आईआरसीटीसी द्वारा संचालित देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद से मुंबई के बीच चल रही थीं. कोरोना महामारी से पहले 50-80 फीसदी सवारियों के साथ चलने वाली 736 सीटों वाले इस ट्रेन में अब केवल 25 से 40 फीसदी सवारी यात्रा कर रहे थे.
नई दिल्ली: रेल मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने कहा है कि वह देश की पहली निजी ट्रेनों- लखनऊ-दिल्ली और मुंबई-अहमदाबाद तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन रद्द कर रही है.
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, आईआरसीटीसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘कोविड-19 महामारी से कम सवारियों के कारण प्रबंधन ने आईआरसीटीसी तेजस ट्रेनों के संचालन को रद्द करने का फैसला किया है.’
उसमें आगे कहा गया कि दोनों ही मार्गों पर भारतीय रेलवे की अन्य ट्रेनों में सवारियों के स्तर की समीक्षा करने के बाद आईआरसीटीसी अपने फैसले की समीक्षा करेगी.
लखनऊ-नई दिल्ली (82501/82502) तेजस एक्सप्रेस 23 नवंबर से जबकि अहमदाबाद-मुंबई (82901/82902) तेजस एक्सप्रेस 24 नवंबर से रद्द रहेगी.
कोविड-19 महामारी के कारण इन दोनों तेजस ट्रेनों को संचालन 19 मार्च, 2020 से ही निलंबित कर दिया गया था.
आईआरसीटीसी ने लखनऊ-दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस को संचालन 4 अक्टूबर, 2019 और अहमदाबाद-मुंबई-अहमदाबाद तेजस एक्सप्रेस का संचालन इस साल 19 जनवरी से शुरू किया था.
कोविड-19 महामारी के कारण सात महीने तक निलंबित रहने के बाद मुंबई-अहमदाबाद तेजस एक्सप्रेस का संचालन 17 अक्टूबर से दोबारा शुरू किया गया था.
महामारी से पहले 50 से 80 फीसदी सवारियों के साथ चलने वाली 736 सीटों वाले इस ट्रेन में अब केवल 25 से 40 फीसदी सवारी यात्रा कर रहे थे.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस ट्रेन को चलाने में आमदनी कम है जबकि खर्च अधिक है.
इस ट्रेन को चलाने का दैनिक खर्च 15 से 16 लाख रुपये है और ट्रेन में अमूमन 50 से 60 यात्रियों की बुकिंग रहती है. यदि हर पैसेंजर के टिकट की कीमत 1,000 रुपये औसत भी मान लिया जाए तो 50 से 60 हजार रुपये की ही आमदनी है.
भारतीय रेलवे की सहायक वाणिज्यिक इकाई के रूप में काम करने वाली आईआरसीटीसी ने पहले चरण के रूप में इन दो ट्रेनों का संचालन शुरू किया था.
वहीं, आईआरसीटीसी द्वारा संचालित तीसरी काशी महाकाल एक्सप्रेस एक्सप्रेस का संचालन अभी शुरू नहीं हो सका जो इंदौर और वाराणसी के बीच चलने वाली थी.
इससे पहले तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन दोबारा शुरू करते हुए आईआरसीटीसी ने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए दोनों ट्रेनों में हर दूसरी सीट खाली रहेगी और कोच में सवार होने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और एक बार सीट पर बैठने के बाद उसकी अदला-बदली नहीं की जा सकेगी.
इन ट्रेनों में वाई-फाई सुविधा के अलावा मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और पढ़ने के लिए निजी लाइट की सुविधा दी गई थी. साथ ही ट्रेन में मॉड्यूलर बायो टॉयलेट और सेंसर टैप (पानी की टोंटी) भी लगाए गए थे.