उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह दिल्ली सरकार के कोष पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को अनुमति नहीं दे सकते हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से या आंशिक रूप से उसके द्वारा वित्तपोषित दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 28 कॉलेजों को वित्तीय मदद रोकने का आदेश दिया.
सरकार ने यह फैसला कई महीनों से विश्वविद्यालय द्वारा शासकीय निकायों की नियुक्ति में नाकामी के बाद किया.
सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कई ट्वीट करके कहा, वित्त विभाग को दिल्ली सरकार द्वारा विापोषित सभी दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों की फंडिंग पर रोक रोकने का आदेश दिया है, क्योंकि डीयू बीते दस महीने से शासकीय निकायों के गठन का इच्छुक नहीं है.
उन्होंने कहा, मैं शिक्षा के नाम पर दिल्ली सरकार के कोष पर जारी बिना जांच वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को अनुमति नहीं दे सकता.
मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार तरुण दास इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए मौजूद नहीं थे.
इन 28 कॉलेजों में से 12 कॉलेज सौ फीसदी और 16 कॉलेज पांच प्रतिशत सरकारी फंडिंग पर चलते हैं और इनमें अक्टूबर 2016 से पूर्ण शासकीय निकाय नहीं हैं. यह पहली बार है जब संस्थाओं को तीन महीने का विस्तार नहीं दिया गया था.
फरवरी में दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिल्ली सरकार को नामों की सूची सौंपी थी जिसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने मार्च में सूची कार्यकारी परिषद के पास मंज़ूरी के लिए भेजी थी लेकिन डीयू द्वारा इस पर कोई फैसला नहीं किया गया.