है कि उन्हें अयोग्य करार दिया गया है.
इनमें से एक विधायक क्वॉक का-की ने कहा कि उन्हें अयोग्य करार देना सार्वजनिक मामलों में हिस्सा लेने के उनके अधिकार और मौलिक कानून का उल्लंघन है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले चारों विधायकों को दोबारा चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दे दिया गया था क्योंकि अधिकारियों का मानना था कि हांगकांग के प्रति उनकी निष्ठा ईमानदार नहीं थी.
गौरतलब है कि सोमवार को हांगकांग के 19 लोकतंत्र समर्थक विधायकों ने कहा था कि अगर बीजिंग उनमें से किसी एक को भी अयोग्य करार देता है तो वे शहर की विधायिका परिषद से बड़ी संख्या में इस्तीफा देंगे.
विधायिका का सत्र शुरू, लोकतंत्र समर्थक सदस्यों की बड़े पैमाने पर इस्तीफे की तैयारी
हांगकांग में चार विधायकों को बर्खास्त करने के एक दिन बाद लोकतंत्र समर्थक सदस्यों के बड़े पैमाने पर इस्तीफे की तैयारी के बीच बृहस्पतिवार को विधान परिषद का सत्र शुरू हुआ.
विधान परिषद की इमारत की बालकनी से लोकतंत्र समर्थक सदस्य चियुक तिंग ने बैनर लहराया और कहा कि हांगकांग की नेता कैरी लाम हांगकांग और यहां के लोगों के लिए आफत लेकर आई हैं.
लोकतंत्र समर्थक विधायकों के समूह ने कहा कि वे बृहस्पतिवार को अपना इस्तीफा सौंप देंगे लेकिन तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि वे कब ऐसा करेंगे और इसकी उचित प्रक्रिया क्या होगी.
समूह में शामिल एक सदस्य ने कहा कि उनके चार सदस्यों को हटाना चीन के अर्धस्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में लोकतंत्र के खात्मे की शुरुआत है.
माना जा रहा है कि 15 लोकतंत्र समर्थक विधायकों के इस्तीफे से हांगकांग के भविष्य के मुद्दे पर तनाव और बढ़ेगा.
हांगकांग की विधायिका से लोकतंत्र समर्थक सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे से केवल चीन समर्थक सदस्य बच जाएंगे जो पहले ही बहुमत में हैं और लोकतंत्र समर्थकों के इस्तीफे के बाद वे बिना किसी विरोध के चीन के समर्थन में कानून पारित कर सकेंगे.
क्या दलील दे रहा है बीजिंग समर्थित हांगकांग प्रशासन?
हांगकांग की बीजिंग समर्थित नेता कैरी लान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह 79 सदस्यों वाले सदन में विभिन्न विचारों का स्वागत करती हैं लेकिन कानून तो अपना काम करेगा.
उन्होंने कहा, ‘हम विधान परिषद के सदस्यों को सेवा जारी रखने की मंजूरी नहीं दे सकते हैं क्योंकि वे कानून के तहत आवश्यक और सेवारत शर्तों को पूरा नहीं कर सकते थे.’
हालांकि, कानूनों को अब बिना रोकटोक पास होने के आरोपों से लाम इनकार करती हैं और कहती हैं कि सरकार-समर्थित सदस्य भी कई सरकार के प्रस्तावों का विरोध करते हैं.
विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के ठीक बाद शहर में चीन के प्रतिनिधि के कार्यालय ने कहा कि हांगकांग पर वफादारों का शासन होना चाहिए.
लायसन कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘हांगकांग देशभक्तों द्वारा शासित किया जाना चाहिए, यह एक राजनीतिक नियम है और इसे दृढ़ता से संरक्षित किया जाएगा.’
अधिकारों की अनदेखी का आरोप
चीन ने ग्लोबल फाइनेंशियल हब हांगकांग में अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने से इनकार किया है लेकिन पिछले साल जून में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद विरोध में उठ रही आवाजों को दबाने के लिए हांगकांग और बीजिंग में अधिकारियों ने तेजी से कदम उठाए हैं और शहर को संकट में डाल दिया है.
लोकतंत्र समर्थक विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से पश्चिमी देशों में हांगकांग की स्वतंत्रता को लेकर चिंता बढ़ जाएगी.
अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनियाभर में लोकतंत्र को बढ़ावा देने का वादा किया है और अपने शासन के पहले कार्यकाल में उन्होंने एक लोकतंत्र सम्मेलन भी आयोजित करने को कहा है.
विधान परिषद से अयोग्य करार दिए गए एक अन्य विधायक डेनिस क्वॉक ने कहा, ‘यह पूरी तरह से एक देश, दो सिस्टम की उचित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करता है और बुनियादी मानवाधिकारों की अनदेखी करता है.
हांगकांग की स्वायत्तता को लेकर क्यों पैदा हुई चिंता?
हांगकांग की स्वायत्तता को लेकर इस साल 30 जून को तब बढ़ गई जब चीन ने शहर पर एकतरफा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया.
इस विवादित कानून में अलगाववाद, स्थापित सत्ता की शक्ति और अधिकार के खिलाफ तोड़फोड़ की गतिविधि, आतंकवाद और विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत को लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.
इसके बाद से ही अधिकारियों ने लाइब्रेरियों से कुछ लोकतंत्र समर्थक किताबों को हटा दिया, कुछ गानों और स्कूलों में अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया, कुछ नारों को गैरकानूनी करार दिया और सरकार विरोधी टैबलॉयड के न्यूजरूम पर छापे डाले गए.
इसके साथ ही लोकप्रिय टेबलॉयड ‘एप्पल डेली’ के मालिक और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आवाजों में से एक 72 वर्षीय जिम्मी लाय को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
वहीं इसी महीने आठ अन्य विपक्ष नेताओं को मई में विधान परिषद में हुई एक बैठक के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया था जो हंगामे में बदल गया था.
आलोचकों का कहना है कि अधिकारी लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को पूरी तरह से कुचलने की कोशिश कर रहे हैं जबकि सरकार समर्थकों का कहना है कि अधिकारी एक साल की अशांति के बाद चीन के मुक्त शहर में स्थिरता बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं.
मालूम हो कि हांगकांग ब्रिटिश उपनिवेश रहा है. साल 1997 में इसे ‘एक देश दो सरकार’ सिद्धांत के तहत चीन को सौंप दिया गया था. इस सिद्धांत के तहत हांगकांग को एक तरह की स्वायत्तता मिली हुई है.
हांगकांग का शासन 1,200 सदस्यों की चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा चलाया जाता है.
हालांकि, इस साल मई में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने निचले सदन कांग्रेस को बताया था कि अब ट्रंप प्रशासन हांगकांग को चीन से अलग स्वायत्त क्षेत्र के रूप में नहीं मानता है.
इसके साथ ही हांगकांग को मिलने वाले उन विशेष व्यापार और वित्तीय दर्जों को खत्म किया, जो स्वायत्त होने के कारण हांगकांग को मिलते थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)