जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी धार्मिक स्थलों को बंद करने के लिए विपक्षी भाजपा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लगातार निशाना बनाती रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल बीएस कोश्यारी के बीच भी तनातनी सामने आई थी.
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि राज्य में धार्मिक स्थलों को आगामी सोमवार से फिर खोल दिया जाएगा.
कोरोना महामारी के कारण इस साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के समय से ही राज्य के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं.
इस दौरान ठाकरे ने एक बयान जारी कर दीपावली के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं.
उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस रूपी दैत्य आज भी हमारे बीच है. यद्यपि यह दानव अब धीरे-धीरे खामोश हो रहा है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते. लोगों को अनुशासन का पालन करने की जरूरत है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘होली, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और अन्य त्योहारों में अनुशासन एवं संयम दिखाया गया. इसी तरह लोगों ने ईद, माउंट मेरी जैसे कई त्योहारों भी कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का ध्यान रखकर मनाए.’
उनके मुताबिक, सोमवार से सभी धार्मिक स्थल फिर खोल दिए जाएंगे, लेकिन नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘भीड़ से बचना होगा. धार्मिक स्थलों को खोलना कोई शासनादेश नहीं है, बल्कि यह ईश्वर की इच्छा है. जूते-चप्पल धार्मिक स्थल परिसर से बाहर रखे जाएंगे और मास्क पहनना अनिवार्य होगा.’
ठाकरे ने कहा, ‘अगर हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हमें ईश्वर का आशीर्वाद मिलेगा.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी धार्मिक स्थलों को बंद करने के लिए विपक्षी भाजपा मुख्यमंत्री ठाकरे को लगातार निशाना बनाती रही है.
हालांकि, ठाकरे यह कहते हुए अपने फैसले का बचाव करते रहे कि प्रार्थना स्थलों पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करवाना मुश्किल है.
जनता को संबोधित करने वाले अपने एक डिजिटल संदेश में उन्होंने कहा था कि मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को तैयार किया जा रहा है और इन स्थलों को खोलने का फैसला दीवाली के बाद लिया जाएगा.
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल बीएस कोश्यारी के बीच भी तनातनी सामने आई थी और कोश्यारी ने शिवसेना प्रमुख के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए कटाक्ष किया था कि क्या वह धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं.
हालांकि, राज्यपाल के पत्र की शरद पवार सहित महाविकास अघाड़ी नेताओं ने तीखी आलोचना की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)